बिल्डर हो जाएं सावधान, नही चलेगा फर्जी दस्तावेजों का खेल/प्रशासन खुद करेगा वेबसाइट पर जारी हुए सर्टिफिकेट/सरकारी फरमान हुआ जारी
महाराष्ट्र रीयल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी MAHARERA द्वारा किए निवेदन और सुझाव को स्वीकृति देते हुए महाराष्ट्र कैबिनेट के अंतर्गत कार्यरत नागरी विकास विभाग ने निर्देश जारी किया है।
निर्देश के तहत GR यह है कि अब महानगरपालिका, नगरपंचायत और अन्य सरकारी संबंधित संस्थान स्वयं अपने वेबसाइट पर बिल्डरों को प्रोजेक्ट के तहत दिए जा रहे कमेंसमेंट सर्टिफिकेट CC , ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट OC, कंप्लीशन सर्टिफिकेट CC जैसे महत्वपूर्ण वैध दस्तावेज अपलोड करेंगे।
GR में यह भी निर्देश दिया गया है कि जिन प्रशासनिक संस्थानों के पास वेबसाइट नहीं है वह 31 मार्च 2023 तक अपना वेबसाइट बनाएं और महारेरा के साथ इंटीग्रेट करें। यह निर्देश गुरुवार को जारी किया गया है।
पिछले ही वर्ष मध्य 2022 में कल्याण में 67 से ज्यादा विकास को के प्रोजेक्ट में फर्जीवाड़ा पकड़ा गया था जिसमें जाली सीसी दस्तावेज अपलोड करके निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की गई थी।
आरटीआई कार्यकर्ता संदीप पाटिल के द्वारा इसकी जानकारी दिए जाने और हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल किए जाने के बाद इस मामले में प्रशासन ने संज्ञान लिया। सभी 67 प्रोजेक्ट को महारेरा ने डीलिस्ट कर दिया, विकासकों पर धोखाधड़ी के आरोप तय किए गए और क्राइम ब्रांच को मामला सौंपा गया।
महा रेरा, सरकार द्वारा लाई गई एक ऐसी संस्था का गठन है जो रीयल एस्टेट में बिल्डरों के प्रोजेक्ट से संबंधित महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स जारी करता है, बिल्डरों को 2017 में आए इस संस्थान को नए प्रोजेक्ट शुरु करने से पहले जानकारी देनी पड़ती है, महारेरा उन्हे उनके दस्तावेज चेक करने के बाद रेरा नंबर देता है। यह संस्थान बिल्डरों द्वारा हो रहे पैसे के खर्च का ब्योरा भी लेता है और निगरानी रखता है कि पैसे का मिस यूज न हो और निवेशकों को न फंसाया जा सके।
कुल मिलाकर इस नए निर्देश के बाद अब फ्रॉड बिल्डरों की खैर नहीं है।
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