0 यूपी के कानपुर में मौत का बुलडोजर , अतिक्रमण हटाने के चक्कर में मां बेटी को जलाकर मारने का आरोप/ झोपड़े में लगाई आग/ मामले में एसडीएम ,थानेदार, लेखपाल ,कानूनगो , जेसीबी ड्राइवर सभी पर एफ आई आर दर्ज/ ड्राइवर गिरफ्तार - Khabre Mumbai

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यूपी के कानपुर में मौत का बुलडोजर , अतिक्रमण हटाने के चक्कर में मां बेटी को जलाकर मारने का आरोप/ झोपड़े में लगाई आग/ मामले में एसडीएम ,थानेदार, लेखपाल ,कानूनगो , जेसीबी ड्राइवर सभी पर एफ आई आर दर्ज/ ड्राइवर गिरफ्तार

खबरें मुंबई न्यूज़ नेटवर्क...

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के रूरा क्षेत्र से मंडोली गांव से बड़ी ही भयावह खबर सामने आई है।

खबर के अंतर्गत प्रशासनिक अधिकारी गांव के ही जमीन पर अतिक्रमण करके बनाए गए झोपड़े को गिराने के उद्देश्य से आए थे। उप जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर प्रसाद , कानूनगो , चार लेखपाल यानी रिकॉर्ड कीपर,  रूरा पुलिस स्टेशन के स्टेशन ऑफिसर दिनेश कुमार गौतम,  दर्जनभर से ज्यादा पुरुष और महिला पुलिस अधिकारी और कुछ स्थानीय लोग मौजूद थे।  जेसीबी बुलडोजर चलाये जाने से पहले,  मां बेटी ने कहा कि हम जान दे देंगे। जब तक कुछ अधिकारी झोपड़े के दरवाजे पर पहुंचे , झोपड़ी में आग लग चुकी थी।

 आरोप है कि एसडीएम ने कहा , कोई भी बचने ना पाए,  आग लगा दो । 44 साल की मां प्रमिला ने चिल्लाते हुए कहा,  'आग लगा दी है इन लोगन ने' उनकी 20 साल की बेटी नेहा भी उस समय घर में मौजूद थी। और दोनों इन सभी अधिकारियों के सामने ही जलकर मर गए।

 इस गंभीर मामले में प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए इन सभी लोगों पर दर्ज कर दिया गया है। एफ आई आर दर्ज कराने के लिए मृतक महिलाओं के रिश्तेदार कृष्ण गोपाल दीक्षित जो कि प्रमिला के पति हैं,  उन्होंने कहा कि कल सोमवार को यह प्रशासनिक टीम उनके घर आई थी,  उन्होंने उन्हें घर में बंद कर दिया और बाहर से झोपड़े में आग लगा दी। प्रशासन ने जानबूझकर अपराध किया है। फिलहाल हत्या,  हत्या की कोशिश दोनों अपराध के खिलाफ इन सभी पर एफ आई आर दर्ज किया गया है । जेसीबी लाया गया था ताकि झोपड़े को तोड़ा जा सके और अधिकारी आग जलाने के बाद भाग खड़े हुए।

 इस घटना के प्रति कृष्ण गोपाल दिक्षित ,  उनके चेहरे पर भी जलने के निशान आए हैं जो उन्होंने मीडिया को इंटरव्यू देते समय दिखाया।  उनकी पत्नी और उनकी बेटी दोनों झोपड़ी के अंदर जलती हुई अवस्था में फस गए थे और प्रशासन व्यवस्था उनकी मौत का तमाशा देखती रही । यह प्रशासन और सरकार के लोग ने जान बूझकर किया।  कानपुर के एस पी बी बी जी टी एस मूर्ति के बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रथम दृष्टया मां और बेटी दोनों ने अपने आप को खुद ही घर के अंदर बंद कर लिया था , जिस समय यह अतिक्रमण की टीम उनका झोपड़ा तोड़ने के लिए पहुंची थी,  पुलिस के अनुसार दीक्षित जी का जो झोपड़ा उस जगह पर मौजूद था वह अवैध तरीके से बनाया गया था , वह ग्राम समाज की जमीन पर स्थित था,  जिसके लिए उनके खिलाफ दर्ज की गई थी।

 उन लोगों ने मेकशिफ्ट लैंड पर रहना शुरू कर दिया , यह जमीन भी अवैध रही है। अतिक्रमण वाली झोपड़ी तोड़ने के लिए यह जेसीबी पहुंचा था।इस अवैध अतिक्रमण के खिलाफ पहले प्राथमिकी भी दर्ज हो चुकी है।

बुलडोजर का प्रयोग उच्च माफियाओं के लिए किया जाना उचित है,पर गरीब के लिए कहां तक उचित था।
उप जिला अधिकारी प्रसाद को निलंबित कर दिया गया है।

यूपी पोलिस के कानून व्यवस्था के अतिरिक्त निदेशक प्रशांत कुमार के अनुसार, ऐसे अतिक्रमण वाली झोपड़ी को ध्वस्त करने से पहले उन्हें पर्यायी व्यवस्था देना जरूरी होता है। क्या इस दीक्षित परिवार को पर्याई जगह दी गई?

यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने आश्वासन दे दिया है कि अपराधी लोग चाहे खाकी के हों या नागरिक, जो भी घटना के जिम्मेदार हैं, उन पर सख्त कार्रवाई होगी,किसी को नहीं छोड़ा जाएगा।
यदि यह अवैध झोपड़े का मामला है,तब भी बिना पर्याय व्यवस्था दिए कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। माफियाओं पर कार्रवाई अलग बात है।

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कृष्ण गोपाल दिक्षित पीड़ित के बेटे शिवम से मिलकर सख्त एक्शन लेने का आश्वासन दिया है।

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