शिवसेना उद्धव ठाकरे ग्रुप ने की सूरज परमार बिल्डर सुसाइड मामले में SIT बिठाने की मांग /परमार की डायरी में शिवसेना नेता के नाम का शॉर्ट ES उल्लेख/2015 में बिल्डर ने खुद को मारी थी गोली
46 वर्षीय सूरज परमार ने अक्टूबर 2015 में खुद को दाहिने गर्दन में गोली मारी थी और 15 पन्नो का सुसाइड नोट छोड़ा था। वह कॉसमॉस ग्रुप को हेड करते थे और महाराष्ट्र चैंबर ऑफ हाउसिंग इंडस्ट्री के ठाणे यूनिट के अध्यक्ष भी थे। उन्होंने सुसाइड नोट में उल्लेख किया था कि ठाणे महानगरपालिका के अंतर्गत चितलसर मानपाड़ा का 1.3लाख स्क्वायर फीट का प्लॉट विकसित करने के लिए अर्ज दिया था, उसे विकसित किया, पर ट्रांसफर ऑफ डेवलपमेंट राइट्स ( TDR) नही दिया जा रहा था, जिसके लिए कुछ नगरसेवक और नेता उन्हे परेशान कर रहे थे।
सूरज परमार ने TDR के लिए 2009 से 2011 के बीच तीन बार ठाणे महानगरपालिका को संपर्क किया पर हर बार तरह तरह के क्लियरेंस सर्टिफिकेट की मांग होती रही। आखिर उन्होंने 2013 में मुंबई उच्च न्यायालय में इसके लिए केस दाखिल किया। यह कानूनी लड़ाई पहली बार तो रिजेक्ट हुई जिसके बाद 2014 में फिर परमार ने केस दाखिल किया। परमार के सुसाइड नोट में ऐसा उल्लेख था कि वह गले तक मुसीबत में फंस गए थे। सुसाइड नोट में चार लोगों के नाम का जिक्र भी परमार ने किया था पर उन नामों पर ओवर राइट कर दिया जिसे पढ़ना मुश्किल था। परमार ने लिखा था कि वह नही चाहते कि उनके जाने के बाद उनके परिवार को परेशान किया जाए।
TMC यानी ठाणे महानगर पालिका का तर्क था कि TDR परमार की cosmos Group को नही दिया जा सकता क्योंकि उस प्लॉट को विकसित करने के लिए 2006 में जो CC ( commencement certificate) दिया गया उसमे लिखा है कि cosmos ग्रुप वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक पार्क तथा एक क्लब मुफ्त में बनाकर देगी।
टीएमसी ने यह भी तर्क दिया कि प्लॉट इंडस्ट्रियल जोन में आरक्षित थी पर जब तक परमार की कॉसमॉस ग्रुप को मंजूरी दी गई, तब तक उसका आरक्षण स्टेटस बदलकर रेजिडेंशियल हो चुका था। इसके अतिरिक्त कोर्ट में टीएमसी ने DCR यानी डेवलपमेंट कंट्रोल रेगुलेशन एक्ट के कई क्लॉज गिनाए जिनके चलते परमार की फर्म को टीडीआर नही दिया जा सकता था।
परमार की डायरी में कुछ नेताओं के नाम थे जो उन्हे आत्महत्या के लिए उकसा रहे थे। उद्धव गुट के नेताओं ने कहा कि हम जानते हैं वे नेता कौन हैं जो परमार को आत्महत्या के लिए मजबूर कर रहे थे। इस मामले में SIT जांच की जानी चाहिए- ऐसा राज्यसभा सदस्य और शिवसेना उद्धव समूह के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा।
राउत ने सीधे सीधे वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम नही लिया लेकिन उद्धव समूह के कुछ नेता परमार की डायरी में उल्लिखित ES का नाम ले रहे थे जिसका संकेत एकनाथ शिंदे की ओर था।
हालांकि 2019 में मुंबई उच्च न्यायालय ने बिल्डर के हक में फैसला देते हुए ठाणे मनपा को आदेश दिया कि वह प्लॉट का ट्रांसफर ऑफ डेवलपमेंट राइट्स cosmos group को दिया जाए। कोर्ट ने टीएमसी की दलीलों पर असहमति जताते हुए कहा था कि पालिका ने सिर्फ कहा है, अपनी बातो का कोई साक्ष्य नहीं रख पाई है जिसमे इंडस्ट्रियल से रेजिडेंशियल जोन में प्लॉट तब्दील हुआ ,ऐसा उल्लेख है। इसके अतिरिक्त CC में ऐसा उल्लेख नही था कि टीडीआर नही दिया जाएगा।
