0 मीरा भयंदर में गरजे राज ठाकरे, हिंदी किसी की मातृभाषा नहीं/ २५० से अधिक स्थानीय भाषाओं को निगल गई हिंदी/ मराठी का इतिहास २५००/३००० साल पुराना जबकि हिंदी सिर्फ २०० साल पुरानी - Khabre Mumbai

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मीरा भयंदर में गरजे राज ठाकरे, हिंदी किसी की मातृभाषा नहीं/ २५० से अधिक स्थानीय भाषाओं को निगल गई हिंदी/ मराठी का इतिहास २५००/३००० साल पुराना जबकि हिंदी सिर्फ २०० साल पुरानी

मीरा भयंदर में शाखा के उद्घाटन के बाद हुई सभा में मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि हिंदी किसी की मातृभाषा नहीं है।
मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा पिछले साल दिया गया ,जिसके लिए शिवाजी पार्क के आयोजित सभा में  उन्होंने अपने वक्तव्य में पीएम मोदी के सामने उन्हें समर्थन देने के लिए पांच शर्त में यह एक शर्त रखी थी। केंद्र सरकार ने अभिजात भाषा का दर्जा जरूर दिया लेकिन आज तक उसके लिए १ रुपया नहीं आया है।
अभिजात भाषा का दर्जा देने के लिए पहली शर्त है कि भाषा को १४०० साल पुरानी होना आवश्यक है। जबकि हिंदी २०० साल महज पुरानी है। यहां वहां के राज्यों से जोड़ तोड़ कर हिंदी बनी है।
हिंदी किसी की मातृभाषा नहीं है। मनसे प्रमुख ने कह कि स्थानीय स्तर पर बोली जानेवाली लगभग २५० से अधिक भाषाओं का अस्तित्व हिन्दी ने समाप्त कर दिया । हनुमान चालीसा भी हिन्दी में नहीं बल्कि अवधी में है।
गढ़वाली, भोजपुरी, ब्रज, अवधी, हरियाणवी जैसे कई भाषाएं हिंदी में खत्म हो गईं।
हिंदी पत्रकारों ,हिंदी चैनलों पर उन्होंने कहा कि मुंबई में , महाराष्ट्र में छोटी सी घटना पर पूरे देश में हिंदी न्यूज वाले हंगामा मचा देते हैं। गुजरात में १४ महीने की बच्ची के साथ एक बिहारी ने बलात्कार किया तो लगभग २० हजार लोगों को गुजरात से  निकाला गया , किसी को नहीं पता चला लेकिन यहां एक मिठाईवाले को कान के नीचे बजाया तो पूरे देश में हाहाकार मच गया है।
हम हिन्दू हैं पर हिंदी नहीं हैं।
मनसे चीफ ने कहा उनकी हिंदी राज्य के बहुत से राजनेताओं की अपेक्षा बहुत अच्छी है। कारण उनके पिताजी की हिंदी बहुत अच्छी थी। वह हिंदी अंग्रेजी मराठी और उर्दू का अच्छा ज्ञान रखते थे।

राज ठाकरे ने कहा कि यदि सरकार हिन्दी की सख्ती करेगी तो उनका विरोध जारी रहेगा।बच्चों को हिंदी की सख्ती की तो बिल्कुल नहीं चलेगा।
मीरा रोड से पालघर तक कई इमारतें बन रही है यहां बाहर से लोग सिर्फ आकर रह नहीं रहे हैं बल्कि मतदार संघ बना रहे हैं। उन्हीं के आमदार, खासदार, नगरसेवक होंगे।  यह धीरे धीरे मुंबई में फैल जाएगा।इसलिए हमे आज जागना होगा।



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