नवजोत सिंह सिद्धू को 1 साल की जेल- मामला वरिष्ठ नागरिक की हिट एंड डेथ से जुड़ा
क्या हुआ था 1988 में
मई १९८८ में नवजोत सिंह सिद्धू ने सड़क पर एक गुरनाम सिंह नामक वरिष्ठ व्यक्ति को गाड़ी से सिर में ठोकर मार दी थी जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।
परिजनों ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में गुहार लगाई जहां माननीय उच्च न्यायालय ने २00६ में तीन वर्ष की सजा सिध्धू को सुनाई। जबकि सेशन कोर्ट पटियाला द्वारा सितंबर १९९९ में पहले बेनिफिट ऑफ डाउट और सबूतों के अभाव में सिध्धू व अन्य सहयोगियों को सिर्फ 1 हजार का फाइन लगाकर छोड़ दिया गया था।
सिध्धू ने उच्च न्यायालय के तीन वर्ष कारावास के फैसले से असंतुष्ट होकर सर्वोच्च न्यायालय की शरण ली।
बाद यह मामला सेशन कोर्ट में भी चला। सितंबर 2018 में मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा। सिध्धू की दलील के अनुसार एक बार ठोकर लगने से गुरनाम की मौत हुई इसके साक्ष्य नही है। उन्हें बदनाम करने के लिए मामले को बढ़ाया चढ़ाया गया है।
आज सुप्रीम कोर्ट के जज खानविलकर और एस के कॉल ने कांग्रेस के पूर्व पंजाब विधायक, उपमुख्यमंत्री और क्रिकेटर रहे सिध्धू को 1 साल के कारावास की सजा सुना दी है। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने पीड़ित परिजनों की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमे गृह हत्या और हत्या जैसे अपराध की श्रेणी में सिध्धू के कृत्य को रखने की बात कही गई है।
No comments
Post a Comment