0 आज है षटतिला एकादशी व्रत/जानें महात्मय - Khabre Mumbai

Breaking News

आज है षटतिला एकादशी व्रत/जानें महात्मय

षटतिला एकादशी का व्रत 18 जनवरी 2023 को रखा जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन व्रत को रखने से जन्म-जन्म व्यक्ति निरोगी रहता है और उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के दुखों का नाश होता है और बैकुंठ प्राप्त करता है। इस दिन दान-पुण्य जरूर करना चाहिए। शास्त्रों में बताया गया है कि मनुष्य जैसा दान करता है, उसे बाद में उसी तरह का फल मिलता है। 

हिंदू पंचांग के अनुसार माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 17 जनवरी 2023 को शाम 6 बजकर 5 मिनट से शुरू हो रही है. ये तिथि अगले दिन 18 जनवरी 2023 को शाम 4 बजकर 3 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि को देखते हुए 18 जनवरी 2023 को षटतिला एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

तिल का लगाया जाता है भोग
 
षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तिल का भोग लगाया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि षटतिला एकादशी के दिन तिल का दान करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि इस दिन जो व्यक्ति जितना तिल दान करता है, उसे उतने हजार वर्ष तक स्वर्ग में स्थान प्राप्त होता है. इस दिन तिल का उपयोग करने से धन की कमी नहीं होती है।

षटतिला एकादशी पर किसी भी रूप में तिल का उपयोग जरूर करना चाहिए। आप तिल के जल से स्नान, तिल का दान, तिल का सेवन, तिल से तर्पण, तिल का प्रसाद या फिर तिल से हवन कर सकते हैं।

( संकलन*आचार्य अजय मिश्र जी, मुख्य पुजारी विश्व हिंदू परिषद संचालित समर्थ हनुमान टेकडी सिद्धपीठ, सायन, मुंबई)

 व्रत से जुड़ी कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार , एक महिला बड़ी संपन्न और धनवान थी और उसका मन भी उतना ही बड़ा था। वह गरीबों को बहुत सारा दान देती थी। वस्त्र, धन, मणि इत्यादि।  लेकिन उसने अपना एक सिद्धांत बना रखा था , वह भोजन का दान नहीं देती थी।

 भगवान विष्णु ने उसे भोजन दान से संबंधित बात बताने का निर्णय लिया और वह भी गरीब भिखारी बनकर उसके सामने आए। महिला ने औरों की तरह उन्हें भी धन , कपड़े देने का निश्चय किया लेकिन भगवान ने उस से प्रार्थना की कि उन्हें सिर्फ भोजन ही चाहिए , जबकि यह महिला भोजन दान नहीं करती थी।

 ऐसे में महिला ने भगवान को मना कर दिया और भिखारी समझकर भगाने लगी। भगवान के बहुत अनुनय विनय करने पर महिला ने भगवान की कटोरी में मिट्टी की गेंद डाल दी। इस पर भगवान ने कुछ नहीं कहा और चले गए।

 महिला वापस अपने घर में गई तो उसने देखा कि उसका सारा सामान मिट्टी का ही हो गया है। उसके कपड़े,  मणि, धन और घर के सभी सामान मिट्टी में बदल चुके हैं ।भोजन भी मिट्टी में ही बदल चुका था।
 ऐसे में धीरे-धीरे महिला की स्थिति खराब होने लगी। उसका स्वास्थ्य खराब होने लगा,  उसके उपरांत भगवान से प्रार्थना की कि किसी भी तरीके से उसकी हालत सुधर जाए।

 भगवान ने  सपने में दर्शन दिया और कहा कि जिस तरह गरीब को तुमने भोजन देने के बजाय मिट्टी देकर विदा किया था , उसका उपहास किया था उसी के वजह से तुम्हारी यह दुर्दशा हो रही है। यदि तुम भोजन दान करो तो स्थिति बदल सकती है। महिला ने अगले ही दिन गुरुवार के दिन भगवान विष्णु का पूजन किया और गरीबों को ढेर सारा भोजन दिया, उसकी स्थिति बदल गई।

 षटतिला एकादशी के दिन भोजन दान का विशेष महत्व है। गरीब को भोजन जरूर दें, तिल का दान यथा संभव हो सके तो जरूर करें और अपने घर में भी तिल का उपयोग करें । चाहे तिल के जल का उपयोग नहाने में किया जा सकता है, तिल से भगवान विष्णु को आज भोग लगाएं , तिल से बनी हुई कोई चीज खाएं। इन सभी का आज के दिन बहुत ही विशेष महत्व है।

No comments