मुंबई के झोपड़ा धारकों को राज्य सरकार का तोहफा/ २.५ लाख में मिलेगा अपात्र को भी फ्लैट/मनपा चुनाव से पहले गृह विभाग का जी आर जारी
मुंबई, महाराष्ट्र में झोपड़ा धारकों के लिए स्लम रिहैबिलिटेशन एक्ट के जरिए फ्लैट विकसित किए जाते हैं और उन्हें मुफ्त में फ्लैट SRA act, १९७१ के तहत दिए जाते हैं।
कभी शिवसेना भाजपा की सरकार में 1995 तक के झोपड़ा धारकों को मुफ्त में फ्लैट दिए जाने की योजना थी जिसे बाद में 2000 तक कर दिया गया था । तत्कालीन फडणवीस के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने 2018 में यह निर्णय लिया था कि जनवरी 1, 2011 तक बने हुए झोपड़ी में रहने वाले लोगों को भी इस योजना के तहत लाया जाएगा और उन्हें घर के बदले फ्लैट दिया जाएगा हालांकि इस पर उन्हें कितना खर्चा देना होगा इसको सहमति मिलनी बाकी थी।
अब गुरुवार को राज्य के गृह विभाग द्वारा राजकीय रेजोल्यूशन यानी सरकारी संकल्प जारी किया गया है जिसके तहत जनवरी 1 2011 तक के बने झोपड़ों में रहने वाले झोपड़ी धारकों को ढाई लाख रूपए देना होगा जिसके तहत उन्हें फ्लैट दिया जाएगा।
जैसा कि पहले की प्रोविजन के अनुसार महाराष्ट्र स्लम एरिया यानी इंप्रूवमेंट क्लीयरेंस और रीडिवेलपमेंट एक्ट 1971 के तहत जो भी १ जनवरी 2000 तक के बने झोपड़ी में रह रहे थे उन्हें वैधानिक रूप से सुरक्षित किया गया और मुफ्त में घर देने की भी बात की गई थी।
मई 2018 में भाजपा की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने यह निर्णय लिया कि जो जनवरी एक 2011 तक के बने झोपड़ी में रह रहे हैं उन्हें भी घर दिया जाएगा पर मुफ्त में नहीं मिलेगा क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा जारी एक निर्णय के अनुसार वह स्लम रिहैबिलिटेशन की कैटेगरी में फिट नहीं बैठते । जिसके परिणाम स्वरुप सरकार ने निर्णय लिया कि इन घरों को बनाने के पीछे जो खर्च राज्य सरकार का लग रहा है वही खर्च इन झोपड़ा धारकों से लिया जाएगा।
इसके बाद फडणवीस सरकार ने अपना निर्णय लिया। उद्धव ठाकरे सरकार आई, उनकी महा विकास अघाडी सरकार ने एक कैबिनेट सब कमेटी बनाई ताकि फ्लैट निर्माण में लगने वाले खर्चे पर सहमति जताकर निर्णय लिया जाए। सब कमेटी ने सलाह दी कि ढाई लाख रुपये इन अपात्र झोपड़ा धारकों से लिए जाएं। सब कमेटी द्वारा सुझाए गए इस बजट को स्टेट केबिनेट ने 23 मार्च को सहमति दे दी थी।
उल्लेख कर दें कि SRA स्कीम के तहत मिलने वाले फ्लैट को झोपड़ा धारक 10 वर्ष तक बेच नहीं सकते थे क्योंकि उन्हें यह घर मुफ्त में दिया जा रहा था। हालांकि भाजपा सरकार ने अपनी मंशा जताई कि इस अवधि को घटाकर 3 वर्ष कर दिया जाए पर न्यायालय के द्वारा दिए गए निर्देश में कि यदि ऐसा होता है तो झोपड़ा धारकों के लिए वह सिर्फ बेचने मात्रा की चीज रह जाएगी जिससे वह प्रॉफिट कमाएंगे इसलिए 10 साल से घटाकर 7 वर्ष तक ही किया जा सका।
SRA स्कीम के तहत मिलने वाले घर में झोपड़ा धारकों को 7 वर्ष गुजारने के बाद वह चाहें तो अपना फ्लैट बेच सकते हैं।
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