मलिक ,देशमुख को राज्यसभा में वोट दिलवाने के लिए कोर्ट जाएगी एनसीपी
महाराष्ट्र में होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र सरकार में शामिल सत्ता सीन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अपने दो मंत्रियों जो जेल में बंद हैं, उन्हें राजसभा चुनाव में मताधिकार का प्रयोग करने के लिए न्यायालय का रुख करने जा रही है।
राकांपा के दो मंत्री जिनमे एक राज्य के गृहमंत्री रहे अनिल देशमुख और दूसरे अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक जेल में बंद हैं।
अनिल देशमुख पर मनी लांड्रिंग, हफ्तावसूली के लिए पद का दुरुपयोग, पुलिस अधिकारियों द्वारा हर महीने सौ करोड़ की वसूली का टारगेट जैसे कई मामलों में जेल में जिंदगी कट रही है।
दूसरी ओर राकांपा के प्रवक्ता और राज्य में अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक पर आरोप है कि कुर्ला की जमीन की खरीद में उनका सम्बंध कुख्यात अंतरराष्ट्रीय मोस्ट वांटेड अंडरवर्ल्ड डॉन दावूद इब्राहिम गैंग से होना पाया गया है। दावूद गैंग के साथ वित्तिय लेन देन में मलिक का लिप्त होना उनके लिए जेल की कोठरी बन गया है।
राकांपा कोटे से जूनियर पवार और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि पहले भी राकांपा के दो दिग्गज नेता रमेश कदम और छगन भुजबल जेल में रहे हैं और उस दौरान राष्ट्रपति के चयन की प्रक्रिया में उन्हें वोट देने का अधिकार मिला था।
महाविकास अघाड़ी भाजपा द्वारा राज्यसभा के लिए धनंजय महाडिक को आगे किये जाने से चिंताग्रस्त है क्यों कि महाडिक शिवसेना के संजय पवार का वोट अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं।
राकांपा के वकील मजीद मेनन ने मलिक और देशमुख की मताधिकार को लेकर न्यायालय में जाने से पहले एक दिन रुकने की वकालत की है।
इससे पूर्व महाराष्ट्र में राज्यसभा के लिए चुनाव नही हुआ पर इस बार भाजपा और शिवसेना दोनों ही अपना शक्ति प्रदर्शन करना चाहते है।
यदि भाजपा ने अपने उम्मीदवारों का नामांकन नही वापस लिया तो चुनाव जरूर होंगे।
यदि भाजपा ने अपने तीसरे उम्मीदवार धनंजय महाडिक का नामांकन वापस ले लिया तो मलिक और देशमुख के वोट की जरूरत ही नही पड़ेगी।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के अनुसार तीसरे उम्मीदवार का नामांकन वापस नही लिया जाएगा। धनंजय के पास 32 वोट हैं, और 10 अतिरिक्त वोट की आवश्यकता है। इसलिए यह सीट तो उन्हें ही मिलेगी।
भाजपा चाहती है कि एमवीए में नाराज कांग्रेस और राकांपा विधायक महाडिक को वोट करें।भाजपा के चंद्रकांत पाटिल ने कहा है कि राष्ट्रपति और राज्यसभा चुनाव में यदि विधायक पार्टी के आदेश का पालन नही करते हैं तो भी उन्हें डिसक्वालिफाई नही किया जा सकता।
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