चाल का विकास कर SRA के तहत घर देने के फ्रॉड मामले में पुलिस से धोखाधड़ी, पूर्व विधायक भाजपा नेता सुभाष पासी गिरफ्तार, मिली जमानत..जांच अब भी जारी
भाजपा नेता सुभाष पासी पूर्व में सपा से विधायक रहे हैं, उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से सैदपुर विधानसभा क्षेत्र मे दो बार विधायक रह चुके हैं। भाजपा का दामन थामने से पहले वह समाजवादी पार्टी नेता रह चुके हैं । सुभाष पासी ने नवंबर 2021 में भाजपा का दामन थामा था। वह दलित समाज से आते हैं।
2022 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले पासी ने भाजपा में प्रवेश कर लिया। सुभाष पासी को भाजपा में लाने और सपा से नाता तोड़ने में कृपाशंकर सिंह और दिनेश लाल यादव निरहुआ इन दो भाजपा नेताओं को महत्वपूर्ण श्रेय जाता है। भाजपा को इस वक्त बड़े दलित समाज के प्रतिनिधि की जरूरत थी क्योंकि राजभर को खो चुकी थी। मोदी लहर के बावजूद भाजपा सैदपुर की सीट में सुभाष को नही हरा पाई थी।
(भाजपा में शामिल होते समय की तस्वीर: यूपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह , वर्तमान सांसद दिनेश लाल निरहुआ , महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री एवम वर्तमान में भाजपा महाराष्ट्र उपाध्यक्ष कृपाशंकर सिंह की मौजूदगी में )
मुंबई में 2019 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर लोकसभा उत्तर पश्चिम मतदार क्षेत्र से सांसदी का भी चुनाव लड़ चुके सुभाष पासी मुंबई के जुहू पुलिस थाने में तैनात रहे असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर को भी नहीं बख्शा। लोकसभा चुनाव में दिए जानकारी के अनुसार तब भी सुभाष पासी पर चार अपराधिक मामले दर्ज थे और वह इस समय लखनऊ क्षेत्र से विधायक भी थे।
2017 में सपा की टिकट पर सैदपुर में विधायकी जीती और पासी ने भाजपा के विद्याशंकर सोनकर को लगभग 8710 के मतांतर से हराया था।2012 में भी विधायक रहे। वह गाजीपुर के दिहिया ग्राम के मूल निवासी हैं। दसवीं पास के बाद मुंबई आकर छोटे भाई का केबल बिजनेस संभालने लगे थे।
खुद को विकासक बताया यानि बिल्डर और अंधेरी ईस्ट में चकाला परिसर के अंदर चाल का घर 22 लाख में बेच दिया, इस वायदे के साथ कि वह यहां एसआरए स्कीम के तहत बिल्डिंग बनाएंगे और घर पुलिस वाले को दिया जाएगा।
पुलिस थाने में कभी तैनात रहे इस अधिकारी ने 2014-15 में सुभाष पासी को 22 लाख की रकम दे दी इसके लिए उसने अपना घर भी भेज दिया था। सुभाष पासी की सचिव अंजू अल्मेदा भी इस पीड़ित पुलिसवाले के संपर्क में थी।
मामला बिल्कुल सही लगे इसके लिए सुभाष पासी ने एक बिल्डर एंड डेवलपर कंपनी के लेटर हेड पर कई फर्जी दस्तावेज भी बनाए और पुलिस वाले को दिए थे।
पैसे मिलने के बाद संपर्क बंद हो गया। एक दो साल गुजर जाने के बाद पीड़ित पुलिस वाले को शक हुआ और अंत में इसने जुहू पुलिस थाने में एफ आई आर दर्ज करवा दी।
जुहू पुलिस ने सुभाष पासी को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया , अदालत में पेश किया ,जमानत भी हुई और पासी ने यह भी कहा कि पैसे लौटा दिए गए हैं। उन्होंने कभी पैसे नहीं लिए थे फिर भी लौटा दिए और जितनी राशि कही जा रही है उससे ज्यादा लौटाए हैं। उन्हे नही पता कि उनके खिलाफ एफआईआर क्यों की गई है।
पुलिस को शक है कि और भी कई पुलिसवालों को इसी तरह ठगा गया होगा, इसकी जांच जारी है।
हाल ही में 9 अप्रैल को पासी को गिरफ्तार किया गया ,इस बार एक वरिष्ठ नागरिक को 20 लाख की चपत लगाई थी और बदले में SRA के तहत घर दिलाने की बात कही गई थी। 10 को कोर्ट ने जमानत पर रिहा जरूर कर दिया , पर जांच बंद नहीं हुई है।
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