बिपरजॉय के बीच बर्थ जॉय/ गुजरात में ७०८ डिलीवरी सुरक्षित तरीके से संपन्न
गुजरात में पिछले कुछ दिनों से तूफानी चक्रवात के खतरे को देखते हुए आठ जिलों से और समुद्री टाटी इलाकों से हजारों लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचने का काम गुजरात सरकार में किया।
विशेष कर 1171 गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया जिनमें से प्रसव करीब होने के नाते उन्हें किसी तरह की दिक्कत ना आए इसलिए 1152 लोगों को अस्पतालों में भर्ती भी करवाया गया।
ताज सरकारी आंकड़ों के मुताबिक विपिन परिस्थितियों के बावजूद राज्य के अस्पतालों भर्ती किए गए कुल 1152 इन गर्भवती महिलाओं में से 708 बच्चों को जन्म मिला है नेपाल में पूरी सुरक्षा और इतिहास के बीच महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया है और जच्चा और बच्चा दोनों की देखरेख अस्पताल में सुविधाजनक स्थितियों में की जा रही है।
आंकड़ों की माने तो इन आठ जिलों में हमेशा कच्छ जिले से 348 राजकोट में 100 देवभूमि द्वारका में 93 पोरबंदर में 30 जामनगर में 17 राजकोट में 12 गिर सोमनाथ में 69 जूनागढ़ में 25 राजकोट मनपा में 12 जामनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में कर और मोरबी जिले से एक महिला ने शिशु को जन्म दिया है।
१६ जून, शुक्रवार के कुल आंकड़ों के अनुसार अस्पतालों और हेल्थ सेंटर दोनों जगह से मिलाकर लगभग ७०८ बच्चों की डिलीवरी की गई है। इन ११५२ महिलाओं को अस्पतालों में पहुंचने के दरमियान ३०३ सरकारी एवं २०२ प्राइवेट एंबुलेंस ने दिन-रात काम किया और इन सभी गाड़ियों में चिकित्सा कर्मी भी मौजूद थे ताकि रास्ते में भी किसी कारण की प्रसव पीड़ा से कोई समस्या ना हो इसका ध्यान रखा जा सके।
उधर राजस्थान में भी बिपरजोय तूफान का असर दिखना शुरू हो गया है। 500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। राजस्थान के कई यूनिवर्सिटी में होने वाली परीक्षाएं रद्द कर दी गई है। सरकार ने राहत कैंप बंद कर दिए हैं और अशोक गहलोत की वर्तमान सरकार ने आपातकालीन मीटिंग भी ली है।
अरब सागर से उठे इस चक्रवाती तूफान का असर बीती १५ जून की रात से ही राजस्थान के कई इलाकों में दिखना शुरू हो गया, जहां तेज बारिश हुई है। शुक्रवार की सुबह एक बार फिर से तेज बारिश का दौर यहां शुरू हो चुका है। अनुमान है कि अगले दो दिन में पूरे राजस्थान में तूफान की वजह से होने वाली बारिश से लोग तरबतर हो सकते हैं।
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