राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित- बजट सत्र की शुरुआत हुई/ आज वित्त मंत्री पेश करेंगी आम आदमी का वित्त बजट
आम बजट सत्र का समय शुरू हो गया है।
कल देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पहली बार अपना संदेश संसद के संयुक्त सत्र में दिया। 1 घंटे तक की इस स्पीच में उन्होंने मोदी सरकार के 9 वर्ष के कार्यकाल में पर काफी कुछ कहा। देश में जिस तरह से सकारात्मक प्रवृत्ति बनी है, जिससे पूरा विश्व भारत को देखता है।
(राष्ट्रपति मुर्मू संसद के संयुक्त सत्र में )
भारत अब अपनी समस्याओं के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहता , बल्कि दूसरे देश भारत से अपनी समस्याओं के समाधान के विषय में देखते हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत एक पांचवी आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरा है। एक सकारात्मक माहौल हुआ है । G 20 समिट में जो अब तक चलता रहा है, उसमें भी भारत ने मेजबानी की है । हम वैश्विक स्तर पर आ रही बहुत सी समस्याओं पर एकजुट होकर काम कर रहे हैं।
हमारी सरकार ने पिछले 9 सालों में देश के हर वर्ग के लिए बहुत कुछ करने का प्रयास किया है।
(बाएं से - पीएम मोदी, उपराष्ट्रपति, जगदीप धनखड़, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला)
मोदी ने की संसद में अपील..
राष्ट्रपति की इस स्पीच से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सदन में उपस्थित सभी सांसदों से अपील की कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का पहला संदेश होगा , यह हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात होगी ।पूरे देश , सभी सांसदों के लिए सम्मान का विषय है कि महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपना संदेश देंगी और हम सभी उनका सहयोग करें। सदन की परंपरा पिछले 7 दशकों से रही है कि कोई नया सांसद चाहे वह जिस पार्टी का हो, जब पहली बार सदन मे कुछ कहता है, तो सभी सुनते हैं और उसका सहयोग भी करते हैं। मुझे उम्मीद है कि आज भी इस परंपरा को निभाया जाएगा।
निर्मला सीतारमण पर जताया भरोसा...
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कल वित्त बजट पेश होने जा रहा है और हमारी वित्त मंत्री भी महिला हैं । हमें उन पर पूरा भरोसा है कि वह आम जनता की उम्मीदों पर खरी उतरेंगी।यह बजट सिर्फ भारत देश और भारतीय की दृष्टि से ही नहीं बल्कि वैश्विक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है । सभी की निगाहें वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों के मद्देनजर भारत के आम वित्त बजट पर होंगी।
रिसर्च कंपनियों का दावा.. इस वर्ष 6.5% प्रतिशत के आसपास रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार
कई रिसर्च कंपनियों के आंकड़ों के अनुसार 2023- 24 वित्तीय वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की रफ्तार से देखी जा सकती है . यह उस आंकड़े के लगभग आसपास है , जहां इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड ने 6.6% के वृद्धि का अनुमान लगाया है । 2022-23 वित्तीय वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था की दर 7% थी, जबकि 2021-22 में यही दर 8.7% थी।
वैश्विक स्तर पर कई विकसित राष्ट्रों की जीडीपी कम हुई है। ग्लोबल रिसेशन का संकट भी सामने है ।उसका कुछ इंपैक्ट भारत में भी द्वितीय छमाही में इस वर्ष देखा जा सकता है, लेकिन अन्य राष्ट्रों के मुकाबले भारत पर ज्यादा असर नहीं होगा और एक आर्थिक रूप से महाशक्ति के रूप में भारत विश्व में रहेगा, ऐसा अनुमान भी कई अंतरराष्ट्रीय रिसर्च कंपनियों ने लगाया है।
आर्थिक बजट में किस पर हो सकती है विशेष बाते..
वित्त मंत्री आज आर्थिक बजट संसद के संयुक्त सत्र में पेश कर रही हैं यह बजट आम आदमी कारपोरेट कंपनियां बैंकों वित्तीय संस्थाओं शेयर बाजार शोषित और गरीब वर्ग सभी के लिए महत्वपूर्ण है जानकारों का मानना है कि निर्माण के क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में और रोजगार के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण घोषणा की जा सकती हैं लग्जरी के सामान जैसे कार, विमान, आलीशान घर, होटल इत्यादि के उपभोग पर अधिक खर्च का दबाव आ सकता है।
आम आदमी के लिए टैक्स की दरों में रियासतों को लेकर कुछ नए प्रावधान दिए जा सकते हैं।
भारत सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति पहले ही कह चुकी है, शिक्षा से संबंधित रिफॉर्म पर भी बयान आ सकता है।
शेयर बाजार से जुड़ी सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स पर की नई दरों पर भी सबकी नजर रहेगी।
पिछली बार के बजट में इंश्योरेंस कंपनियों में फॉरेन निवेश की मंजूरी का दायरा 26% से बढ़ाकर 50% किया गया था, इस बार फॉरेन निवेश को लेकर कुछ और रियायतें देने की संभावना है।
इस वर्ष जीएसटी कलेक्शन बढ़ा है, इस लिहाज से जीएसटी में शायद खास परिवर्तन नहीं होने की उम्मीद है।
कॉरपोरेट टैक्स स्ट्रक्चर में कुछ बदलाव होने की संभावनाएं हैं।
निर्माण क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों बैटरी , केमिकल, वस्त्र, मोबाइल आदि में वित्त मंत्री द्वारा परफॉर्मेंस पर आधारित इंसेंटिव की स्कीम पर घोषणा की जा सकती है।
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