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सोमवती अमावस्या पर विशेष

हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या व्रत का विशेष महत्व है। बता दें कि सावन माह में अमावस्या व्रत 17 जुलाई के दिन रखा जाएगा। इस दिन सोमवार पड़ने के कारण इसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाएगा।

 धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सोमवती अमावस्या के दिन श्राद्ध कर्म, तर्पण इत्यादि करने से व्यक्ति को सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ इस दिन सावन का दूसरा सोमवार व्रत भी रखा जाएगा। ऐसे में इस विशेष दिन पर भगवान शिव की उपासना करने से भी साधक को विशेष लाभ मिलेगा।

 आइए जानते हैं, कब रखा जाएगा सोमवती अमावस्या व्रत तिथि और शुभ मुहूर्त?

सोमवती अमावस्या 2023 शुभ मुहूर्त
सावन कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि प्रारंभ: 16 जुलाई रात 10:08 से

सावन कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि समाप्त: 28 जुलाई रात्रि 12:01 पर
सोमवती अमावस्या व्रत 2023 तिथि: 17 जुलाई 2023, सोमवार

हिंदू पंचांग के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन पुनर्वसु नक्षत्र का निर्माण हो रहा है, साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण होगा। बता दें कि पुनर्वसु नक्षत्र 18 जुलाई को सुबह 05:11 तक रहेगा और सर्वार्थ सिद्धि योग 18 जुलाई सुबह 05:11 से सुबह 05:35 तक रहेगा। इसके साथ हर्षण योग का भी निर्माण हो रहा है जो सुबह 08:58 से प्रारंभ होगा।

सोमवती अमावस्या पूजा महत्त्व:
शास्त्रों में बताया गया है कि सोमवती अमावस्या के दिन श्राद्ध कर्म, तर्पण, स्नान एवं दान करने से साधक को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं। बता दें कि सोमवती अमावस्या के दिन सोमवार व्रत का भी संयोग बन रहा है। इसलिए इस विशेष दिन पर भगवान शिव की उपासना करने से साधक को रोग, दोष और भय से मुक्ति प्राप्त होती है और उन्हें धन-धान्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

(संकलन: पंडित अजय मिश्रा, मुख्य पुजारी विहिप संचालित समर्थ हनुमान टेकडी सिद्धपीठ, सायन, मुंबई)

विशेष: भगवान शिव माथे पर चंद्रमा धारण किए हैं, उन्हे सफेद रंग विशेष प्रिय है। भगवान शिव को सफेद रंग के द्रव्य, पदार्थ जैसे फूल, चीनी, दुग्ध,  माखन, दही, अर्पित करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।


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