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द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति बननेवाली देश की पहली आदिवासी वर्ग की महिला- गरीब और शोषित लोगों के लिए आशा की किरण हैं मुर्मू- पीएम मोदी

आज देश को १५वें राष्ट्रपति के रूप में आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करनेवाली द्रौपदी मुर्मू को नई पहचान मिली है।

विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवन्त सिन्हा के  मुकाबले दो गुने से अत्यधिक मत प्राप्त कर भाजपा सहित एनडीए समर्थित द्रौपदी मुर्मू अब राष्ट्रपति भवन से पूरे देश के प्रथम नागरिक के रूप में शोभा बढ़ाने जा रही हैं।
उक्त अवसर पर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री समेत सीर्ष नेताओं, विपक्ष के बड़े नेतावृन्द सभी ने अपनी शुभेच्छा दी है और द्रौपदी मुर्मू का नए राष्ट्रपति के रूप में अभिनंदन किया है।

उल्लेखनीय है कि श्री रामनाथ कोविंद का १४ वें राष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल ३० जून को समाप्त हो गया था।

देश की पहली आदिवासी महिला के रूप में श्रीमती मुर्मू ने तीसरे राउंड की मतगणना में ही चुनाव जीत लिया था। उसके बाद  चौथे से लेकर आखिरी राउंड तक मतान्तर अत्यधिक बढ़ गया। कुल ४७५४ मतों में से १०० विपक्षी विधायकों के मत भी मुर्मू को मिले।

मुर्मू को कुल २८२४ वोट मिले हैं। जबकि यशवन्त सिंहा को १८७७ वोट मिले हैं।

१९५८ में तत्कालीन ओडिशा  के मयूरभंज में जन्मी मुर्मू ने १९७९ में रामादेवी कॉलेज से बी ए पास की। १९९७में भाजपा को जॉइन किया।
उन्होंने वर्ष 2000 में रायरंगपुर से विधायकी जीती और ओडिशा सरकार में मंत्री भी बन गईं। कुसुमू तहसील के उपरबेडा गांव स्थित छोटे से स्कूल में पढ़ी मुर्मू ने अपने पति और दो बेटों के निधन के बाद घर अपने  घर को ही बोर्डिंग स्कूल मे बदल दिया।

१९९४-९७ तक वह रायरंगपुर के एरॉबिंदो ििनतएगरतेदण्ड एडुकेटशनल एन्ड रेर्च में अध्यापन भी कर चुकी हैं।


२००९ में वह दोबारा विधायिका चुनी गईं।२०१५-२१ तक वह झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं।






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