गणेश नाईक बलात्कार मामले में नया मोड़: शिवसेना नवी मुंबई प्रमुख विजय चौगुले ने रिकॉर्डिंग क्लिप के साथ किया दावा / महिला का किया जा रहा है इस्तेमाल :पैसे ऐठना उद्देश्य/मंदा म्हात्रे और विजय चौगुले का नाम बदनाम करने के लिए 50 लाख का ऑफर
नवी मुंबई के भाजपा विधायक गणेश नाईक पर कुछ समय पहले ही एक महिला 48 वर्षीय ने आरोप लगाया था कि उनके पिछले 27 सालों से गणेश नाईक के साथ लिव इन रिलेशनशिप हैं और उनसे उस महिला को 14 साल का बेटा भी है।
इस मामले में नेरुल पुलिस स्टेशन में और सीबीडी बेलापुर पुलिस स्टेशन में अलग-अलग केस भी दर्ज किया गया था। नेरुल पुलिस थाने में महिला ने केस दर्ज कराया था कि गणेश नाईक ने 2010 से 2017 के बीच उसे मानसिक रूप से बहुत प्रताड़ित किया है ।
उसी तरह सीबीडी पुलिस थाने में महिला ने आरोप लगाया था कि गणेश नाईक ने उसे जान से मारने की धमकी दी और उसके बेटे को भी मारने के लिए धमकाया है। ऐसा गणेश नाईक ने इसलिए किया है क्योंकि उस महिला ने उन पर दबाव बनाया है की जनता के सामने वह अपने इस 14 वर्षीय बेटे को अपनाएं और उसे उसके अधिकार दें।
नाईक पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत बलात्कार , धमकाने , धोखाधड़ी के मामले और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किए गए थे। हालांकि सबूतों के अभाव में पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट भी फाइल कर दी थी। बता दें कि सेशन कोर्ट ने जमानत देने से मना कर दिया था और नाईक पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी। बाद में मुंबई उच्च न्यायालय ने उन्हे राहत दी थी। वह ऐरोली से विधायक हैं, पहले राकांपा में रहकर नवी मुंबई के पालक मंत्री रह चुके हैं।
इस मामले में अब ताजा मोड़ आ गया है। नवी मुंबई के शिवसेना प्रमुख विजय चौगुले ने एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करके कॉल रिकॉर्डिंग सबके सामने चला दी।
जिसमें उन्होंने दावा किया कि यह कॉल रिकॉर्डिंग इसी पीड़ित महिला का है जो दोषी भी है। महिला इस कॉल में विजय चौगुले को फोन करके यह कह रही है कि उसे 50 लाख रुपए का लालच दिया जा रहा है ताकि वह कहे कि गणेश नाईक पर बलात्कार के आरोप लगाने के लिए भाजपा की विधायिका रही मंदा म्हात्रे और शिवसेना के विजय चौगुले ने उकसाया है। इसके लिए उसे इस बात का वादा किया जा रहा है कि उसे 50 लाख के अलावा और भी अधिक आर्थिक सहयोग मिलेंगे । इतना ही नहीं यदि वह सरकार में मंत्री बना तो उसके 14 वर्षीय बेटे को भी वह अपना आएगा।
विजय चौगुले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, मैं इतने लंबे समय तक इस मामले में चुप्पी नहीं रख सकता क्योंकि यह बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है । बलात्कार के आरोप एक जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि पर लगाए गए हैं। मैंने इस महिला से मिलने से कभी मना नहीं किया । वह अपने वकील के साथ मुझे अलग-अलग समय पर सहायता के लिए मुझसे मिली है।
मैंने उसे लाइसेंस से जुड़े मुद्दे पर सहयोग भी किया था।
इस प्रेस वार्ता के जरिए हम सिर्फ यह साबित करना चाहते हैं कि इस महिला पर किसी के द्वारा दबाव बनाया गया है ताकि वह इस तरह के मिथ्या आरोप लगा सके। इस ऑडियो क्लिप को इसीलिए यहां चलाया गया है ताकि सच सब सुन सके।
चौगुले ने आगे कहा कि शिवसेना और भाजपा के बीच संबंध बहुत ही अच्छे हैं और हम अच्छा ही रखना चाहते हैं। लेकिन यदि कोई हमारे इन संबंधों में कड़वाहट डालने की कोशिश कर रहा है तो हम इस मामले की तह तक जाएंगे और वैधानिक तरीके से कार्य करेंगे। मैं पुलिस अधिकारियों से भी इस मुद्दे पर मिलने वाला हूं। ऑडियो क्लिप भी उन्हें दूंगा और उनसे निवेदन भी करूंगा कि इस पर गहन जांच की जाए।
महिला को पुलिस सुरक्षा भी दी जाए ताकि किसी भी तरह की भविष्य में कोई ऐसी घटना ना हो जिससे हमारी छवि पर असर पड़े। उन्होंने कहा जिस तरह का जवाब हमें पुलिस अधिकारियों से मिलेगा हम न्यायालय का रुख करेंगे। हम उस महिला के नारको टेस्ट की मांग करेंगे जिससे सच सामने आ सके।
मंदा म्हात्रे ने कहा कि चौगुले के द्वारा दिए गए सबूतों के बारे में ही वह कह रही थी। एक इंक्वायरी इस पर बिठाई जानी चाहिए ताकि इस महिला के आरोपों की सत्यता बाहर आ सके और मेरा नाम उछाल करके जो छवि खराब की जा रही है वह सफल नहीं होगी । मेरे पार्टी के कार्यकर्ता सच्चाई को जानते हैं।
वही जिस महिला ने बलात्कार का आरोप लगाया है, उसका यह कहना है कि मैं राज्य सरकार के पास भी गई, मुख्यमंत्री के पास गई और लोगों के पास भी गई। पिछले 1 साल में मुझे कहीं से कोई मदद नहीं मिली। मैंने मंदा म्हात्रे और विजय चौगुले से मदद मांगी थी।
कोई किसी तरह का दबाव नहीं बना सकता, उकसा नहीं सकता। मैं सिर्फ राजनीतिक फायदों के लिए उपयोग में लाई जा रही हूं और इस पूरे खेल में मुझे सिर्फ एक प्यादे की तरह इस्तेमाल किया गया है।
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