नवी मुंबई के घनसोली हाई स्कूल एंड जूनियर कॉलेज में 16 विद्यार्थी कोरोना संक्रमित, स्कूल हुए बंद
नवी मुंबई के घंसौली स्थित हाई स्कूल व कनिष्ठ महाविद्यालय के 11वीं कक्षा के 16 विद्यार्थियों में संक्रमण की खबर मिली है ।
जानकारी के अनुसार एन एम एम सी के शिक्षण विभाग के मनपा उपायुक्त जयदीप पवार ने बताया है कि घणसोली स्थित इस शैक्षणिक संस्थान के 80% लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया है ।यह टेस्ट 16 विद्यार्थियों के संक्रमित पाए जाने के बाद किया गया है।इनमें से एक संक्रमित विद्यार्थी के पिता हाल ही में विदेश से भारत लौटे हैं लेकिन उनका कोरोना टेस्ट नेगेटिव पाया गया था।
श्री पवार ने आगे कहा कि शहर के सभी विद्यालयों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया जा चुका है। हैंड सैनिटाइजर नवी मुंबई महानगर पालिका के द्वारा प्रदान किए गए हैं उनका नियमित रूप से उपयोग किया जाना चाहिए इसके अलावा साबुन भी दिए गए हैं ;स्कूल के टॉयलेट्स में उपयोग किया जाना चाहिए।
हालांकि यहां यह उल्लेखनीय है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो, जहां भी जरूरी हो rt-pcr और एंटीजन टेस्टिंग विद्यार्थियों या स्कूल के स्टाफ का होना सुनिश्चित किया जाना चाहिए । गए शनिवार को घणसोली के शैक्षणिक संस्थान से 600 विद्यार्थियों का कोरोना टेस्ट किया गया है। यह शैक्षणिक संस्था सेक्टर 18 में है। अगले 8 दिन तक विद्यालय बंद रहेंगे।
सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है विक्रांत के बढ़ते मामलों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग और अत्यधिक स्वास्थ्य मानदंडों का पालन किया जाना शैक्षणिक संस्थाओं के लिए बेहद आवश्यक है।
अब जो कि राज्य सरकार ने बच्चों के लिए भी स्कूल जाने पर अपनी सहमति दे दी है और सभी स्कूल बच्चों के अभिभावकों का कंसेंट लेटर(अपनी मर्जी से बच्चों को स्कूल भेजने का सहमति पत्र, जिसमे विद्यालय ने लेटर का फॉरमेट बनाया है और उसमें लिखा गया है कि यदि बच्चे कोई तकलीफ होती है तो उसके लिए विद्यालय प्रबंधन जिम्मेदार नही होगा, अभिभावकों को कोरोना वायरस के मौजूदा हालात की पूरी जानकारी है।) लेकर बच्चों को आने की इच्छा प्रकट कर चुके हैं। 16 दिसंबर से कई स्कूल कार्यरत हो चुके हैं और पहली कक्षा के बच्चे भी स्कूल जा रहे हैं।
कई स्कूल यह भी कह रहे हैं कि वह सप्ताह के एक दिन ऑनलाइन और 1 दिन ऑफलाइन स्कूल में पढ़ाएंगे। हालांकि जो विषय स्कूल में पढ़ाया जाएगा उसे ऑनलाइन नहीं पढ़ाया जाएगा; स्कूल के शिक्षकों की इस जानकारी के बाद अभिभावकों को चिंता है कि यदि उनके बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं तो स्कूल में पढ़ाई गए विषय को वह बच्चे कैसे समझ पाएंगे। ऐसे में स्कूल को यह चाहिए ,ऑनलाइन भी वह चीजें पढ़ाई जाए जो ऑफलाइन पढ़ा रहे हैं ।क्योंकि छोटे बच्चों के लिए अभी भी वैक्सीनेशन की मंजूरी नहीं मिली है और उनका टीकाकरण नहीं किया गया है ।
यदि छोटे बच्चों में कोरोनावायरस का प्रसार होता है तो ऐसे में उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। विद्यालयों को बेहद सजग रहने की आवश्यकता है ।
आपको बता दें कि 100 से भी अधिक ओमिक्रोन के रूप में कोरोनावायरस का नया वेरिएंट देश में मिल चुका है। इस नए वैरिएंट को सबसे अधिक संख्या महाराष्ट्र में है। इस पर केंद्र सरकार ने भी अपनी चिंता जाहिर की है।
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