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रक्षाबंधन पर विशेष

आज पूरे देश में मनाया जा रहा है भाई-बहन के रिश्ते का सबसे पवित्र पर्व ''रक्षाबंधन''

राखी बांधने के महत्वपूर्ण नियम
1. तीन गांठों का रहस्य- आस्था और सुरक्षा का प्रतीक
राखी में तीन गांठें लगाने की परंपरा है, जो गहरे आध्यात्मिक अर्थ रखती हैं। 
पहली गांठ - ब्रह्मा जी को समर्पित, जो जीवन की शुभ शुरुआत का प्रतीक है।
दूसरी गांठ - भगवान विष्णु को समर्पित, जो स्थिरता और संतुलन लाते हैं।
तीसरी गांठ - भगवान शिव को समर्पित, जो बुरी शक्तियों से रक्षा करते हैं।

2. दिशा का विशेष महत्व
राखी बांधते समय भाई का मुख पूर्व दिशा की ओर और बहन का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। इससे रिश्ते में सकारात्मक ऊर्जा और शुभ फल प्राप्त होते हैं।

रक्षा-सूत्र बांधते समय बहनें इस मंत्र का उच्चारण करें  
'येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि, रक्षे माचल माचलः।।

इस मंत्र का अर्थ है - जिस पवित्र धागे से महाबली राजा बलि की रक्षा हुई थी, उसी से मैं तुम्हारी रक्षा करती हूं। यह धागा तुम्हें हर संकट से बचाए।

रक्षाबंधन के दिन के शुभ उपाय
1. आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए
सुबह पूजा की थाली में राखी के साथ एक चांदी या एक रुपये का सिक्का रखें। पहले भगवान गणेश को राखी बांधें और सिक्का मंदिर में रख दें। अगले दिन इसे लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें।

2. तरक्की पाने के लिए
भगवान शिव का दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अभिषेक करें, फिर भगवान शंकर को राखी बांधें और विधिपूर्वक पूजा करें।

3. सुख-शांति और समृद्धि के लिए
लक्ष्मी माता और गणेश जी की पूजा कर ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’ और ‘ॐ गण गणपतये नमः’ का 108 बार जाप करें।

4. परिवार की सुरक्षा के लिए
सरसों, केसर, सिक्का, चंदन, अक्षत और दूर्वा को रेशमी कपड़े में बांधकर कलश पर रखें और पूजा करें।
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(आचार्य अजय मिश्र जी, विहिप संचालित समर्थ हनुमान टेकडी सिद्धपीठ, सायन मुंबई द्वारा प्रेषित)
रक्षाबंधन 2025 
इस बार नहीं है भद्रा 

9 अगस्त 2025 शनिवार
श्रावण शुक्ल पूर्णमासी  
इस बार भद्रा रहित काल में रक्षाबंधन का पवित्र त्यौहार मनाया जाएगा सूर्योदय से लेकर के कभी भी रक्षाबंधन का त्यौहार मना सकते हैं |
रक्षाबन्धन भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षाबन्धन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का बन्धन बांधती है, जिसे राखी कहते हैं। यह एक हिन्दुओं का त्योहार है जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
 श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) या सलूनो भी कहते हैं रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व है। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे, तथा सोने या चाँदी जैसी मँहगी वस्तु तक की हो सकती है। रक्षाबंधन भाई बहन के रिश्ते का प्रसिद्ध त्योहार है, रक्षा का मतलब सुरक्षा और बंधन का मतलब बाध्य है।
 रक्षाबंधन के दिन बहने भगवान से अपने भाईयों की उन्नति के लिए भगवान से प्रार्थना करती है। राखी सामान्यतः बहनें भाई को ही बाँधती हैं परन्तु ब्राह्मणों, गुरुओं और परिवार में छोटी लड़कियों द्वारा सम्मानित सम्बंधियों (जैसे पुत्री द्वारा पिता को) भी बाँधी जाती है। कभी-कभी सार्वजनिक रूप से किसी नेता या प्रतिष्ठित व्यक्ति को भी राखी बाँधी जाती है। रक्षाबंधन के दिन भाई अपने बहन को राखी के बदले कुछ उपहार देते है।

हिन्दू धर्म के सभी धार्मिक अनुष्ठानों में रक्षासूत्र बाँधते समय कर्मकाण्डी पण्डित या आचार्य संस्कृत में एक श्लोक का उच्चारण करते हैं, जिसमें रक्षाबन्धन का सम्बन्ध राजा बलि से स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर होता है (यह श्लोक रक्षाबन्धन का अभीष्ट मन्त्र -)-

येन बद्धो बलिराजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल ॥

इस श्लोक का हिन्दी भावार्थ है- "जिस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली दानवेन्द्र राजा बलि को बाँधा गया था, उसी सूत्र से मैं तुझे बाँधता हूँ। हे रक्षे (राखी)! तुम अडिग रहना (तू अपने संकल्प से कभी भी विचलित न हो।)"महाराष्ट्र राज्य में यह त्योहार नारियल पूर्णिमा या श्रावणी के नाम से विख्यात है। इस दिन लोग नदी या समुद्र के तट पर जाकर अपने जनेऊ बदलते हैं और समुद्र की पूजा करते हैं। इस अवसर पर समुद्र के स्वामी वरुण देवता को प्रसन्न करने के लिये नारियल अर्पित करने की परम्परा भी है। यही कारण है कि इस एक दिन के लिये मुंबई के समुद्र तट नारियल के फलों से भर जाते हैं।

रक्षाबंधन पर इस बार ग्रहों का बेहद की शुभ संयोग बन रहा है। रक्षाबंधन पर इस बार करीब 24 साल बाद एक साथ 4 शुभ योग बन रहा है। बता दें कि रक्षाबंधन पर बुधादित्य राजयोग, सौभाग्य योग, गजलक्ष्मी राजयोग और सर्वार्थ सिद्धि योग का बेहद शुभ संयोग बन रहा है। बता दें कि सूर्य और बुध की कर्क राशि में युति होने से बुधादित्य राजयोग बनेगा। जबकि शुक्र और गुरु की मिथुन राशि में युति होने से गजलक्ष्मी राजयोग बनेगा। इसके साथ इस दिन चंद्रमा मकर राशि में होंगे और सर्वार्थ सिद्धि योग और सौभाग्य योग बनेगा।


आप सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं!

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