आप शीघ्र स्वस्थ हों, फेरीवालों का क्या करना है, देखते हैं- मनसे प्रमुख ने जख्मी ठाणे मनपा सहायक आयुक्त से की मुलाकात
मनसे प्रमुख राज ठाकरे बीते दिन सहायक आयुक्त ठाणे- कल्पिता पिम्पले से जुपिटर अस्पताल मिलने पहुंचे थे। हाल चाल जाना और शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने कहा, शीघ्र स्वस्थ हो जाएं, आगे देखते हैं- क्या करना है।
पत्रकारों से बातचीत में मनसे प्रमुख ने कहा कि जो कुछ हुआ उस्का निश्चित रूप से दुख है। ऐसे समय मे हिम्मत और धैर्य रखना आवश्यक है, इसलिए मैं उनसे मिलने अस्पताल गया था।उन्हें उंगलियाँ भी गवानी पड़ी हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि पुलिस प्रशाषन और न्यायालय दोनों अपना कार्य निष्ठापूर्वक करेंगे।
दरअसल पिछले हफ्ते फुटपाथ व सड़क पर अवैध रूप से फेरीवालों का अतिक्रमण हटाने और कार्रवाई हेतु ठाणे मनपा काम कर रही थी। इस दौरान एक फेरीवाले अमरजीत सिंह यादव ने कोयते से सहायक आयुक्त श्रीमती पिम्पले पर हमला कर दिया, जिसमे उनकी तीन उंगलियां कट गईं।
कसारवडवली पुलिस ने मौके पर तत्काल ही अमरजीत यादव को गिरफ्तार कर लिया। अमरजीत पर धाराओं ३०७ और ३५३ के तहत हत्या की कोशिश, सरकारी अधिकारी को ड्यूटी करने में व्यवधान डालने, शांति भंग करने जैसे कई मामलों के तहत गिरफ्तार किया गया है।
मनसे इस बार परप्रांतीय या उत्तरभारतीय शब्द कहने से बच रही
हालांकि मनसे ने कहा कि पुलिस की कैद से छूटने के बाद हम मनसे स्टाइल में उस अवैध फेरीवाले को पीटेंगे।
इधर कुछ दिनों से भाजपा की करीबी, मनसे से बढ़ रही है। चंद्रकांत दादा पाटिल भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने राज ठाकरे से उनके निवास कृष्ण कुंज पर मुलाकात भी की थी।
मनसे हमेशा मराठी लोगों के हक के लिए लड़ती आई है। लेकिन बदलते समीकरण का खामियाजा मनसे को भी पिछले चुनाव में भुगतना पड़ा था।मुम्बई और ठाणे में मराठी भाषी की तुलना में अन्य भाषी लोग अधिक हुए हैं। हाँ मराठी पक्ष रखकर मनसे को पुणे, नाशिक व अन्यत्र जगहों पर फायदा जरूर मिलेगा।
राजनितिज्ञों की मानें तो भाजपा यदि मनसे से दूर रहे तो अच्छा है अन्यथा मनसे के परप्रांतियों के विरोध की राजनीति से भाजपा को नुकसान हो सकता है।
खबरे मुम्बई नजरिया:
अपराधी कोई भी हो उसे कानूनी रूप से सजा दी जानी चाहिए। अमरजीत यादव व उसके जैसे बहुत से लोग जो अवैध रूप से फेरी लगा रहे हैं, वह कानूनी ढंग से गलत तो है ही, जनता को भी इससे परेशानी होती है।
ऐसे में मनपा ने कुछ समय पहले जो पुराने परप्रांतीय हैं या कई वर्षों से यहां रह रहे हैं उन फेरीवालों को नियमित करने की योजना भी बनाई है और उन्हें वैध करने का काम जारी है।
अमरजीत यादव नामक फेरीवाले ने जो किया उसके लिए वह बिल्कुल समर्थन का पात्र नही है। वजह जो भी रही हो, आर्थिक मजबूरी , व्यवसाय का कोरोना के चलते चौपट होना ,मानसिक तनाव और ऐसी कई बातें हो सकती हैं।लेकिन कोई भी वजह इसकी इजाजत नही देता कि आप सरकारी अधिकारी पर हमला कर दें। हथियार का प्रयोग तो उसके अपराध को और भी गहरा बना देता है। कानून में इसके लिए जो भी प्रावधान है, उसके तहत उसे सजा जरूर मिलनी चाहिए।
राजनीतिक पार्टियों को वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठकर प्रशासन और जनता दोनों के बीच सामंजस्य किस तरह सुव्यवस्थित रूप से चले ,इस पर ध्यान देना चाहिए।
यह तो सर्वविदित है कि अवैध रूप से ये फेरीवाले धंधा लगाते हैं ,जिसके लिए टैक्स के रूप में ये कानून का चोला पहने अधिकारियों से लेकर छुटभैये नेताओं, माफियाओं, तथाकथित भाइयों तक को हफ्ता भी देते हैं। इन सबके बावजूद कई बार मनपा पत्रकारों, असंतुष्ट नेताओं ,आरटीई कार्यकर्ताओं के दबाव में इन अवैध फेरीवालों पर दिखावे की कार्रवाई भी करती है।
मनपा को उचित कार्रवाई जरूर करनी चाहिए और पुलिस प्रशासन को हमलावर की हिस्ट्री, उसके अपराध की गंभीरता, पृष्ठभूमि को देखते हुए कठोरतम कार्रवाई करते हुए सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटना दोबारा न हो सके।
फेरीवालों को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नागरिक होने के नाते उन्हें कानून का सम्मान करना चाहिए। इस तरह के हमले का किसी भी पार्टी या व्यक्तिविशेष के द्वारा समर्थन नही किया जाना चाहिए।
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