0 अर्णव की मौत पर सियासत ? क्या खत्म होगा हिंदी मराठी भाषा विवाद? हम अर्णव खैरे के पीड़ित परिवार के साथ, न्याय जरूर दिलाएंगे; मनसे प्रवक्ता संदीप देशपांडे - Khabre Mumbai

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अर्णव की मौत पर सियासत ? क्या खत्म होगा हिंदी मराठी भाषा विवाद? हम अर्णव खैरे के पीड़ित परिवार के साथ, न्याय जरूर दिलाएंगे; मनसे प्रवक्ता संदीप देशपांडे

कल्याण के कोळसेवाडी का १९ वर्षीय बीएससी फर्स्ट ईयर का छात्र अर्णव खैरे अब इस दुनिया में नहीं है।
वह कॉलेज में एक्जाम देने के लिए कल्याण आया और अंबरनाथ से ट्रेन ली। मुलुंड के केलकर कॉलेज में पढ़ने वाला अर्णव डॉक्टर बनना चाहता था लेकिन हिन्दी मराठी भाषा विवाद ने अर्णव को निगल लिया।
ट्रेन में भीड़ थी, अर्णव ने आगेवाले यात्री से कहा, भाई थोड़ा बढ़ जाओ , मुझे अंदर जाना है। बस इतनी सी बात थी। 
आस पास के कुछ यात्रियों ने कहा तुझे मराठी नहीं आती है क्या ? अर्णव ने मराठी में जवाब देते हुए मराठी में कहा कि वह मराठी ही है। इस पर वह लोग और भड़क गए और बोले," मग मराठी बोलायला लाज वाटते काय?" ( मराठी बोलने में शर्म आती है क्या ?)
इसके बाद अर्णव को मारा पीटा गया। लोगों ने छुड़ा तो दिया पर अर्णव आहत था। वह थाने उतर गया था। मुलुंड कॉलेज गया, परीक्षा के बीच से उठकर बाहर आ गया,  पिता जितेंद्र खैरे को फोन किया और कहा कि पेट में दर्द है, इसलिए वह परीक्षा के बीच से ही उठकर बाहर आ गया। पिता ने कहा , कोई बात नहीं, वह घर तो जा सकता है ,इस ऐप अर्णव ने हां कहा और घर के लिए कल्याण ट्रेन ले ली।
कल्याण उतर कर भी उसकी पिता से बात हुई कि वह घर पहुंच जाएगा ।
घर जाकर उसकी फिर पिता से बात हुई और उसने बताया कि ट्रेन में उसके साथ आज क्या हुआ है। 
पिता ने आश्वासन दिया कि अगले दिन वह उसके साथ जाएंगे और यात्रियों की जानकारी निकाल लेंगे, वह रेलवे पुलिस की भी मदद लेंगे 
लेकिन अर्णव गहरी पीड़ा में था। वह यही कह रहा था, कि उसकी गलती क्या थी? उसे क्यों मारा गया ?
आखिरकार अर्णव खैरे ने आत्महत्या कर ली 
एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट बताकर कोल्सेवाडी पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है।

नेता तहसीन पूनावाला ने कहा कि मराठी हिंदी भाषा विवाद को फैलाने वाली पार्टी मनसे पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है ।
मनसे प्रवक्ता संदीप देशपांडे ने कहा कि पार्टी अर्णव खैरे के पीड़ित परिवार के साथ है, जो भी घटना के जिम्मेदार हैं, उन्हें सजा जरूर मिलेगी। मनसे ऐसी घटना का समर्थन बिल्कुल नहीं करती।
पोलिस तहकीकात में जुट गई है।





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