0 भाजपा मुंबई ने शुरू की आत्मनिर्भर चहा स्टॉल/ ४०० टी स्टॉल देकर कार्यकर्ताओं एवम बेरोजगारों को आजीविका देने की मुहिम/ शिवसेना की शिव वड़ा पाव की तर्ज पर भाजपा की योजना - Khabre Mumbai

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भाजपा मुंबई ने शुरू की आत्मनिर्भर चहा स्टॉल/ ४०० टी स्टॉल देकर कार्यकर्ताओं एवम बेरोजगारों को आजीविका देने की मुहिम/ शिवसेना की शिव वड़ा पाव की तर्ज पर भाजपा की योजना

भारतीय जनता पार्टी की मुंबई इकाई ने शिवसेना के शिव वाड़ा पाव स्टॉल की तर्ज पर मुंबई में अब बेरोजगारों और कार्यकर्ताओं के लिए आत्मनिर्भर चाहा स्टॉल की योजना शुरू की है। चाय के अलावा अन्य खाद्य पदार्थ भी और पेय पदार्थ बेचे जा सकेंगे।  46 ऐसे आत्मनिर्भर  चहा स्टॉल शहर में लग चुके हैं और पार्टी का उद्देश्य है कि लगभग 400 स्टाल लगाए जाएंगे।

इसके पीछे पार्टी का उद्देश्य है कि जिस तरह लोगों को रोजगार भी मिलेगा कार्यकर्ताओं को भी आजीविका के साधन उपलब्ध होंगे और भीड़भाड़ वाली जगहों पर आत्मनिर्भर चाह के स्टाल आ जाने से लोगों में कंपनी भी आसानी से हो सकेगी।

६० से ७०  के दशक में जिस समय शिवसेना पार्टी की स्थापना दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने की थी,  उसके कुछ ही समय बाद शिव वडापाव नाम से स्टॉल मुंबई के कोने कोने में उपलब्ध कराए गए थे । अधिकांश स्टॉल शिवसेना में शामिल कार्यकर्ताओं को मिला था और उनके संबंधित परिवार जनों,  रिश्तेदारों को दिया गया था। शिव वड़ा पाव की बहुत सी दुकान अवैध तरीके से फुटपाथ पर स्थापित की गई थी लेकिन शिवसेना का एकमात्र उद्देश्य शहर में अपनी जड़ों को और गहरा करना था।

आत्मनिर्भर चहा स्टॉल्स जो मुंबई में इस समय ऑपरेट कर रही हैं उन्हें म्युनिसिपल महानगर पालिका यानी बीएमसी द्वारा किसी तरह का कोई लाइसेंस नहीं दिया गया है । फ्रंट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत कुछ अन्य नेताओं जैसे प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बवनकुले ,मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार की तस्वीरें लगाई गई है।

अभी के लिए तो यह योजना यही लग रही है कि पार्टी के नेता  अपना राजनीतिक प्रभुत्व आगामी चुनाव को देखते हुए गहरा करना चाहते हैं।

इस आत्मनिर्भर चाहा स्टॉल प्रोजेक्ट को भाजपा के ओबीसी मोर्चा के प्रमुख नरेंद्र गांवकर लीड कर रहे हैं।

उनके अनुसार भले ही इन स्थलों के पास बीएमसी से लाइसेंस नहीं हो लेकिन मुंबई में बहुत से ऐसे होकर हैं जिनके पास लाइसेंस नहीं है फिर भी दुकानें चल रही हैं उनके पास लाइसेंस नहीं है फिर भी उन्हें बैंकों द्वारा मुद्रा लोन दिए गए हैं और उनके पास उद्यम पैन कार्ड भी उपलब्ध है। आत्मनिर्भर चाहा योजना के तहत बेरोजगारी को  कुछ हद तक समाप्त करने का एकमात्र उद्देश्य है जो कोविड-19 के दौरान बहुत से रोजगार चले गए थे, नौकरी से हाथ धोना पड़ा था।

 नरेंद्र गांवकर ने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ मीटिंग की है और इस पर भी चर्चा हुई है कि मनपा और पुलिस विभाग द्वारा कार्रवाई से  इन लोगों को सुरक्षा प्रदान की जाए।

फिलहाल के लिए यह स्टॉल्स हाकिंग जोन में ही दिए जा रहे हैं। बाद में फुटपाथ से हटकर यह दुकानें बिल्डिंग में भी शिफ्ट होंगे।

उल्लेख कर दें कि 1995 में भाजपा शिवसेना की महाराष्ट्र में सत्ता में आने के बाद संयुक्त सरकार ने झुणका भाकर केंद्र भी शुरू किए थे जहां पर भोजन १रुपए में दिया जा रहा था। हालांकि झुंका भाकर केंद्र की योजना लंबे समय तक नहीं चल पाई लेकिन स्टॉल आज भी कायरत हैं और चेंज आफ ओनरशिप के द्वारा कई अन्य खाद्य पदार्थ बेचे जा रहे हैं।

भाजपा के एक नेता ने कहा कि किसी अन्य पार्टी के किए हुए किसी कार्य को कॉपी नहीं कर रहे हैं और इसके लिए इसी तरह का कोई राजनीतिक खेल भी नहीं है हमने किसी दूसरे समाज के लोगों को इसके लिए इकट्ठा नहीं किया है बहुत से स्टॉल चलाने वाले लोग भूमिपुत्र मराठी हैं कुछ हमारे कार्यकर्ता हैं।




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