मुंबई के रेल स्टेशन वाटर वेंडिंग मशीन के बिना, गर्मी में यात्रियों को नही मिल रहा पानी/रेल नीर खरीदने पर लोग मजबूर
महानगर में गर्मी का प्रकोप पिछले कुछ दिनों से बढ़ा है जो जून मध्यांतर तक विकट रहेगी । ऐसे में शरीर जल्द ही पानी की कमी से कमजोर हो जाता है ,कई बार थकान बढ़ जाती है। पानी शरीर का महत्वपूर्ण पदार्थ है, विज्ञान के अनुसार डॉक्टरों की माने तो शरीर में ७०%तक सिर्फ पानी ही होता है। तेज गर्मी के चलते बॉडी के हाइड्रेट नही होने से त्वचा में जलन, थकान, गला सूखना, उचित पाचन संबंधी समस्या, सर और पेट से संबंधित समस्याएं हो जाती हैं। कुल मिलाकर पानी यानी जल ही जीवन है, इस सत्य को झुठलाया नहीं जा सकता।
सेंट्रल और पश्चिम रेलवे प्रबंधन ने कोरोना से पहले लगभग 80 रेलवे स्थानको पर सेंट्रल जोन में और 50 के लगभग वेस्टर्न जोन पर वाटर वेंडिंग मशीन लगवाए थे।
पानी की गुणवत्ता भी अच्छी थी, पैसे डालने पर मशीन का tap पानी बाहर निकालता जिसे लोग बॉटल में भर लेते थे। बॉटल नहीं होने पर वह भी खरीदने की सुविधा इसी वेंडिंग मशीन पर ही उपलब्ध थी। पांच रुपए में एक लीटर पानी , 3 रुपए में आधा लिटर, 1 रुपए में भी पानी मिलने की सुविधा थी। यात्रियों को गजब की राहत थी। कम कीमत में गुणवत्ता युक्त RO water की सुविधा रेलवे प्रबंधन द्वारा एक बड़ी उपलब्धि थी।
कोरोना के बाद ही लगभग तीसरे साल बीतने पर भी इस सेवा को बहाल नही किया गया है।
आज भी स्टेशन पर ये वाटर वेंडिंग मशीन के नाम पर सिर्फ खड़े हैं, न कोई कर्मचारी और न ही मशीन क्रियान्वित...सिर्फ ताले और नोटिस चिपकाई गई है कि एक्टिव नही है।
इससे रेलवे यात्रियों, मुंबई करो में असंतोष का माहौल है। मजबूरन उन्हें स्टेशन प्लेटफार्म पर मौजूद कंटीन से रेल नीर बॉटल खरीदनी पड़ती है जो 15 रुपए में आती है।
ग्राहकों का कहना है कि रेलवे की इन कॉन्ट्रैक्ट पर चलती कैंटीनों को फायदा पहुंचाने और रेल नीर बोतल की बिक्री बढ़ाते रहने के लिए ही वाटर वेंडिंग मशीन का फिर से शुरू नही हो रही है।
यात्रियों की असुविधा को ध्यान में रखते हुए उचित यही होगा कि रेलवे प्रबंधन , आईआरसीटीसी समिति इस वाटर वेंडिंग मशीन की समस्या पर ध्यान दे। राज्य में रेलवे के मंत्री और केंद्र के मंत्रीगण इस समस्या पर ध्यान दें और आम मुंबईकरों के लिए राहत दें।
No comments
Post a Comment