0 एयर इंडिया प्लेन क्रैश के क्रू मेंबरों की अलग अलग जीवन दास्तां/ नहीं रुक रहे परिवार के आंसू/ अब भी है भरोसा जीवित होने का ! - Khabre Mumbai

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एयर इंडिया प्लेन क्रैश के क्रू मेंबरों की अलग अलग जीवन दास्तां/ नहीं रुक रहे परिवार के आंसू/ अब भी है भरोसा जीवित होने का !

अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया फ्लाइट के सरदार वल्लभ भाई पटेल हवाई अड्डे से  निकलते ही चंद सेकंड्स में इतना भयावह प्लेन क्रैश हुआ कि पूरी दुनिया सिहर उठी।

प्लेन में २४२ लोग थे जिनमें २३० यात्री, १० क्रू मेंबर ,२ पायलट शामिल थे। सिर्फ एक जीवित यात्री को छोड़कर कोई नहीं बच सका। सवा लाख लीटर ईंधन इस तरह प्लेन में धू धू कर जला कि लोग स्तब्ध रह गए, जिस मेडिकल कॉलेज हॉस्टल से टकराया, वह इमारत क्षतिग्रस्त होकर मलबे में तब्दील हुई, २८ के लगभग मेडिकल स्टूडेंट, सर्विस स्टाफ हॉस्टल स्टाफ की डेड बॉडी निकालने का काम लगातार रात भर चलता रहा।

इतना बड़ा हादसा हुआ कि देश थम गया। टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया के विमान की यह खबर आएगी, शायद कोई सपने में भी नहीं सोच सकता था।
कई VVIP भी इस विमान में थे।पूर्व मुख्यमंत्री गुजरात, विजय रुपानी भी १२ जून को इसी विमान में सवार थे। 
गृहमंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी, नागरिक उड्डयन मंत्री समेत कई राजनीतिक हस्तियां घटनास्थल पहुंची।गृह मंत्री ने १२ को ही  रात में लाइव कांफ्रेंस कर गहरा दुख जताया।

टाटा समूह ने मृतक के परिवारों को १/१ करोड़ मुआवजा देने को घोषणा की, घायलों के उपचार का पूरा खर्च, हॉस्टल बिल्डिंग निर्माण में सहयोग इत्यादि घोषित कर दिए गए।

कोई क्रू मेंबर ( वह कर्मचारी जो विमान में होते हैं यात्रियों की सुविधा में तैयार रहते हैं) अपनी युवा उम्र में तो कोई महज दो साल पहले इस नौकरी में आया तो कोई सीनियर मोस्ट मेंबर ..आज उनका परिवार किस ग़म में है, इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है।

किसी का बच्चा अपनी मां का रास्ता आज भी देख रहा है। किसी क्रू मेंबर बेटी के पिता को आज भी इंतजार है कि लंदन लैंड होकर उसकी बेटी काल करेगी, क्यों कि बेटी ने अहमदाबाद उड़ान भरने से पहले फोन किया था इस वादे के साथ वह लंदन पहुंचकर फोन करेगी।
इन आंसुओं का कोई क्या हिसाब लगा सकेगा?

मैथिली पाटिल, उम्र २२ वर्ष ने महज २ वर्ष पहले एयर इंडिया की यह नौकरी हासिल की थी। पनवेल के ऊरन की रहनेवाली मैथिली के पिता मोरेश्वर पाटिल अब भी इसी उम्मीद में है कि मैथिली लंदन पहुंचकर काल करेगी। मोरेश्वर को गर्व था कि उनकी बेटी का चयन एयर इंडिया में हुआ है। वह पेशे से मजदूर ठेकेदार हैं।

 गांव के पूर्व सरपंच एवं करीबी पारिवारिक रिश्तेदार जितेंद्र म्हात्रे के अनुसार मैथिली पाटिल बुधवार शाम को नौकरी पर जाने के लिए घर से रवाना हुई थी।
बचपन से ही आसमान में उड़ते का ख्वाब देखनेवाली ने बारहवीं टी एस रहिमन स्कूल से पढ़ाई के बाद एविएशन कोर्स किया और दो साल पहले ही एयर इंडिया को ज्वाइन किया था। ग्रामीण समाज को मैथिली ने बहुत प्रभावित किया था। मैथिली अब अपने माता पिता छोटी बहन और भाई को छोड़कर इतनी दूर जा चुकी है जहां से कभी वापस नहीं आएगी।


अपर्णा महादिक
गोरेगांव पूर्व ओबेरॉय स्क्वायर सिटी की रहिवासी अपर्णा महादिक राकांपा नेता सुनील तटकरे के भांजे अमोल की पत्नी थीं, अमोल तटकरे भी एयर इंडिया के कर्मचारी हैं। सीनियर मोस्ट क्रू मेंबर भी इस फ्लाइट में वही थीं। अपर्णा की दस साल की बेटी आज भी घर पर अपनी मां के आने का इंतजार कर रही है। 


