मुम्बईकरों का लोकल सफर को लेकर बढ़ता विरोध, बिना टिकट यात्रा के ७८ हजार यात्री सिर्फ जुलाई में ,२.८३ करोड़ जुर्माना रेलवे ने वसूला। नौकरी का डर, आर्थिक स्थिति कर रही बिना टिकट यात्रा पर मजबूर।
१ अगस्त, मुम्बई
मुंबई में कोरोना के मामले बेहद घट गए हैं ,पिछले कुछ दिनों से ५०० से कम नए कोरोना के मामले मुम्बई में आ रहे हैं, बावजूद इसके मुंबईकरों को लोकल ट्रेन में सफर की अनुमति नही हैं।
आपको प्रेम सुरोस का वायरल वीडियो याद होगा। २७ वर्षीय इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर प्रेम को जब बिना टिकट यात्रा के टिकट निरीक्षक ने पकड़ा तो प्रेम ने कहा कि उसके खाते में सिर्फ ४०० रुपये हैं। कोरोना ने उसकी नौकरी छीन ली। वह ३५ हजार रुपये का वेतन पा रहा था। अब दूसरी नौकरी मिली है और आज दूसरा दिन है। मेरे पास इतने पैसे नही बचे हैं कि कि कैब से जा सकूं। प्रेम सुरोस ने कहा कि कल्याण से लोअर परेल तक जाना सिर्फ लोकल से ही संभव है। सरकार को हमारी समस्या पर सोचना ही पड़ेगा। प्रेम सीताराम सुरोस को २५ जून के दिन रेलवे ने जुर्माना लगाया था।
यह सिर्फ प्रेम की समस्या नही हैं।हजारों मुम्बई करों की यही समस्या है। कुसुम शुक्ला, एक और मुंबईकर ने ट्विटर पर बताया कि कैसे यह शुक्ल दंपति नौकरी व ट्रांसपोर्ट सुविधा से परेशान हैं।बच्चों की फीस भरनी है। बैंक को ईएमआई देनी है। मुख्यमंत्री जी हमारी समस्याओं पर भी ध्यान दें।
एक और ट्विटर यूजर मुंबईकर ओमकार राउत ने भी यही समस्या बताई।
सिर्फ १ से २८ जुलाई के बीच रेलवे प्रशाषन ने लगभग ७८ हजार लोगों को बिना टिकट या फर्जी आई कार्ड धारकों को यात्रा करते हुए पकड़ा है। लगभग ५४१२० यात्रियों को सेंट्रल रेलवे ने तो २४,५८० लोगों को पश्चिम रेलवे ने पकड़ा है। लगभग २.८३ करोड़ रुपये(१.८० मध्य रेल;१.०३ करोड़ पश्चिम रेलवे) जुर्माना सिर्फ इस जुले महीने में वसूला जा चुका है। अंदाजन ३००० से अधिक यात्रियों को रोज बिना टिकट पकड़ा जा रहा है।
यह संख्या और अधिक बढ़ेगी। मुम्बई में पिछले कुछ दिनों से ५०० से कम मामले ने कोरोना संक्रमण के दर्ज हुए हैं, बावजूद इसके राज्य सरकार लोकल में आम लोगों को सफर की इजाजत नही दे रही है। कई यात्री संगठन राज्य सरकार से लगातार अनुमति देने को लेकर अपना निवेदन दे चुके हैं।
टिकट चेकर्स यूनियन के नेता ने कहा कि मुंबई में लगभग ३०० टिकट चेकर कोरोना संक्रमित हुए हैं और कुछ की जान भी गई है। इनमें १०४ पश्चिम रेलवे के , २०७ मध्य रेल के टिकट चेकर हैं। कुल ७ टिकट चेकर कोरोना की बलि चढ़ चुके हैं।
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