मनसे प्रमुख की चेतावनी के बाद १२ घंटे के अंदर मनपा प्रशाशन का एक्शन...माहिम में समुद्र में बनी अवैध दरगाह हटाई गई
कल शिवाजी पार्क में मनसे प्रमुख की सभा में हिन्दू नव वर्ष के मौके पर पार्टी का गुड़ी पाडवा मेलावा दिवस मनाया गया और मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कई राज खोले जो शिवसेना से अलग होते समय हुए थे।
मंच से स्पीच देते समय कई मौके पर राज ठाकरे भावुक भी हुए।
उन्होंने बताया कि वह शिवसेना नही छोड़ना चाहते थे, पार्टी का अध्यक्ष भी बनने का विचार उनके मन में नही था। वह सिर्फ अपने समर्थको के लिए चिंतित थे। उन्होंने बालासाहेब से कहा तो बालासाहेब ने कहा उद्धव से बात कर लो। उद्धव ठाकरे के साथ राज ने होटल ओबेरॉय में मीटिंग की और कहा कि शिवसेना का अध्यक्ष बनना है तो बन जाओ, मुझे कोई समस्या नहीं। समस्या इतनी है कि जिन कार्यकर्ताओं की वजह से सफलता मिलती है, तुम यदि मुख्यमंत्री बनना चाहिए तो बन जाओ लेकिन उन कार्यकर्ताओं को भी जिम्मेदारी का पद दो। यदि उन्हे पद नही मिलता है तो किस मुंह से वह दुबारा उन कार्यकर्ताओं के बीच जाएंगे। उद्धव मान गए थे।
राज ठाकरे ने बालासाहेब से उद्धव की सहमति के बारे में कहा तो बालासाहेब ने कहा उद्धव को घर में बुलाओ, बात करते हैं, पर उद्धव घर से बाहर चले गए, नही आए।
नारायण राणे पर भी राज ने कहा कि वह भी शिवसेना नही छोड़ना चाहते थे।
उन्होंने कहा २००६ में इसी शिवतीर्थ पर उन्होंने मनसे बनाई थी। आज शिवसेना का अस्तित्व कहां आ गया है।
पिछले दो वर्ष में ही माहिम में मखदूम शाह मजार के पास ही समुद्र में हाजी अली की तरह एक और अवैध निर्माण किया गया ,माहिम पोलिस स्टेशन पास ही है लेकिन किसी ने कोई रोक टोक नही की।
यदि प्रशाशन, मुख्यमंत्री,उपमुख्यमंत्री ने एक्शन नही लिया तो एक महीने में हम ठीक इस निर्माण के बगल में गणेश मंदिर बनाएंगे।
इस चेतावनी का असर हुआ और मनपा प्रशाशन ने आज यह निर्माण ध्वस्त कर दिया है।
राज ठाकरे ने कहा कि शिवसेना की राजनीतिक दिशा क्या होगी,कहना मुश्किल है। एक धनुष बाण नहीं संभाल सका और दूसरा धनुष बाण को संभाल पाता है या नहीं,कहा नही जा सकता।
राज ने कहा लोग कहते थे मनसे खत्म हो जाएगी। विरोधियों को जवाब बीते राजनीतिक घटनाक्रम में मिल चुका है। मस्जिद से भोंगे उतरवाने के विषय पर भी राज ठाकरे ने कहा कि मुद्दा भूले नहीं है। जल्द ही मुख्यमंत्री से इस विषय पर मुलाकात करेंगे।
राज ठाकरे ने कहा राज्य में राजनीतिक अस्थिरता को समाप्त करने के लिए बेहतर विकल्प होगा कि विधानसभा चुनाव शीघ्र ही करा दिए जाएं,स्वयं ही निर्णय हो जायेगा।
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