रोशनी सोनघरे:

राजाजी पथ, डोंबिवली पूर्व की निवासी रोशनी की शादी पिछले वर्ष ही एक मर्चेंट नेवी अफसर से तय हुई थी।
२६ वर्ष की रोशनी को क्या पता था कि १२ जून के बाद की सुबह उसके जीवन में कभी नहीं आएगी। पूरा परिवार शादी को लेकर उत्साहित था जो होनेवाली थी पर उनकी राजकुमारी रोशनी सदा के लिए अंधेरे में खो गई है।
रोशनी का परिवार मूल रूप से रत्नागिरी के मनदनगढ़ से है और दो साल पहले ही डोंबिवली में बस गया था।
तीन दिन पहले रोशनी डोंबिवली से ड्यूटी पर निकली और अब कभी वापस नहीं आ पाएगी, विवाह की तैयारी मातम में बदल गई।
पिता और भाई कुछ दिन पहले तक रोशनी को शादी की डोली में विदा करने की तैयारी कर रहे थे, शॉपिंग कर रहे थे लेकिन अब उन्हें उसकी बॉडी लेने अहमदाबाद जाना पड़ा रहा है।
रोशनी ने अपने पीछे पिता राजेंद्र, मां राजश्री, छोटे भाई विग्नेश के रूप में परिवार को छोड़ दिया है।


क्लाइव कुंदर :
इस फ्लाइट के फर्स्ट पायलट  और गोरेगांव के रहनेवाले थे। कुंदर के पिता क्लीफर्ड अब भी कलिना में रहते हैं जहां से कुंदर ने गौरेगांव में शिफ्ट किया था।
कुंदर असिस्टेंट कैप्टेन सभरवाल को सहयोग कर रहे थे।
वह our lady of Egypt Church , Kalina के सक्रिय सदस्य भी थे।


दीपक पाठक: ३४ वर्षीय दीपक बालासाहेब पाठक अपने माता पिता और पत्नी पूनम के साथ बदलापुर ( कल्याण के आगे ) में रहते थे। चार पांच दिन पहले उन्होंने अस्वस्थता के चलते छुट्टी ली थी लेकिन इमरजेंसी सेवाओं का हवाला देते हुए एयर इंडिया ने उन्हें बुलाया था और उन्होंने ११ मई को ड्यूटी ज्वाइन की थी।उनके रिश्तेदार सचिन खड़तरे ने कहा कि यदि वह छुट्टी पर ही रहते और १४ जून को जाते तो आज हमारे बीच जीवित होते।अस्वस्थ होने के बावजूद उन्हें काम पर बुला लिया गया था।
दीपक के पिता बालासाहेब माटुंगा रेलवे वर्कशॉप में कर्मचारी थे और रिटायरमेंट के बाद १५ साल पहले बदलापुर शिफ्ट हो गए थे।
 दीपक ने परेल के एक कॉन्वेंट स्कूल से पढ़ाई की और चार साल पहले ही विवाह हुआ था।
 ११ साल तक एयर इंडिया में सर्विस के बाद उन्हें केबिन क्रू मेंबर के रूप में छह महीने पहले ही पदोन्नति दी गई थी।

इरफान समीर शेख:
पुणे के पिंपरी चिंचवड़ के २२ वर्षीय इरफान के पिता सलीम दुकान चलते हैं जबकि भाई सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता है और मां गृहिणी है लेकिन इरफान को जहाज में रहकर यात्रियों को सेवा देते हुए पूरी दुनिया घूमने का शौक था , इसलिए एयर इंडिया को ज्वाइन किया था।
अहमदाबाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने इरफान के भाई का खून सैंपल लिया है ताकि DNA जांच कर बॉडी दी जा सके।


सुमीत सभरवाल
असिस्टेंट कैप्टेन के रूप में इस जहाज १७१ AI की सेवा दे रहे थे। ८२०० घंटे वायुयान का अनुभव था।आखिरी बार सुमीत ने पिता से फोन पर कह दिया था कि अब वह पिता की सेवा करना चाहते है, यह सब छोड़ कर उनके पास आना चाहते हैं।
पवई के जलवायु विहार निवासी सुमीत अपने पिता के साथ रहते थे।
कुछ वर्ष पहले मां पामेला चीमा का देहांत हो चुका था।
 सुमीत की एक बहन दिल्ली में है , पता चलते ही वह मुंबई आ गई हैं। एक भांजा है और वह भी पायलट है।











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