आज पृथ्वी दिवस/ इन्वेस्ट इन आवर प्लेनेट : वर्ष २०२२ का आव्हान/ हर वर्ष आज के दिन मनाया जाता है पृथ्वी दिवस
आज 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस यानी अर्थ डे मनाया जा रहा है अर्थ डे वैसे तो यूनाइटेड नेशंस असेंबली ने 2009 में यानी बहुत पहले ही यह मनाने का फैसला किया था और स्टॉकहोम ने १९७० मे पृथ्वी पर उपस्थित प्रदूषण और स्मोक जैसी पर्यावरण की समस्याओं से लोगों को जागरूक करने उस पर पहल करने और पर्यावरण की विभिन्न समस्याओं से निपटने के लिए अर्थ डे को मनाने का विचार रखा था।
इस का उद्देश्य प्रदूषण और अन्य गतिविधियों में भारी वृद्धि के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बताना है। प्रदूषण की बढ़ती समस्याओं के कारण किसी न किसी रूप में प्रतिदिन पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है । बड़े-बड़े भवन निर्माता वृक्षों को काट रहे हैं और वहां रिहायशी इमारतें बना रहे हैं। पशुओं के लिए जंगल समाप्त होते जा रहे हैं । लकड़ियों की तस्करी भी एक प्रमुख कारण रहे हैं ।
ऑक्सीजन देने वाले महत्वपूर्ण जैसे नीम पीपल बरगद इन सब को लगाने का चलन कम होता जा रहा है और उनकी जगह विदेशी पौधों ने ले ली है ।
1970 के दशक में पृथ्वी दिवस की स्थापना नेल्सन द्वारा इकोलॉजी को बढ़ावा देने और पृथ्वी के आसपास की चिंताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए की गई थी।
1992 में 178 से अधिक देशों की सरकारों द्वारा रियो डी जेनेरियो अर्थ सम्मिट में पर्यावरण और उससे संबंधित विकास के विषय पर बात की गई थी उसी समय से संयुक्त राष्ट्र यानी यूनाइटेड नेशंस इस विशेष दिन को इंटरनेशनल अर्थ डे के रूप में मनाता आया है।
इस वर्ष अर्थ डे का थीम रखा गया है - "इन्वेस्ट इन आवर प्लेनेट" यानी सभी लोग साथ आएं और धरती तथा धरती की जैव विविधता यानी bio-diversity को बचाने का कार्य करने के लिए पहल करें/ अर्थ डे का यह दुनिया के सबसे बड़े खतरे यानी क्लाइमेट चेंज का मुकाबला करने के लिए एक व्यवस्थित समाधान ढूंढने पर भी फोकस किया गया है।
मुम्बई जैसे महानगर जहां वायु और ध्वनि प्रदूषण मात्र ट्रैफिक यातायात के चलते ८५ डेसिबल से अधिक होता है, लगातार होते कर्कश ध्वनि से यह मात्र बढ़कर १२० डेसिबल तक पहुंच जाती है। निर्माण कार्य, लाउडस्पीकर, पटाखों की तीव्र ध्वनि आदि से प्रदूषण बढ़ता है। इस पर नियंत्रण के लिए सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का गठन राज्य स्तर पर हर राज्य में किया गया है।
इस दिन मुम्बई के आरे कॉलोनी और अन्य हरित परिसर में योग, संगीत, प्राकृतिक चित्रकारी, पर्यावरण पर जानकारी, वृक्षारोपण जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
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