माघी गणेश संकष्टी चतुर्थी आज
सनातन धर्म में विशेष रूप से चतुर्थी तिथि श्री गणेशजी की पूजा-उपासना के लिए समर्पित होती है। शुक्लपक्ष में आने वाली चतुर्थी को विनायक और कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। इसलिए प्रत्येक मास की दोनों ही चतुर्थी गणपति पूजन के लिए उत्तम हैं। इस बार संकष्टी चतुर्थी का व्रत माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 10 जनवरी , मंगलवार को रखा जाएगा। मंगलवार को पड़ने के कारण इसे अंगारकी चतुर्थी और लंबोदर संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं। लोकभाषा में इसे 'माघी चौथ' या 'तिलकुटा चौथ' कहा जाता है।
हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी का अपना एक विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश एवं चौथ माता का पूजन करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।गणेश जी की कृपा पाने के लिए वैसे तो इस व्रत को कोई भी कर सकता है,लेकिन अधिकांश सुहागन स्त्रियां ही इस व्रत को परिवार की सुख- समृद्धि के लिए करती हैं ।
नारद पुराण के अनुसार इस दिन भगवान गजानन की आराधना से सुख-सौभाग्य में वृद्धि तथा घर -परिवार पर आ रही विघ्न -बाधाओं से मुक्ति मिलती है एवं रुके हुए मांगलिक कार्य संपन्न होते हैं। इस चतुर्थी में चन्द्रमा के दर्शन एवं अर्घ्य देने से गणेश जी के दर्शन का पुण्य फल मिलता है।
जिन पर शनि की साढ़ेसाती और ढैया चल रही है उन्हें यह व्रत रखना चाहिए।धन की इच्छा रखने वालों को हरे रंग के गणेशजी अच्छे स्वास्थ्य के लिए लाल रंग के गणेशजी की पूजा करनी चाहिए।जिनकी संतान को किसी भी प्रकार का कष्ट हो,उन माताओं को इस दिन गणेशजी का व्रत एवं पूजा करनी चाहिए।
(संकलन: आचार्य अजय मिश्र जी, मुख्य पुजारी :विहिप संचालित समर्थ हनुमान टेकडी सिद्धपीठ, सायन, मुंबई)
आज सूर्योदय ७:१५ बजे होगा और सूर्यास्त ५:४१ बजे है।
सर्वार्थ सिद्धि योग: ०७:०१ बजे सुबह से ०९:०१ बजे तक
राहुकाल दोपहर ३ बजे से ४:३० तक
अभिजीत मुहूर्त १२:०८ से १२:४९ तक
विजय मुहूर्त ०२:१३ दोपहर से ०२:५५ तक
गोधुलि बेला शाम ०५:३९ से ०६:०७ तक
निशीथ काल मध्यरात्रि १२:०१ बजे से १२:५६ तक
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