एलआईसी का IPO आज भी कार्यरत, अब तक 1.६६ गुना हुआ सब्सक्राइब/ भारत सरकार जुटाएगी 21 हजार करोड़ रुपये
देश की सबसे बड़े बीमा कम्पनी लाइफ इन्शुरन्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया का आईपीओ यानी इनिशियल पब्लिक आफरिंग 4 मई से शुरू हुआ है जो 9 मई को समाप्त होगा।
देश का यह पहला सबसे बड़ा आईपीओ है जो शनिवार और रविवार के दिन भी ipo के लिए खुला हुआ है। इस आईपीओ के जरिए भारत सरकार अपनी लगभग 3.5% की हिस्सेदारी बेच रही हैं।
जिससे कुल मिलाकर 21000 करोड रुपए भारत सरकार जुटा सकेगी।
पहले भारत सरकार IPO मार्ग के जरिए 5% हिस्सेदारी बेचकर ₹65000 करोड़ जुटाना चाहती थी लेकिन अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों के चलते और शेयर बाजार में उठापटक को देखते हुए भारत सरकार ने अपनी हिस्सेदारी 5% से घटाकर 3.5% ही बेचने का निर्णय लिया।
एलआईसी के शेयर खरीदने के लिए पॉलिसी होल्डर को मौजूदा तय किए गए बाजार में 5% डिस्काउंट का भाव दिया गया है वहीं एलआईसी की काम करने वाले एंपलाई क ₹45 डिस्काउंट दिया गया है तो पॉलिसी होल्डर को ₹60 का डिस्काउंट दिया गया है।
लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया भारत सरकार के स्टेक होल्डिंग वाली देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है जो 1956 से देश में अपनी सेवा दे रहे हैं और जीवन बीमा क्षेत्र में लगभग 74% की हिस्सेदारी के साथ नंबर वन पोजिशन पर बनी हुई है।
अब तक के आंकड़ों के अनुसार एलआईसी शेयर बाजार में लिस्ट होने के बाद मार्केट केपीटलाइजेशन के हिसाब से देश की तीन सबसे महत्वपूर्ण कंपनियों में शामिल होने जा रही है जिनका आर्थिक मूल्यांकन 80 से 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक जा सकता है।
पालिसी धारको ने 9190 करोड़ तक की बिडिंग करते हुए ४.६७ गुना खरीद की है।अब तक कुल 1.66 गुना सब्सक्राइब करते हुए 26.83 करोड़ शेयर की खरीद एप्लीकेशन जमा हो चुकी है जबकि आफर 16.2 करोड़ इक्विटी शेयर के लिए है।
पिछले चार दिनों में अब तक 24365 करोड़ रुपये तक के लिए बिडिंग की जा चुकी है।
नॉन ईनस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर ने 1.08 गुना सब्सक्राइब कर लिया है।
एलआईसी की ही एक और कंपनी जो खुदरा ग्राहकों, भवन निर्माताओं को भवन बनाने के लिए , और भवन या पुरानी प्रॉपर्टी के गिरवी रखकर कर्ज देने की क्षेत्र में कारोबार करते हैं; उसे भी शेयर बाजार में बहुत पहले ही लिस्ट किया गया है और यह कंपनी एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस के नाम से जानी जाती है।
क्या है IPO
विशेष: IPO वह जरिया है जिसके अन्तर्गत कोई भी निजी कम्पनी स्वयं को शेयर बाजार में लिस्ट कर सकती है और जनता इसमे अपने पैसे लगाकर उतने प्रतिशत की हिस्सेदारी का स्वामित्व ग्रहण कर सकती है। IPO के जरिये स्वयं को लिस्ट करने के लिए वित्त मंत्रालय के अधीन कार्यरत सेबी(सिक्योरिटीज एंड बोर्ड एक्सचेंज ऑफ इंडिया ) की नियमावली और अधिनियमों के तहत ड्राफ्ट रेड हारिंग प्रॉस्पेक्टस(DRHP) जारी करना होता है। यह एक ऐसा विस्तृत जानकारी वाला डॉक्यूमेंट होता है जिसमे कम्पनी की मूलभूत जानकारी जैसे, किस क्षेत्र में काम करती है, कम्पनी के कर्ता धर्ता कौन हैं, पिछले 2-3 सालों में कितना कारोबार किया, कितना मुनाफा या घाटा मिला, IPO के जरिये कितनी हिस्सेदारी मालिक बेचेंगे, ipo से मिले पैसे का उपयोग किस विषय मे होगा, IPO में मदद करनेवाले इन्वेस्टमेंट बैंक, मर्चेन्ट बैंक, रजिस्ट्रार इत्यादि उल्लिखित होते हैं।
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