प्रदीप शर्मा एनकाउंटर कॉप की मेडिकल रिपोर्ट जमा करें पुलिस: न्यायमूर्ति पाटिल; एनआईए ने अस्पताल में रहने को लेकर खड़े किए सवाल
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा उद्योगपति मुकेश अंबानी के एंटीलिया वाले ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार हुए हैं और जून 2021 में गिरफ्तारी के बाद से ही सबसे पहले उन्हें तलोजा कराग्रे भेजा गया है लेकिन सुरक्षा कर्म के मध्य नजर उन्हें थाने जेल में शिफ्ट करने की बात कही गई थी जिस पर विशेष न्यायालय ने पुलिस अधिकारियों पर या फैसला छोड़ रखा था।
अधिकारियों ने उन्हें थाने जेल में ले जाकर पुणे की येरवडा जेल में २०२२ में स्थानांतरित किया था।
पहली बार ही जून २०२१ में तलोजा जेल में जाने के बाद प्रदीप शर्मा 190 दिन के लिए हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे । इसके बाद मेडिकल रिपोर्ट मांगी गई और उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। जिसके बाद २६ दिन के लिए, फिर से ४३ दिन के लिए अस्पताल में रहे थे।
जनवरी में उन्हें फिर अस्पताल भेजा गया, मेडिकल रिपोर्ट मांगे जाने पर उन्हें फिर डिस्चार्ज किया गया।
मार्च 2023 में उन्हें फिर हॉस्पिटल्स किया गया और कुछ समय बाद डिस्चार्ज कर दिया गया।
अब चूंकि एक बार फिर उन्हें ससून अस्पताल भेजा गया है । उनसे मिलने वालों की सूची में घर वाले, रिश्तेदार के अलावा लखन भैया एनकाउंटर केस में वांटेड रहे और बाद में 2013 में न्यायालय द्वारा बरी किए जाने वाले गवाह, एंटीलिया मामले में गवाह से भी मिलने की सूची शामिल है। एनआईए ने शर्मा से मिलनेवालो की सूची भी मांगी है।
उल्लेख कर दें कि एंटीलिया मामले में मनसुख हिरेन की हत्या, क्राइम ब्रांच अधिकारी सचिन बजे की गिरफ्तारी इत्यादि कई घटनाओं के बाद केस राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए को सौंपा गया है ।
एनआईए ने इस मामले में सरकारी सलाहकार गोंसाल्विस के द्वारा यह कहा कि जरूरत नहीं होने के बावजूद प्रदीप शर्मा अस्पताल में हैं। विशेष न्यायालय के न्यायाधीश ने येरवडा मध्यवर्ती कारागृह के जेलर से प्रदीप शर्मा के अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है। न्यायालय का कहना है कि जेल अधीक्षक यह तय करें कि क्या ससून अस्पताल जहां शर्मा भर्ती हैं , यह रिपोर्ट दे सकता है कि उन्हें अस्पताल में रहने की अब भी आवश्यकता है? यदि है तो मेडिकल रिपोर्ट जमा कर इसकी पुष्टि की जाए। यह रिपोर्ट डॉक्टरों की एक पैनल द्वारा दी जाएगी।
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