यूपी चुनाव में १७०० एफआईआर हुए दर्ज/पांचों चुनाव वाले राज्यों में कुल २२७१ एफआईआर
हाल ही में हुए चुनाव वाले राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, मणिपुर, उत्तराखण्ड , गोवा में कुल २२७२ प्राथमिकी दर्ज किए गए हैं ।
सबसे अधिक १७०० प्राथमिकी के साथ यूपी नंबर 1 राज्य है और १२३६ प्राथमिकी सिर्फ चुनाव के आचारसंहिता के उल्लंघन से जुड़े मामले में हैं। अन्य ४६४ मामले कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन के है।
1 महीने के चुनावी कंपैन में लगभग तीन सप्ताह तक तो चुनाव आयोग ने रैली,सभाओं के आयोजन पर रोक लगाई थी और ऑनलाइन सोसल मीडिया पर वर्चुअल रैली को प्रोत्साहित किया था। ऐसा कदम इसलिए उठाया गया क्यों कि २०२० में हुए विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में कोरोना के नियमो को ताक पर रख दिया गया था।
राज्य चुनाव आयोग ने कोरोना नियमो को तोड़नेवाली पार्टियों, राजनेताओं पर सख्ती, उन ओर मामले दर्ज करने का सख्त निर्देश जिला स्तरीय निर्वाचन अधिकारियों को जारी किया था।
ताजा आंकड़ों के अनुसार कोरोना नियमो के उल्लंघन से जुड़े ४६४ मामले यूपी में, ९३ मामले उत्तराखंड मे, ४८ मामले गोवा में , २६ मामले पंजाब में दर्ज हुए।
३०० मामले उत्तराखंड में आचार संहिता से जुड़े रहे जबकि पंजाब में ये मामले १०४ , गोवा में १०६, मणिपुर में २६ मामले दर्ज किए गए।
यूपी में सबसे अधिक कोरोना संबंधित और आचार संहिता से जुड़े ३०६ मामले समाजवादी पार्टी पर दर्ज हुए जबकि भाजपा पर २५६ ,बसपा पर १३२ और कांग्रेस पर ९९ मामले दर्ज हुए।
क्षेत्रीय पार्टियों में राष्ट्रीय लोक दल पर ६० एफआईआर, ओवैसी की AIMIM पार्टी पर १६, आप पर ३२ मामले दर्ज हुए। भाजपा की सहयोगी अपना दल पर भी ४ मामले बुक किये गए। निर्दलीय उम्मीदवारों पर भी ४७ मामले दर्ज हुए।
मणिपुर के अलावा अन्य सभी राज्यों में वोट काउंट का प्रतिशत पिछले चुनाव की तुलना में कम रहा।
गोवा में पिछली चुनाव के ८१.२७% के बजाय इस बार ७९.६१% वोटर प्रतिशत रहा। उत्तराखंड में 2017 में मतदाता प्रतिशत ६५.५६% की अपेक्षा इस बार ६५.३७% के साथ बड़ी मामूली गिरावट रही।
उत्तर प्रदेश में भी सातों चरण के चुनाव का मतदान % २०१७ की तुलना में लगभग निम्न गिरावट के साथ सामान्य ही रहा।
बड़ी % गिरावट पंजाब में रही। पहले यहाँ ७७.४ %मतदान हुआ था जबकि इस बार ७१.९५% रहा।
मणिपुर में वोटर% में इजाफा देखने को मिला। २०१७ में फेज १ में ८५.९% स्तर था जो इस बार ८८.६९% तक पहुंच गया। फेज 2 में भी ८७.२% के बजाय इस बार ८९.७% मतदान स्तर रहा।
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