गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करे केंद्र सरकार- इलाहाबाद हाई कोर्ट
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में एक जावेद नाम के गौ हत्या अपराधी के मामले में सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी कर दी है कि भारत मे गाय को माता मानते हैं।हिन्दू धर्म के लोगों के लिए यह आस्था का विषय है। किसी की आस्था पर चोट नही किया जा सकता।
जावेद पर आरोप है कि एक किसान की गाय चुराकर जंगल मे ले जाकर उसे मार दिया। जब गांव वाले वहाँ पहुंचे,जावेद भाग निकला। ग्रामीणों ने गाय के अंगों से उसकी पहचान की और स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जावेद को जमानत देने से इनकार कर दिया।
न्यायाधीश शेखर कुमार यादव की बेंच ने आगे कहा कि देश के २९ में से २४ राज्यों में गौ हत्या पर प्रतिबंध है। बूढ़ी बीमार गाय भी कृषि के लिए उपयोगी है, इसलिए उसे भी मारने के लिए नही निर्देशित किया जा सकता। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि गौमांस खाना संविधान के तहत किसी का मौलिक अधिकार नही है।
न्यायाधीश ने कहा कि सिर्फ भारत ही एकमात्र देश है जहाँ हर धर्म, मजहब के लोग रहते हैं, पर पूजा पद्धति अलग होने के बावजूद सभी एक दूसरे के धर्म का सम्मान करते हैं।
एक गाय अपने जीवन मे ४४० लोगों का पेट भरती है जबकि गौ मांस सिर्फ ८० लोगों का। गाय, कृषि व्यवसाय के लिए रीढ़ को हड्डी की तरह है।
उच्च न्यायालय ने केंद्र को सुझाव दिया है कि वह संसद में बिल लाए औा गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए।
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