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भाजपा गुजरात टीम विधायक दल ने भूपेंद्र पटेल के नाम पर जताई सहमति-होंगे अगले मुख्यमंत्री

कल वर्तमान मुख्यमंत्री विजय रूपानी के इस्तीफे के बाद गुजरात मे  राजनीतिक हलचल तेज हो गई थी। हालांकि रूपानी ने अपना इस्तीफा कार्यकाल के १५ महीने पहले सौंप दिया है।

आज पार्टी की गुजरात विधायक दल की मीटिंग में सर्वसम्मति से भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाये जाने पर मुहर लगी है। आज गांधीनगर में आयोजित विधायक दल की महत्वपूर्ण मीटिंग में यह फैसला हुआ। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी इस मीटिंग के निरीक्षक बनाये गए थे और इसकी घोषणा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने की है।
उक्त मीटिंग में नि वर्तमान मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी मौजूद रहे और उन्होंने ही पटेल का नाम सुझाया।

   राजनीतिक जीवन

भूपेंद्र पटेल ,५९,  गुजरात की घटलोदिया सीट से पहली बार विधायक चुने गए हैं।इसके पहले यहां से  पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल विधायिका रह चुकी हैं।

रूपानी ने घोषणा के बाद कहा, भूपेंद्र पटेल एक काबिल नेता हैं और हमे उम्मीद है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा  उनके नेतृत्व में जरूर जीतेगी।
नए मुख्यमंत्री के रूप में श्री पटेल और उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले कैबिनेट मंत्री संभवतः कल शपथ ले सकते हैं।

गुजरात मे लगभग दिसंबर २०२२ में विधानसभा चुनाव सम्पन्न होगा।

(राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मिलने पहुंचे भूपेंद्र पटेल)

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने अपने मंत्रिमंडल सहित इस्तीफा कल गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को सौंप दिया था। यह कदम  आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति के तहत नए नेतृत्व को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

अटकलें यह है कि केंद्रिय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडविया (जन्म- भावनगर, गुजरात), रूपानी सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे नितिन पटेल, लक्षद्वीप केन्द्रशाषित प्रदेश के लेफ्टिनेंट गवर्नर प्रफुल खोडा पटेल,  गुजरात से ही भाजपा सांसद परषोत्तम रुपाला की महत्वपूर्ण भूमिका रही ताकि आगामी राज्य चुनाव से १५ महीने पहले मौजूदा मुख्यमंत्री विजय रूपानी  त्यागपत्र दें दें। 

विजय रूपानी ने कल बयान दिया था कि भाजपा नेतृत्व जो कहेगा वह निर्देश मानकर लगन से काम करते रहेंगे।

राज्य की भाजपा इकाई के इन चार्ज भूपेंद्र यादव और महासचिव बी एल संतोष कुछ समय से रिव्यू ले रहे थे और यह सवाल उठे थे कि रूपानी सरकार ने कोरोना महामारी के समय पिछले वर्ष हालात पर नियंत्रण करने में चूक गई थी जिसकी आलोचना राज्यभर में हो रही थी।

 रूपानी  अगस्त २०१६ में  आनंदी बेन पटेल के बाद मुख्यमंत्री बने  और वह  नरेंद्र मोदी के बाद दूसरे मुख्यमंत्री हैं जिसने पांच साल का कार्यकाल राज्य में पूरा किया। इस उपलक्ष्य में राज्य में ९ दिवसीय कार्यक्रम भी आयोजित हुआ।
देश के प्रधानमंत्री मोदी भी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से पहले इसी राज्य से १३ वर्ष तक मुख्यमंत्री रहे हैं।

२०१७ में पाटीदार समाज के हिंसक विरोध के बावजूद कांग्रेस जहां ७७ सीटे जीतकर भाजपा को कड़ी टक्कर देने में कामयाब हुई थी, वहीं भाजपा ने राज्य की १८२ सीट वाली विधानसभा में ९९ सीटें जीतकर सरकार में आई और रूपानी मुख्यमंत्री बने थे। रूपानी स्वभाव के नरम मिजाज के नेता रहे हैं और कई बार उन्होंने राजनेताओं के बजाय अधिकारियों के सुझाव को स्वीकृत किया।


इस्तीफे के चंद घंटे पहले पी एम मोदी ने वर्चुअल मीट के जरिये सरदारधाम- २०० करोड़ के लागत से बनी इमारत का उद्घाटन किया , जिसमे रूपानी और उनके डिप्टी नितिन पटेल मौजूद थे।
सरदार धाम, अहमदाबाद का वह प्रोजेक्ट है जो पाटीदार समाज के लिए शैक्षणिक, व्यवसायिक, सामाजिक केंद्र माना जाएगा।




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