0 भारत सरकार आईडीबीआई बैंक को बेचने के लिए अगले हफ्ते तक तैयार । देश में पहले बैंक का निजी करण होने की तैयारी/ अगले हफ्ते होगा रोड शो- सरकार बेचेगी कुल 94.71% हिस्सा - Khabre Mumbai

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भारत सरकार आईडीबीआई बैंक को बेचने के लिए अगले हफ्ते तक तैयार । देश में पहले बैंक का निजी करण होने की तैयारी/ अगले हफ्ते होगा रोड शो- सरकार बेचेगी कुल 94.71% हिस्सा

जानकारी के अनुसार भारत सरकार देश की सबसे पुराने बैंकों में से एक आईडीबीआई बैंक को अगले हफ्ते बेचने की तैयारी कर रही है, जिसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

 आईडीबीआई बैंक में भारत सरकार का 94.71% हिस्सा है जिसमें भारतीय जीवन बीमा निगम का 49.24% हिस्सा शामिल है और इस वक्त भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी का प्रबंधन नियंत्रण आईडीबीआई बैंक में मौजूद है । यदि भारतीय जीवन बीमा निगम का शेयर निकालते हैं तो भारत सरकार की 45.48% हिस्सेदारी बैंक में है।

सरकार अपनी पूरी हिस्सेदारी यानी कुल 94.71% बेचने के लिए सक्रिय है ।  देश में पहली बार  खुली बोली के तहत आईडीबीआई बैंक को बेचने की कवायद होगी जिसके लिए अगले हफ्ते रोड शो किया जाना है। आम तौर पर खुली बोली के तहत बैंक बेचने की तैयारी तब होती है जब वह आर्थिक रूप से नुकसान उठा रही होती है।

 वर्चुअल शो होगा जिसमें सरकार और बैंक प्रबंधन के लोग शामिल होंगे । प्राइवेट इक्विटी प्लेयर से भी बात चल रही है।  एलआईसी को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसे आईडीबीआई बैंक की हिस्सेदारी से बाहर आना जरूरी है क्योंकि मार्च से पहले एलआईसी अपना आईपीओ यानी इनिशियल पब्लिक आफरिंग रूट के जरिए शेयर बाजार में लिस्टिंग करने जा रहे हैं जिसके लिए ड्राफ्ट रेड हेयरिंग प्रोस्पेक्टस यानी डीआरएचपी 13 फरवरी को फाइल की जा चुकी है।

 क्या है DRHP
 डीआरएचपी आईपीओ लाने से पहले सेबी के अंतर्गत फाइल की जाने वाली एक ऐसी जानकारियों की सूची होती है जिसमें कंपनी के पूरे इतिहास का वर्णन होता है और आईपीओ के माध्यम से वह जो पैसा जुटाएंगे उसका क्या इस्तेमाल होने वाला है उसका भी वर्णन होता है इस डीआरएचपी के आधार पर ही से भी उन्हें आईपीओ लाने की अनुमति प्रदान करता है। कम्पनी के संचालक, किस क्षेत्र में कार्य करती है,  संपत्ति कितनी है, पिछले तीन व्यावसायिक वर्षों का लेखा जोखा, ऑडिटर रिपोर्ट, बैंकिंग रेकॉर्ड का ब्यौरा और ऐसे कई मुद्दों पर जानकारी DRHP में मौजूद होती है।

 जानते हैं आईडीबीआई बैंक के बारे में:

 आईडीबीआई बैंक देश के उन गिने-चुने बैंकों में है जिसकी स्थापना भारत में छोटे से लेकर बड़े उद्योग धंधों को आर्थिक राशि मुहैया कराने के उद्देश्य से की गई थी । आईडीबीआई यानी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया की पूरे देश में 1884 शाखाएं हैं जबकि 3388 एटीएम मौजूद है। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार आईडीबीआई का मार्केट केपीटलाइजेशन(बाजार पूंजी मूल्य) 50,751 करोड़ का है जबकि टोटल डिपाजिट बैंक में 2.30 लाख करोड़ मौजूद है और इस बैंक ने 1.28 करोड़ तक का लोन कई कंपनियों को दिया हुआ है।  नेट एनपीए यानी ऐसे ग्राहकों का प्रतिशत जिन्होंने आईडीबीआई बैंक से लिए हुए कर्ज को चुकाने में असमर्थ  दिखाया और वे नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट बन चुके हैं उनका शेयर 1.97% है । 


 कितना मिला शुद्ध ब्याज -

पिछले वित्तीय वर्ष यानी वित्तीय वर्ष 2021 में आईडीबीआई बैंक को शुद्ध ब्याज की आय 8517 करोड़ की थी जो कि वित्तीय वर्ष 2020 में 6977 करोड़ ही थी। इतना ही नहीं वित्तीय वर्ष 2021 में शुद्ध ब्याज का मार्जिन यानी नेट इंटरेस्ट मार्जिन भी 3.5% रहा जो कि वित्तीय वर्ष 2020 में 2.8% रहा।

 कैसा रहा वार्षिक परफॉर्मेन्स:

वित्तीय वर्ष 2020 में आईडीबीआई बैंक का घाटा 12887 करोड़ रहा क्योंकि बैंक को कर्ज के कारोबार से रोक दिया गया था बैंक का एनपीए स्तर  मानक स्तर की तुलना में काफी गिर गया था और रिजर्व बैंक ने यह स्तर सुधरने तक आगे लोन देने कारोबार से वंचित कर दिया था।


बाद में एलआईसी ने संकटमोचन के रूप मे आईडीबीआई बैंक को सहारा दिया और 25 हजार करोड़ तक  पूंजी निवेश किया ।

 वित्तीय वर्ष 2021 में आईडीबीआई बैंक ने शुद्ध मुनाफा हालांकि बहुत ही कम रह सका पर 12887 करोड़ के घाटे की तुलना में 1359 करोड़ का शुद्ध मुनाफा अर्जित किया।

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