राकांपा के पूर्व राज्य मंत्री नवाब मलिक हो सकते हैं जेल से जमानत पर रिहा? किडनी फेल का कारण बताकर मांगी जा रही जमानत
महा विकास आघाड़ी सरकार में राज्य मंत्री रहे एवं राकंपा के प्रवक्ता नवाब मलिक के वकील ने जब विशेष अदालत में जमानत देने की दलील दी थी तो विशेष न्यायालय के न्यायाधीशों ने इनकार कर दिया था।
आपको बता दें कि फरवरी 2022 में ही माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम और उसकी बहन हसीना पार्कर के साथ प्रॉपर्टी डील के संबंधों के चलते पूर्व मंत्री नवाब मलिक पर तलवार लटकी थी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। उसके बाद से ही वह अब तक जेल में बंद है।
नवाब मलिक के वकीलों ने नवंबर 2022 में विशेष न्यायालय द्वारा जमानत पर सुनवाई नहीं होने के चलते उच्च न्यायालय का रुख किया था। यहां पर भी इन्होंने नवाब मलिक की किडनी फेल होने और अत्यधिक बीमारी से ग्रसित होने के चलते उन्हें जमानत देने के लिए दलील दी हालांकि प्रवर्तन निदेशालय ने जमानत देने का तीव्र विरोध किया है।
नवाब मलिक के वकील अमित देसाई ने शुक्रवार को न्यायालय में सुनवाई के दौरान कहा कि पिछले 8 महीने से नवाब मलिक की शारीरिक स्थिति में लगातार गिरावट हो रही है और अब उनकी किडनी से ग्रसित होने की अवस्था तीसरे चरण तक पहुंच चुके हैं अगर उन्हें योग्य उपचार मिल पाया तो ही उनकी शारीरिक स्थिति ठीक हो सकती है इसके लिए ऑपरेशन किया जाना आवश्यक है यदि अभी भी वह मानसिक रूप से तनावपूर्ण स्थिति में रहे तो यह उनके लिए प्राण घातक हो सकता है।
प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की तरफ से पेश हुए अनिल सिंह ने कहा कि नवाब मलिक की प्रकृति जिस तरह से बताई जा रही है उतनी गंभीर नहीं है। उनकी सिर्फ बायें किडनी में समस्या है, दाहिनी किडनी व्यवस्थित रूप से काम कर रही है। कई बार लोग एक किडनी दान कर देते हैं, उसके बाद भी लंबे समय तक जीवन जीते हैं।
अनिल सिंह मेडिकल चेकअप के लिए राज्य सरकार द्वारा भेजे गए जेजे हॉस्पिटल में किए गए मेडिकल अधिकारियों के समूह द्वारा दिए हुए रिपोर्ट को न्यायालय में दिखा रहे थे। इस रिपोर्ट में यह कहा गया है कि उन्हें अस्पताल में भरती करने की आवश्यकता नहीं है।
नवाब मलिक मानसिक तनाव में है सिर्फ इस कारण से उनकी जमानत याचिका स्वीकार नहीं की जा सकेगी। क्योंकि आजकल सामान्य जीवन जीने वाले भी बहुत से लोग मानसिक तनाव में जी रहे हैं ।ऐसे उद्गार अनिल सिंह ने उच्च न्यायालय में स्पष्ट रूप से कहे।
न्यायमूर्ति अनुज प्रभु देसाई इनकी एकल खंडपीठ ने शुक्रवार को दोनों पक्षों की जानकारी सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है।
न्यायाधीश प्रभु देसाई ने कहा कि हमने हमारा फैसला सुरक्षित रखा है और हम अगले सप्ताह इस पर ऑर्डर पास करेंगे।
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