भारत रत्न सुर साम्राज्ञी लता दीदी का निधन/पीएम मोदी समेत दिग्गजों ने जताया शोक
स्वर कोकिला लता मंगेशकर का आज मुम्बई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया है। उनकी बहन उषा मंगेशकर ने इसकी पुष्टि की है।
लता दीदी पिछले ८ जनवरी को कोविड संक्रमण और न्यूमोनिया (खून की कमी) की शिकायत के चलते ब्रीचकैंडी के ICU यूनिट में भर्ती किया गया था।बीच मे उनकी हालत स्थिर भी होने लगी थी।
लता मंगेशकर ने आज ९२ वर्ष की आयु में आखिरी सांस ली है।
लता दीदी का संघर्ष:
१३ वर्ष की उम्र में १९४२ के समय मे अपना करियर शुरू करनेवाली लता दीदी ने सबसे पहले अपनी मातृभाषा मराठी में 'किती हसाल' नामक शीर्षक गाने से की । पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर के साथ कई मंच पर कविता पाठन और संगीत के सुर को लता ने बचपन मे ही महसूस कर लिया था। लता ने ९ वर्ष की उम्र में ही तय कर लिया था कि गायिका ही बनना है।
10 वर्ष की उम्र में जब बच्चे स्कूल के बैग में कॉपी किताब लेकर चलते हैं, उन दिनों लता के बैग में शीशा, कंघी, और सिंगार के सामान होते थे। संगीतकार नौशाद से तय समय पर जब मिलने के लिए निकली तो भारी बारिश का सामना करना पड़ा। बैग बह गया।छतरी उलटकर टूट गई। पानी सीने के स्तर से ऊपर आ चुका था लेकिन वह १० वर्ष की लता आगे बढ़ती रही आर नौशाद के दरवाजे ओर दस्तक दी।
संगीतकार नौशाद ने संगीत सीखने के लिए इस हद तक जुनून होने पर लता को आशीर्वाद दे ही दिया और भविष्यवाणी कर दी कि भारतीय संगीत का इतिहास लता के नाम से जाना जाएगा।
लता ने विभिन्न भाषाओं में ३० हजार से अधिक गाने गाए हैं। भारतीय सिनेमा में मधुबाला से लेकर आज की काजोल तक को उन्होंने अपनी आवाज दी।
पा लागूं कर जोरी.... हिंदी सिनेमा में उनका गाया यह पहला गीत ,फ़िल्म निर्माता वसन्त जोगलेकर प्रणीत १९४६ में आई 'आपकी सेवा में ' से थी।
दो साल बाद संगीतकार गुलाम हैदर ने लता को बड़ा ब्रेक दिया और मजबूर फ़िल्म में लता ने दिल मेरा थोड़ा....गाया।
इसके बाद कामयाबी की मंजिल लता दीदी चढ़ती गईं । सात दशकों से अधिक कैरियर में उन्होंने एक हजार से अधिक फिल्मों में ३६ विभिन्न भाषाओं में अपनी आवाज दी। लंदन के रॉयल अल्बर्ट हाल में सन १९७४ में अपनी जादुई आवाज से करिश्मा दिखानेवाली वह पहली भारतीय सिंगर हैं।
लता दीदी को २००१ में भारत रत्न- देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया।इसके अलावा पद्म विभूषण, पद्म भूषण, हिंदी सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान- दादासाहेब फाल्के पुरस्कार और कई राष्ट्रीय सम्मान आदि भी दिए जा चुके हैं।
लता मंगेशकर के आज सुबह ८:१२ बजे हुए दुःखद निधन से पूरे देश मे शोक है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट में कहा कि लता दीदी के जाने से देश मे जो स्थान रिक्त हुआ है उसे कभी भी भरा नही जा सकता। उनकी क्षति पर कहने के लिए वह शब्द रहित हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पूरे राजकीय सम्मान के साथ लता दीदी को अंतिम विदाई देने की बात कही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी , भाजपा प्रवक्ता साइना एन सी समेत कई हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है।
अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर आज दादर के शिवाजी पार्क में रखा जाएगा।
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