पीएम मोदी को मिला प्रथम लता दीनानाथ मंगेशकर सम्मान, मुम्बई के शनमुखानंद सभागार में राज्यपाल कोश्यारी, आशा भोंसले, उषा मंगेशकर, चंद्रकांत पाटिल, मंगल प्रभात लोढ़ा आदि रहे मौजूद
सायन स्थित शनमुखानंद सभागार आज उस
ऐतिहासिक पल का साक्षी बना जब भारत रत्न सुर साम्राज्ञी लता दी के नाम पर गठित लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार से पीएम मोदी को पहला पुरस्कार प्रदान किया गया। उक्त अवसर मास्टर दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार समारोह का था।
पीएम मोदी ने यह पुरस्कार लता दीदी की छोटी बहन और मशहूर पार्श्व गायिका आशा भोंसले के हाथों ग्रहण किया। उक्त अवसर पर लता की बहन उषा मंगेशकर, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भाजपा महाराष्ट्र प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल, मुम्बई भाजपा अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा आदि गणमान्य मौजूद रहे। मोदी जी आज सुबह जम्मू कश्मीर में थे और यहां मुम्बई में शाम ५ बजे पहुंचे।
मोदी जी ने कहा कि लता दीदी उनकी बड़ी बहन हैं यह उनके लिए गर्व की बात है। लता दीदी से उन्हें हमेशा प्रेम और स्नेह मिला। आज उनके नाम पर ही पुरस्कार मिलना स्वयं लता दीदी के ही आशीर्वाद समान है।
लता दीदी जन जन की थीं इसलिए उनके नाम पर मिले इस पुरस्कार को मैं जन जन को समर्पित करता हूँ।
( मोदी जी अपनी निःस्वार्थ सेवा राष्ट्र के विकास के लिए दे रहे हैं- इसी उपलक्ष्य में सम्मान स्वीकारते हुए)
मोदी जी ने कहा कि उन्हें संगीत जैसे गहन विषय का ज्ञान तो नहीं है पर इतना कहेंगे कि संगीत राष्ट्र को जोडता है। लतादीदी ने 30 से अधिक भाषाओं में कई हजार गाने गाए। वह सही मायने में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगीत के लिए भारत की राजदूत थीं। संगीत राष्ट्रभक्ति और कर्तव्य के शिखर पर ले जा सकता है। संगीत में वह शक्ति है और इस शक्ति को हमने लता दीदी के रूप में देखा है, हम सौभाग्यशाली हैं। मंगेशकर परिवार ने हम सबको बहुत कुछ दिया है।
पीढी दर पीढ़ी मंगेशकर परिवार ने संगीत साधना के यज्ञ में आहुतियां दी हैं।
(पीएम मोदी शनमुखानंद सभागार से - फ़ोटो: साभार ANI/ ट्विटर इंडिया)
लता दीदी से अपने पहली मुलाकात को याद करते हुए मोदी जी ने कहा कि तकरीबन ४०-४५ साल पहले सुधीर फड़के जी ने उनका परिचय लता दीदी से करवाया था और उसके बाद अनगिनत घटनाएं उनके जीवन का हिस्सा बन गईं।
मोदी ने कहा कि वह सम्मान समारोह से दूरी रखते हैं और जब बात लता दीदी की हो तो उनका आना दायित्व बन जाता है। पहली बार ऐसा होगा कि राखी के अवसर पर दीदी उनके बीच नही होंगी। लता दीदी ने इस वर्ष की शुरुआत में ६ फरवरी के दिन ९२ वर्ष की आयु में आखिरी सांस ली थी, उन्हें हृदयाघात हुआ था।
हर वर्ष दिया जाएगा पुरस्कार :
दीना नाथ मंगेशकर की पुण्यतिथि पर लता दीनानाथ मंगेशकर अवार्ड का आयोजन होगा और यह सम्मान उन व्यक्तियों को दिया जाएगा जिसका राष्ट्र के निर्माण में अनुकरणीय योगदान होगा। इस पुरस्कार के बारे में एलान करते हुए मंगेशकर परिवार और मास्टर दीनानाथ मंगेशकर स्मृति प्रतिष्ठान चैरिटेबल ट्रस्ट ने यह घोषणा की थी कि उन्होंने लता मंगेशकर के सम्मान और स्मृति में इस वर्ष से पुरस्कार की शुरुआत कर रहे हैं।
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