चुनाव आयोग की सुनवाई में उद्धव- शिंदे समूह के वकीलों में झड़प/23 को खत्म हो रहा उद्धव का अध्यक्ष पद/30 को अगली सुनवाई की तारीख
कल शुक्रवार का दिन उद्धव और शिंदे दोनो ही शिवसेना समूहों के लिए मुश्किल भरा रहा।
चुनाव आयोग के सामने हो रही सुनवाई में कल उद्धव समूह का पक्ष रख रहे वकील पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल और देवदत्त कामत ने कहा कि उद्धव ठाकरे की अध्यक्ष पद का कार्यकाल 23 जनवरी को समाप्त हो रहा है ,ऐसे में निवेदन है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी का चुनाव कराए जाने की अनुमति मिले।
कपिल सिब्बल ने कहा कि शिंदे समूह ने रीयल शिवसेना पार्टी के कोड ऑफ कंडक्ट, नियमावली का उल्लंघन किया है।
वहीं दूसरी ओर , शिंदे समूह का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने दलील दी है कि उद्धव ठाकरे समूह द्वारा अध्यक्ष पद पर चयन ही संवैधानिक नही है।
दोनो पक्ष इस पर दलील देते रहे की उन्हे ही क्यों धनुष बाण सिंबल और शिवसेना का नाम दिया जाना चाहिए।
कामत उद्धव समूह का समर्थन करते हुए दुहराते रहे कि शिवसेना ने सिर्फ उद्धव ठाकरे को ही पार्टी अध्यक्ष स्वीकार किया है।
चुनाव आयोग ने दोनो पक्षों की दलीलें सुनने के बाद निर्देश दिया कि दोनो पक्ष अपना जवाब लिखित रूप में सोमवार 23 जनवरी तक दें। अगली सुनवाई 30 जनवरी को होगी।
उल्लेख कर दें कि अक्टूबर 2022 में चुनाव आयोग ने दोनो ही पक्षों को नया नाम और सिंबल दे दिया था और असली पार्टी नाम व सिंबल का प्रयोग करने से मना कर दिया था।
फरवरी 2023 में अंतिम निर्णय किए जाने की उम्मीद लगाई जा रही है।
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