उद्धव कैम्प ने सीनियर सुको लॉयर देवद्दत कामत को उतारा सत्ता संघर्ष में-बागी विधायक होंगे अयोग्य, विस् उपाध्यक्ष को है बागी विधायकों को अयोग्य करने का अधिकार- देवदत्त कामत/ शिन्दे की याचिका पर सुको में सुनवाई आज/ सही समय आने पर लेंगे राज्य के हित में फैसला- भाजपा
महाराष्ट्र में वर्तमान राजनीतिक उथल-पुथल से पूरा देश जग गया है । एक ओर जहां महाराष्ट्र से सत्तासीन महा विकास आघाडी से दूर जाकर असम के गुवाहाटी में नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे 40 से अधिक विधायक और आठ मंत्रियों के साथ शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं। असम के रेडिसन ब्लू पंच सितारा होटल में डेरा जमाए हुए हैं।
वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लाडले नेता और शिवसेना में दूसरे नंबर के लीडर कहे जाने वाले राज्यसभा सदस्य संजय राउत के द्वारा तीखी प्रतिक्रिया का दौर ट्विटर और मीडिया के माध्यम से जारी जारी है ।
कल महाराष्ट्र राज्य के तकनीकी शिक्षा मंत्री और शिवसेना के एक और वरिष्ठ नेता उदय सामंत भी एकनाथ शिंदे के खेमे में जा चुके हैं। राज्य सरकार अल्पमत में है और दो तिहाई बहुमत होने का दंभ एकनाथ शिंदे लगातार भर रहे हैं। हालांकि शिन्दे कैंप से किसी ने भी अब तक शिवसेना पार्टी छोड़ी नहीं है और ना ही कोई अन्य राष्ट्रीय पार्टी ज्वाइन की है ।
(वरिष्ठ अधिवक्ता सर्वोच्च न्यायालय- देवदत्त कामत)
इस राजनीतिक उठापटक के बीच शिवसेना ने सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत को मैदान में उतारा है । कामत के अनुसार बागी विधायकों को एंटी डिफेक्शन लॉ के तहत मूल पार्टी यानी शिवसेना अयोग्य घोषित कर सकती है। जिसका संविधान के तहत शिवसेना को पूरा पूरा अधिकार है। कामत हिजाब बैन केस में भी थे।
उन्होंने जनता दल के शरद यादव का भी जिक्र किया जिनकी अयोग्यता से संबंधित मामले में बतौर अधिवक्ता वह लड़ रहे थे और हार गए थे। उन्होंने दूसरी पार्टी की रैली में भाग लिया था इसलिए उन्हें जनता दल ने अयोग्य घोषित किया था। जिसके खिलाफ शरद यादव सर्वोच्च न्यायालय गए लेकिन अंत में हार का सामना करना पड़ा।
कामत ने कहा कि बागी विधायक गण ने अभी तक शिवसेना पार्टी को नहीं छोड़ा है। शिवसेना के द्वारा ली गई कई अहम मीटिंग में अपनी उपस्थिति नहीं दिखाई है और सोशल मीडिया, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से पार्टी के विरोध में बयान जारी कर रहे हैं। एक पार्टी के संवैधानिक संरचना के नियमों का यह स्पष्ट उल्लंघन है और एंटी डिफेक्शन लॉ के तहत उन बागी विधायकों को अयोग्य (डिसक्वालिफाई) किया जा सकता है।
कामत ने इस बात पर भी सहमति दिखाई की वर्तमान में राज्य विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरी जरवाल के पास पूरा अधिकार है कि बागी विधायकों को अयोग्य कर सकें । फरवरी 2021 से ही कांग्रेस के नाना पटोले के इस्तीफा देने के बाद से महाराष्ट्र विधानसभा का अध्यक्ष पद अब तक खाली है ।
एकनाथ शिन्दे द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में दी गई एक याचिका जिसमें सभी बागी विधायकों के अयोग्यता के नोटिस को चैलेंज किया गया है उस पर सुनवाई आज होनी है।
शिन्दे ने यह भी कहा है कि सदन का नेता विधायक अजय चौधरी को मुख्यमंत्री ठाकरे ने चुना है, शिन्दे को जिस दिन इस पद से हटाया गया उसके दूसरे दिन ही चौधरी को यह पद दिया गया ; यह संवैधानिक नही है।
अब तक कुछ प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया द्वारा यह आरोप लग रहा है कि भाजपा ने हर बागी विधायक को ५० करोड़ में खरीद लिया है ,उनके होटलों में रुकने के खर्च तक जोड़कर ३००० करोड़ का दांव बताया जा रहा है। भाजपा के पूर्व राज्य वित्त मंत्री रहे और बड़े नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कल प्रेस वार्ता में कहा कि शिवसेना के मौजूदा हालात में भाजपा का दूर दूर तक कोई संबंध नही है। एकनाथ शिन्दे और अन्य बागी विधायक क्या जूनियर केजी में पढ़नेवाले बच्चे हैं जिन्हें भाजपा ने प्रभावित किया है। शिवसेना नेताओं को जरूरत है कि अपना ईगो, अहंकार छोड़ें।
मुनगंटीवार ने कहा कि वर्तमान स्थिति में भाजपा अच्छी तरह जानती है कि कानूनी संघर्ष चलेगा और जब परिस्थिति साफ हो जाएगी ,उसके बाद ही बागी विधायकों से मिलेंगे। भाजपा सत्ता पाने के लिए बिल्कुल जल्दबाजी नही करेगी।
एकनाथ शिन्दे के विधानसभा क्षेत्र ठाणे परिसर में धारा १४४ लगाई गई ,शिवसैनिकों ने कई बागी विधायकों के दफ्तर में तोड़फोड़ की। कई जगह पुलिस हिंसक घटनाओं को रोकने में सफल रही।
कल ही राज्यपाल कोश्यारी ने राज्य प्रशाशन को निर्देश दिए हैं कि बागी विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
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