न्यायमूर्ति गण एस सी धर्माधिकारी और संदीप शिंदे ने कहा कि मान लें कि पालिका ने जोन में बदलाव किया फिर भी यह तर्क संगत नही है कि अतिरिक्त टीडीआर सिर्फ जोन में बदलाव के चलते नही दिया जाए।
टीडीआर न देने के DCR rules पर न्यायमूर्तियों ने कहा की मुख्य लॉ MRTP एक्ट maharshtra regional town planning act है जिसमे TDR विकासक को दिए जाने का उल्लेख है यदि किसी प्लॉट यानी भूखंड का विकास कर विकासक या भवन निर्माता उसे जनता के इस्तेमाल के लिए मुफ्त में संबंधित अथॉरिटी को दे देती है। इन सबके अलावा परमार की कंपनी ने जो undertaking ठाणे मनपा के साथ 2009 में किया उसमे "in lieu of TDR " शब्द का स्पष्ट उल्लेख है।
उद्धव समूह सूरज परमार बिल्डर आत्महत्या वाली इस सात साल पुराने केस पर SIT की मांग तब कर रहा है जब राज्य सरकार ने हाल ही में विधानभवन में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या से पहले हुई उनके मैनेजर दिशा सालियान की 2020 में हुई आत्महत्या को लेकर SIT जांच कराने की बात कही। मुंबई पुलिस इस मामले को पहले ही देख चुकी है, उपमुख्यंत्री फडणवीस ने कहा कि पुलिस के पास जो जानकारी है, वह SIT टीम को दे सकते हैं।
सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर काफी चर्चाएं हुई थी और यह भी अफवाह फैली थी की सीबीआई ने दिशा सालियान मामले में आत्महत्या को ही निष्कर्ष माना था, जबकि एक दिन पहले ही सीबीआई ने यह कहा है कि उन्होंने इस केस को देखा ही नहीं हैं, उन्हे कभी यह केस दिया ही नही गया। उल्लेख करना जरूरी है कि सोशल मीडिया में दिशा सालियान हत्याकांड को लेकर ठाकरे परिवार के सदस्य को जोड़ा गया है।
दिशा सालियान वाले मामले में सोशल मीडिया में और भाजपा , शिंदे समूह के कई नेताओं द्वारा आरोप लगाया गया है पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे और तत्कालीन राज्य पर्यावरण मंत्री रहे आदित्य ठाकरे भी शामिल हैं। अब मौजूदा राज्य सरकार इस मामले की जांच SIT को देने जा रही है।
दूसरा मामला अमरावती के उमेश कोल्हे मर्डर से जुड़ा है जिसमे अमरावती पुलिस ने जांच की थी। राज्य सरकार का कहना है कि यह देखना होगा कि उमेश की हत्या में क्या कोई राजनीतिक दबाव था। उमेश कोल्हे की इसी साल जुलाई में अमरावती में जघन्य तरीके से हत्या की गई थी। पहले पुलिस ने यह निष्कर्ष निकाला था की दुकान में डकैती के चलते हत्या की गई हालांकि बाद में पुलिस ने स्वीकारा कि हत्या बदले की भावना से हुई थी क्योंकि उमेश ने तत्कालीन भाजपा नेता ( बर्खास्त की जा चुकी हैं ) नुपुर शर्मा के प्रोफेट मोहम्मद वाले विवादित बयान का समर्थन किया था। उमेश की मेडिकल शॉप थी, और इसी शॉप में 7 अपराधियों की साजिश का शिकार बने उमेश और उनकी हत्या कर दी गई थी।
