'आजादी का अमृत महोत्सव' के अन्तर्गत विश्व महिला दिवस पर आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी कार्यक्रम राज्य हिंदी साहित्य अकादमी व विल्सन महाविद्यालय के तत्वाधान में सम्पन्न
०८ मार्च, २०२२ को विल्सन कॉलेज और महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी, मुंबई के संयुक्त तत्त्वावधान में आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न हुआ। यह राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘आजादी का अमृत महोत्सव और हिन्दी साहित्य को सशक्त बनाने में महिला साहित्यकारों की भूमिका’ विषय पर आधारित था, जो प्रातः१० बजे से शाम ४ बजे तक चला।
उद्घाटन सत्र में दीप प्रज्ज्वलन, सरस्वती वंदना, मीराबाई के भजन पर स्वागत नृत्य और जॉन विल्सन को माल्यार्पण के साथ ‘स्त्री साहित्यकारों के अक्षुण्ण योगदान’ पर आधारित वीडियो प्रस्तुति से कार्यक्रम आरंभ हुआ। इस अवसर पर जॉन विल्सन एजुकेशन सोसायटी की सचिव और विल्सन कॉलेज की प्राचार्या ने स्वागत वक्तव्य दिया और महिला सशक्तिकरण हेतु बालिकाओं की शिक्षा पर जोर दिया। इसके साथ ही प्राचार्या ने वरिष्ठ हिन्दी कथाकार डॉ. सूर्यबाला, आर. डी. नेशनल कॉलेज की पूर्व प्राचार्या डॉ. मंजुला देसाई, लेखिका, थियेटर कलाकार श्रीमती विभा रानी, सेंट ज़ेवियर्स कॉलेज की पूर्व उपप्राचार्या एवं विभागाध्यक्ष डॉ. आशा नैथानी दायमा, भवन्स कॉलेज, अंधेरी की उपप्राचार्या एवं विभागाध्यक्ष डॉ. रेखा शर्मा का स्वागत किया।
(एक दिवसीय संगोष्ठी- विल्सन महाविद्यालय एवम महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित - झलकियाँ)
इस अवसर पर वरिष्ठ नाटक समीक्षक डॉ. वसुधा सहस्त्रबुद्धे, वरिष्ठ समीक्षक डॉ. प्रज्ञा शुक्ला, लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर प्रो. (डॉ.) अलका पाण्डेय, अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच की अध्यक्ष डॉ. अलका पाण्डेय, सोफिया कॉलेज की विभागाध्यक्ष डॉ. सुमनिका सेठी, झुनझुनवाला कॉलेज की हिन्दी विभाग की अध्यक्ष डॉ. मिथिलेश शर्मा, रॉयल कॉलेज हिन्दी-विभाग की अध्यक्ष डॉ. तब्बसुम खान, दूर एवं मुक्त अध्ययन संस्थान मुंबई विद्यापीठ की सहायक प्राध्यापिका डॉ. संध्या शिवराम गर्जे, महाराष्ट्र कॉलेज हिन्दी विभाग की अध्यक्ष डॉ. रमा सिंह, के.ई.एस.श्रॉफ कॉलेज हिन्दी विभाग की अध्यक्ष डॉ. उर्मिला सिंह, महर्षि दयानंद कॉलेज हिन्दी विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ. उषा आलोक दुबे, केलकर वज़े कॉलेज हिन्दी विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ. अर्चना दुबे, के. सी. कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ. सुधीर चौबे और डॉ. अजीत राय, पत्रकार सुशील राय की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गौरवान्वित किया ।
कार्यक्रम की सबसे बड़ी बात यह रही कि इस एकदिवसीय संगोष्ठी में स्त्री साहित्यकारों के विभिन्न पहलुओं जैसे कि कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, मीडिया लेखन, आदिवासी लेखन, लोक साहित्य, प्रवासी साहित्य में स्त्री रचनाकारों के योगदान पर अत्यंत सार्थक, सारगर्भित चर्चाएं हुईं ।
इस कार्यक्रम की संयोजिका विल्सन कॉलेज हिन्दी-विभाग की अध्यक्ष डॉ. सत्यवती चौबे ने उपप्राचार्या डॉ. हर्षा बाडकर, इतिहास-विभाग की सहायक प्राध्यापिका श्रीमती रीता चेट्टियार, श्रीमती आरती मानेरिकर, पुस्तकालय की अध्यक्षा श्रीमती शुभांगी गवांकर, हिन्दी की सहायक प्राध्यापिका श्रीमती सुनीता चौहान और डॉ. पूनम पटवा और राजनीति शास्त्र की प्राध्यापिका मिस पूर्णिमा कदम के सहयोग से सम्पन्न किया।
विल्सन कॉलेज के साथ ही मुंबई के विभिन्न कॉलेजों से पधारे प्राध्यापकों और विद्यार्थियों ने कार्यक्रम की गरिमा को और अधिक बढ़ा दिया। इस कार्यक्रम के अंत में विल्सन कॉलेज के हिन्दी के विद्यार्थियों ने महिला सशक्तिकरण पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम सम्पन्न किया।
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