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मनपा चुनाव से पहले शिंदे का मास्टर स्ट्रोक, भीमशक्ति शिवशक्ति महायुति से राजनीतिक हलचल हुई गरम। एक साथ विरोधी पक्ष के सभी दलों की जान आफत में

एकनाथ शिंदे, यह नाम पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र की राजनीति में काफी चर्चा में रहा है।
राज्य के उप मुख्यमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने संविधान निर्माता डॉ बाबासाहेब आंबेडकर के पोते एवं रिपब्लिकन सेना प्रमुख आनंद राज आंबेडकर के साथ गठबंधन कर लिया है।
भीमशक्ति शिवशक्ति गठबंधन के बाद विरोधी खेमे में शिवसेना यूबीटी, कांग्रेस , राकांपा शरद पवार  समेत कइयों की नींद उड़ गई है।
शिंदे ने कहा कि दोनों पार्टियां जमीनी स्तर पर काम करती रही हैं। मैं जब सीएम था तो कॉमन मैन बनकर जनता के लिए काम किया और अब डिप्टी सीएम हूं तो भी कॉमन मैन के लिए काम कर रहा हूं।
जो संविधान खतरे में है के नारे लगाते रहे  यह वह देख ले कि आज उन्हीं संविधान निर्माता भारत रत्न डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर का रक्त और कॉमन मैन के विचारों को लेकर चलने वाले बालासाहेब की वैचारिक विरासत का मिलन हुआ है। बालासाहेब अपने सहयोगियों को अपना साथी मानते थे लेकिन आज कुछ लोग खुद को उनका उत्तराधिकारी मानते हैं।

आनंदराज ने कहा कि यह गठबंधन महाराष्ट्र के सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन में बड़ा बदलाव लानेवाला है।

(बाएं से: प्रकाश आंबेडकर, आनंदराज आंबेडकर, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे)

मनपा चुनाव से पहले इस गठबंधन से भाजपा को भी संकेत मिला है कि वह अकेले चुनाव लड़ने का न सोचे, अन्यथा भारी नुकसान हो सकता है।  हालांकि शिवसेना द्वारा भाजपा के साथ मनपा चुनाव लड़ने को लेकर कोई बयान अब तक नहीं दिया गया है। 
आनंदराज के बड़े भाई प्रकाश आंबेडकर की पार्टी बहुजन वंचित आघाड़ी, महाविकास आघाड़ी के साथ है और बीते विधानसभा चुनाव में भी उनके साथ ही थी। महाविकास आघाड़ी में कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी, राकांपा शरद पवार शामिल हैं।
इस घटनाक्रम के बाद प्रकाश आंबेडकर ने भी आनंदराज के इस कदम की तीखी आलोचना की है।

एकनाथ शिंदे ,राजनीति में क्या धमाका कर सकते हैं, यह अंदाज राजनीतिक विश्लेषकों के लिए काफी मुश्किल होता है।



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