नवरात्रि में देवी सिद्धि दात्री की पूजा आज/आज ही कन्या पूजन/भगवान राम की नवमी भी आज
शक्तिस्वरूप माता जगदंबा के नवें रूप सिद्धिदात्री से जुड़ी कथा....
ऐसा कहा जाता है कि मां सिद्धिदात्री ने प्रकट होकर ब्रह्मा, विष्णु और महेश को जन्म दिया था। कहते हैं भगवान शिव शंकर को जो आठ सिद्धियां प्राप्त थीं वो मां सिद्धिदात्री की कृपा के कारण ही हुआ था। मां सिद्धिदात्री के कारण ही शिवजी का आधा शरीर देवी का हुआ जिससे शिव का एक नाम अर्धनारेश्वर पड़ा।
इसके अलावा एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार जब सभी देवी देवता महिषासुर के अत्याचारों से परेशान हो गए थे तब त्रिदेव ने सिद्धिदात्री को जन्म दिया था। जिन्होंने महिषासुर से युद्ध करके उसका वध किया और उसके आतंक से तीनों लोकों को मुक्ति दिलाई।
दुर्गाशप्त सती के १२ वे अध्याय का पाठ जरूर करें।
हवन के समय क्या करें...
हवन शुरू करने से पहले भगवान गणेश का ध्यान करें।
2.हवन के स्थान को शुद्ध कर लें सभी समान को गंगाजल का छींटा लगाकर शुद्ध कर लें।
3. आटा लें और जमीन पर रंगोली बना दें,इसके ऊपर हवन कुंड रखें।
4. सभी सामग्री को एक जगह रख लें।
5. हवन कुंड में आम की लकड़ी लगा दें, अब एक कपूर जलाएं और लकड़ियों के बीच में रख दें।
6. मंत्रोच्चारण करते हुए हवन में घी डालें।
7. भगवान गणेश , देवी दुर्गा , अग्नि देव , पंचदेव,नवग्रह ,ग्राम देवता , नगर देवता के नाम से आहुति दें।
8. दुर्गा शक्ति मंत्र से 108 बार आहुति दें।(बीज मंत्र: ॐ ऐं हृं क्लिम चामुंडाये विच्चे)
9. अंत में सूखा नारियल लें उसमें छेद कर दें उसके अंदर घी डाल दें।
10. नारियल पर कलावा बांधकर पान ,सुपारी , लौंग ,इलायची और अन्य प्रकार के प्रसाद से इसे भर दें।
11. पूर्ण आहुति देते हुए हवन अग्नि में नारियल को ऊपर से नीचे 'ॐ पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा।' मंत्र का जाप करते हुए डालें।
12. दुर्गा देवी , नारायण भगवान , महादेव की आरती करें और दक्षिणा रखें ।
13. हवन के बाद कन्या पूजन करें।
कन्या पूजन में ध्यान रखने योग्य बातें...
नवरात्रि नवमी के दिन कुंवारी कन्याओं को घर बुलाएं।
ध्यान रखें कि कन्याओं के साथ एक बालक की भी पूजा की जाती है।
सबसे पहले उनके पैर धोएं।
फिर उनके माथे पर तिलक लगाएं और हाथ में कलावा बांधे।
इसके बाद कन्याओं को भोजन कराएं।
भोजन में हलवा, पूरी और चना जरूर होना चाहिए।
कन्याओं को भोजन कराने के बाद उन्हें लाल चुनरी चढ़ाएं।
इसके साथ ही आप जो भी उपहार कन्याओं को देना चाहते हैं वो दे सकते हैं।
फिर कन्याओं के पैर छूकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
आज ही है राम नवमी
भगवान राम का अवतार भी आज ही के दिन मध्यान्ह १२ बजे हुआ था इसलिए राम नवमी भी मनाई जाती है। देश के हर कोने में भगवान राम की झांकी निकाली जाती है। प्रसिद्ध राम मंदिरों में आज विशेष पूजा अर्चना की जाती है। आज ही केदिन जन्म लिया था, इसलिए श्री राम के बाल रूप की प्रतिमा को झूले पर बिठाकर झुलाया भी जाता है।
भगवान राम ने आज ही के दिन उत्तर प्रदेश के अयोध्या में महाप्रतापी रघुवंशी चक्रवर्ती सम्राट दशरथ के यहां अवतार लिया था और अपने जीवन काल में ताड़का, खर,दूषण, त्रिशिरा, कुंभकरण ,रावण जैसे राक्षसों का संघार कर इन आतताइयों के अत्याचार से जनमानस को मुक्ति दिलाकर धर्म की स्थापना की थी।
आज के दिन गोस्वामी तुलसी दास रचित रामचरित मानस का पाठ, राम रक्षा स्तोत्र, विष्णु सहस्र नाम संकीर्तन करने से बड़ा पुण्य मिलता है। मानस के बालकांड में श्री राम जन्म से संबंधित रामावतार(भए प्रगट कृपाला, दीन दयाला कौशल्या हितकारी) के छंद का गायन भी फलदाई है।
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