उमेश का अपराध इतना ही था कि नुपुर शर्मा के बयान का समर्थन करने वाला DP स्टेटस उन्होंने एक व्हाट्सएप ग्रुप ब्लैक फ्रीडम पर कर दिया था, वहां से स्क्रीनशॉट लेकर अभियुक्त यूसुफ खान ने रहबरिया ग्रुप में पोस्ट कर दिया, इसके अलावा अन्य कई ग्रुप में उसे पोस्ट किया गया। यूसुफ खान, मुदस्सर अहमद, शाहरुख पठान , अब्दुल तौफीक, शोएब खान, अतीब रसीद, इरफान खान इन सात अभियुक्तों ने हत्या की साजिश रची और उमेश को मौत के घाट उतार दिया।
कोल्हेे हत्या मामले में SIT जांच की मांग तब उठी जब निर्दलीय विधायक रवि राणा ने विधानसभा में कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अमरावती पुलिस आयुक्त पर दबाव बनाया कि उमेश कोल्हे की मौत दुकान में डकैती के चलते हुआ ऐसा दिखाया जाए।
एकनाथ शिंदे, मुख्य मंत्री ने परमार मामले में SIT बिठाने के मुद्दे पर कहा कि उनकी सरकार के पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है। यह विपक्ष का एक असफल प्रयास है। हमारी सरकार बिल्कुल निष्पक्ष सरकार है।
शिंदे समूह विधायक संजय सिरसाट ने कहा कि परमार मामले में SIT की मांग और परमार की डायरी में ES नाम के उल्लेख की बात तब उठी है जब शिंदे समूह से सांसद राहुल शेवाले ने बताया कि कैसे दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की दोस्त रिया चक्रवर्ती को AU नाम से सुरक्षित किए गए नंबर से कॉल आए थे। शिंदे समूह ने कहा कि AU का मतलब आदित्य उद्धव है।
सांसद राहुल शेवाले बलात्कार आरोप से घिरे, की प्रेस कॉन्फ्रेंस , राकांपा नेता का बड़ा बयान
बता दें कि दक्षिण मध्य मुंबई से सांसद राहुल शेवाले पर एक महिला ने बलात्कार का आरोप लगाया है और शेवाले ने इसके खिलाफ NIA यानी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी जांच की मांग भी की है ।महिला ने बलात्कार का केस दर्ज कराया है और शेवाले का कहना है कि इस महिला के संबंध दावूद इब्राहिम गैंग से हैं।
राहुल शेवाले ने पत्नी कामिनी शेवाले और अधिवक्ता की उपस्थिति में प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर कल NIA जांच कराने की बात कही है। शेवाले ने कहा कि उनके राजनीतिक कैरियर को खत्म करने के लिए यह एक अंतरराष्ट्रीय साजिश रची गई है। मैं चाहता हूं कि मुख्यमंत्री इस लड़की की जांच एनआईए टीम से करवाएं। उन्होंने कहा कि युवा सेना जो उद्धव समूह की युवा इकाई है ,के कुछ लोग और राकांपा के कुछ नेता उनकी छवि खराब करना चाहते हैं। शेवाले ने यह भी कहा कि महिला ने उन्हे ब्लैकमेल करने की भी कोशिश की है।
पुणे की राकांपा नेता रूपाली थोंबरे ने फेसबुक लाइव ब्रॉडकास्ट के जरिए शुक्रवार को जनसंवाद में कहा था कि एक 33 साल की महिला ने राहुल शेवाले पर बलात्कार और शोषण का आरोप लगाया है। वीडियो जारी कर इस पीड़िता ने कहा कि पुलिस में उनकी शिकायत को एफआईआर FIR के रूप में नही दर्ज किया जा रहा है।
राकांपा नेता थोंबरे ने कहा कि यदि शेवाले का कहना है कि महिला दावूद गैंग से जुड़ी है तो हम जानना चाहते हैं कि शेवाले इस महिला को कैसे जानते हैं? रूपाली थोंबरे ने यह भी मांग की है कि महाराष्ट्र सरकार उस पीड़िता महिला की सुरक्षा सुनिश्चित करे क्यों कि उसकी जान को अब सांसद शेवाले से खतरा है। रूपाली राकांपा में आने से पहले पहले मनसे से जुड़ी थीं।
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