मुंबई के डब्बावाला ग्रुप को राज्य सरकार देगी किफायती दरों में घर: देवेंद्र फडणवीस
लगभग १३० वर्षों से भी अधिक समय से मुंबई के कॉरपोरेट जगत में लाखों लोगों को समय पर घर के बने हुए लंच बॉक्स पहुंचाने वाले डब्बावाला ग्रुप को मुंबई महानगर क्षेत्र के अंदर किफायती दरों पर घर उपलब्ध कराए जाएंगी, ऐसी घोषणा राज्य के हाउसिंग मिनिस्टर देवेंद्र फडणवीस ने एक मीटिंग के बाद की है।
डब्बावाला ट्रस्ट के अध्यक्ष उल्हास मुर्के ने कहा कि आखिरकार शिंदे फडणवीस सरकार ने उनकी २० साल पुराने घर की मांग को स्वीकार किया है।
फडणवीस ने कहा है कि डब्बावाला ग्रुप के सदस्यो के लिए किफायती दरों में घर दिलाने की पॉलिसी जल्द ही तैयार की जाएगी। इसके अलावा इस पर भी ध्यान दिया जाएगा कि उन्हें पी एम आवास योजना के तहत किस तरह लाभान्वित किया जा सकता है।
भाजपा विधायक श्रीकांत भारतीय ने कहा कि आधारभूत सैंक्शन इस विषय पर ले लिया गया है और विस्तृत पॉलिसी जैसे कार्पेट एरिया, लोकेशन, घर निर्माण खर्च इत्यादि १५ दिनो के अंदर बना ली जायेगी। महाडा, सिडको, राजस्व विभाग जल्द ही रूपरेखा बनाएगा ताकि इस पर काम जल्द ही शुरू हो सके।
पिछले बजट सत्र में डब्बा वालों को किफायती दाम में घर दिलाने के मुद्दे पर सदन में चर्चा उठी थी। श्रीकांत भारतीय ने उपरोक्त जानकारी पार्टी के नरीमन प्वाइंट स्थित कार्यालय में प्रेस साक्षात्कार के जरिए दी।
मुंबई डब्बावाला एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष तालेकर ने कहा कि कभी कोरोना से पहले डब्बावाला समूह में लगभग ५००० सक्रिय सदस्य थे पर अब वह घटकर १२०० तक रह गए हैं।
हमे उम्मीद है कि तीनों रेलवे लाइन पश्चिम, मध्य एवम हार्बर ट्रैक पर कुल ५००० घर दिए जायेंगे।
लगभग १३० साल से चल रहे डब्बावाला समूह में रिटायर हो चुके सदस्यों को मिलाकर कुल संख्या ५००० के लगभग है।
तलेकर ने कहा कि जल्द ही राज्य सरकार से मिलकर डब्बावाला समूह के सदस्यों की घर की पात्रता को लेकर नियम सुनिश्चित किए जाएंगे।
बता दें कि डब्बा वाला समूह मुंबई समेत कई जगहों पर लंच बॉक्स समय पर पहुंचाने का काम करता है। हर इलाके में घरों से टाई अप करना, गृहिणी महिलाओं द्वारा स्वयं पाक निर्मित खाने को स्टील के डब्बों में पैक कर जिनको यह डब्बा देना है उनका एक खास कोड उस पर लिखा जाना और फिर उन्हे सुनियोजित तरीके से ट्रेनों, फिर साइकिल के माध्यम से वहां तक जाकर ग्राहक को वही डब्बा देना जो उसके लिए ही है: पूरा क्रम बद्ध तरीके से यह पूरी प्रक्रिया चलती है। शाम को वही डब्बा फिर ले लिया जाता है। घर का खाना होटलों की तुलना में काफी किफायती दरों पर उपलब्ध कराने का काम यह समूह एक शताब्दी से अधिक समय से करता आया है।
डब्बा वाला ग्रुप पर मुंबई समेत देश और विदेश के कई प्रबंधन शैक्षणिक संस्थानों में केस स्टडी के रूप में पढ़ाया भी जाता रहा है।
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