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गुड़ी पड़वा, हिंदू नव वर्ष, चैत्र नवरात्रि तीनों महापर्व कल/ जानिए क्यों हैं ये पर्व बेहद खास/इसी दिन हुई थी सृष्टि की रचना

कल 22 मार्च के दिन महाराष्ट्र में मनाया जानेवाला विशेष धार्मिक पर्व गुड़ी पड़वा का पर्व है। इस दिन लोग घर के बाहर गुड़ी बांधकर लोग पूजा अर्चना करते हैं।ऐसी मान्यता है कि पूरा वर्ष सुखमय ,शांतिपूर्ण बीतता है।


इसी दिन हिंदू संवत्सर यानी नव वर्ष का आरंभ हो रहा है। चैत्र मास की शुक्लपक्ष में हिंदू नववर्ष का आरंभ होता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी और इसी दिन पहली बार सूर्य देव उदित भी हुए थे।

इसी नव वर्ष के दिन ही भगवान राम ने किष्किंधा नरेश बाली का वध किया और वानर राज सुग्रीव को उनके अत्याचार से मुक्त कराया था। इसलिए इसे विजय दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।

इसी नव वर्ष के दिन हिंदुओ के आराध्य दैवत और महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज ने विदेशी आक्रांताओं को परास्त किया था। 

नवरात्रि पर चार ग्रह मीन राशि में गोचर कर रहे हैं, यह संयोग लगभग 110 साल के बाद हो रहा है। इस बार का जो नव संवत्सर है, उसका राजा बुध और मंत्री शुक्र रहेंगे, जिसके चलते शिक्षा सामाजिक आर्थिक और विशेषकर महिलाओं के लिए विशेष उत्थान की प्राप्ति होगी। यह नवरात्रि इसलिए भी विशेष है क्यों कि 22 मार्च से 30 मार्च तक सभी नौ दिन की नवरात्रि है। अक्सर नवरात्रि में दो तिथियां एक बार पड़ने से वह आठ दिन की ही होती हैं।
चैत्र नवरात्रि शुभ मुहूर्त: 22 मार्च की प्रातः सूर्योदय से नवरात्रि की शुरुआत होगी, इस समय आप घटस्थापना और कलश स्थापना कर सकते हैं। 
 पहले दिन कलश स्थापना और पूजा के मुहूर्त :
घट स्थापना मुहूर्त:- प्रातः 6:30 से प्रातः 7:30 तक।
प्रातः 7:50 से 9:26 तक
प्रातः 10:57 से 12:27 तक
दोपहर 3:30 से 4:50 तक
प्रदोष काल 5:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक
नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। कई भक्त नौ दिनों का उपवास भी रखते हैं। आखिरी दिन हवन करने के बाद  कन्याओं को मां दुर्गा का रूप मानकर उनकी पूजा कर उन्हे खिलाया जाता है।



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