जमाकर्ताओं को नवम्बर तक १० हजार करोड़ रुपये वापस मिलेंगे/ पी एम सी व राघवेंद्र बैंक खाताधारकों को मिलेगी राहत
आर्थिक संकट से जूझ रहे बैंकों पंजाब महाराष्ट्र को ऑपरेटिव व राघवेंद्र सहकारी बैंक के डिपोजीटर्स के लिए एक अच्छी खबर है।
नवम्बर २०२१ यानी अगले दो महीने के भीतर उन्हें उनके जमा किये गए लगभग १० हजार करोड़ मिलने जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने दोनों बैंकों व ऐसे अन्य बैंकों पर निगरानी रखी हुई है जो मोरेटोरियम के अंतर्गत कर्ज देने का काम नही कर रहे हैं, आर्थिक संकट झेल रहे हैं।
डिपॉजिट इन्सुरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कारपोरेशन एक्ट(DICGC) के तहत जमाकर्ताओं की राशि पांच लाख रुपये तक बीमित यानी इन्सुरेंस की हुई है।यह राशि पहले १ लाख तक ही थी जिसे बाद में फरवरी २०२० में मोदी सरकार ने बढ़ा कर पांच लाख कर दिया।
इसके अंतर्गत खाताधारकों के पैसे अधिकतम ५ लाख रुपये तक किसी भी बैंक के वित्तीय संकट के समय वापस दिलाने की सुनिश्चितता मिलती है।
प्रोसेस के तहत बैंक अपने पात्र खाताधारकों के नाम की सूची जमा राशि के साथ ४५ दिनों के अंदर बनाकर DICGC को सौंप देती है। इनके बाद DICGC अगले ४५ दिनों में इसकी जांच पड़ताल पूरी कर खाताधारकों को पैसे का भुगतान करवाती है।
कोरोना महामारी के चलते हजारों खाताधारक पहले से ही परेशान हैं, ऊपर से पी एम सी बैंक में आए लोन डिफ़ॉल्ट के चलते वित्तीय संकट ,आरबीई द्वारा कारोबार पर रोक लगने, मोरेटोरियम अवधि में लाने, खाताधारकों को उनके ही जमा पैसे वापस लेने में हो रही किल्लतों ने उनकी परेशानी को कई गुना बढ़ा दिया।
ऐसे में इस खबर से उन्हें बड़ी राहत मिलनेवाली है।
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