मुंबई उपनगर पालघर में प्राइवेट स्कूल में पढ़नेवाली 6 वीं की छात्रा की मौत/ स्कूल में देर से आने की सजा मिली 100 बार उठक बैठक/बच्ची को अस्पताल में करना पड़ा भर्ती
मुंबई उपनगर सातीवाली ,पालघर स्थित प्राइवेट स्कूल में कक्षा 6 की छात्रा स्कूल देरी से पहुंची तो क्लास टीचर ने उसे कंधे पर बैग लिए हुए अवस्था में 100 बार उठक बैठक करने की सजा दे दी ।
बच्ची की मां के अनुसार, जब उन्हें पता चला तो वह टीचर से पूछने गई, इस पर टीचर ने कहा कि सही सजा दी है। लेट बच्चे आते हैं, तो आप पेरेंट्स ही कहते हैं हम फीस देते हैं, आप लोग ही नहीं पढ़ाते।
मां का कहना है कि यह अमानवीय सजा दी गई।बच्ची की हालत खराब हो गई, पीठ और गले में दर्द इतना बढ़ा कि अस्पताल में भर्ती किया गया जहां कल शुक्रवार मायने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
स्कूल कि घटना 8 नवम्बर की है।
एक टीचर ने स्कूल की ओर से बयान दिया कि बच्ची ने कितना उठक बैठक किया ,यह नहीं जानकारी है, उसकी मौत का वास्तविक कारण क्या है यह अभी कहना मुश्किल है।
अभी तक कोई पुलिस प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
ब्लॉक शिक्षण अधिकारी पांडुरंग ग्लांगे के अनुसार इस मामले में कार्रवाई शुरू है, जांच की जा रही है।
वसई के मनसे नेता सचिन मोरे के अनुसार बच्ची का स्वास्थ्य पहले भी कम ठीक था ,उस पर उसे इतनी कठोर सजा दी गई जिसके चलते उसकी मौत हो गई।
स्कूलों मे अध्यापकों का यह रवैया, इतनी संवेदन हीनता का होना बहुत ही चिंताजनक है। 6 वीं में पढ़ने वाले बच्चे को बैग लेकर 100 बार सिटिंग की सजा निश्चित रूप से चौंकानेवाला है।
स्कूल बैग ही इतना भारी होता है कि स्कूल प्रबंधन कई बार चेक भी नही करता कि वजन सरकारी आदेश के तहत तय मानक के अनुरूप है भी या नहीं।
शिक्षण विभाग को प्राइवेट स्कूल के बढ़ते मनमानी और ऐसे दुर्व्यवहार पर कठोर नियंत्रण करना आवश्यक है।
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