0 टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर वोडाफोन आइडिया को मिल सकता है केंद्र सरकार का सहारा/ ए जी आर बकाया चुकाने के लिए 20 साल का समय दिए जाने की पहल जारी- केंद्र सरकार लेगी कानूनी मदद। - Khabre Mumbai

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टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर वोडाफोन आइडिया को मिल सकता है केंद्र सरकार का सहारा/ ए जी आर बकाया चुकाने के लिए 20 साल का समय दिए जाने की पहल जारी- केंद्र सरकार लेगी कानूनी मदद।

वोडाफोन आइडिया टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर के लिए एक अच्छी खबर आई है भारत सरकार फिर से विचार कर रहे हैं कि उनके ऊपर ए जी आर यानि एडजेस्टेड ग्रॉस रिवेन्यू का जो बकाया है लगभग ५८ हजार करोड़ का उसे 10 साल के बजाय 20 साल तक  भरे जाने का समय मिल सके। यह विचार इसलिए किया जा रहा है क्योंकि वोडाफोन आइडिया की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब है। अब तक यह कंपनी सिर्फ नुकसान ही उठा रही हैं।  ऐसे में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए 10 वर्ष के समय में कुल कर्ज लगभग १.९० लाख करोड़  चुका पाना लगभग संभव नहीं है।इसमें बैंकों द्वारा दिया कर्ज भी शामिल है।

         (अंशु प्रकाश-टेलीकॉम सचिव)

केंद्र सरकार ने पहले भी 20 वर्ष का ही समय दिए जाने की पहल की थी और लिखित में अपनी फाइल भी सर्वोच्च न्यायालय को सौंपी थी लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने इसे अस्वीकार करते हुए vodafone-idea और भारती एयरटेल दोनों टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर को 10 वर्ष का ही समय दिया था ताकि वह एडजेस्टेड ग्रॉस रिवेन्यू का बकाया टेलीकॉम अथॉरिटी को भर सके।

रविन्द्र टक्कर- मैनेजिंग डायरेक्टर वोडाफोन इंडिया (भारत)


Vodafone-idea के इंडिया मैनेजिंग डायरेक्टर रविंद्र टक्कर के अनुसार भारत सरकार चाहे तो 20 वर्ष की अवधि हमें दे सकती है हालांकि उन्होंने पहले भी अपना यह प्रस्ताव सर्वोच्च न्यायालय को दिया था और उन्होंने इसे अप्रूव भी कर दिया था पर सर्वोच्च न्यायालय की रूलिंग में हमें 10 वर्ष ही मिले हैं और वोडाफोन आइडिया के लिए यह समय बहुत ही कम है।

 जानकारों के अनुसार इतनी बड़ी रकम चुकाए जाने के लिए वोडाफोन को नए फंड मार्केट में लेने होंगे कैपिटल मार्केट के जरिए  डिबेंचर जारी कर पैसे जुटाने होंगे और टैरिफ प्लान  के दाम भी बढ़ाने होंगे,  ताकि अधिक पैसे चार्ज कर वह पैसे जुटा सकें।

भारत सरकार यह नही चाहती कि कोई भी टेलीकॉम प्राइवेट प्लेयर बन्द हो। साथ ही वह यह भी नही चाहती कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को न माना जाए और अवधि बढाई जाए। लेकिन टेलीकॉम सेक्टर की आर्थिक स्थिति, बैंक, काम करनेवाले एम्प्लोयी इन सभी के बारे में सोचना पड़ रहा है। हम इस पर कानूनी राय भी ले रहे हैं कि किस प्रकार वोडाफोन आइडिया को मदद दी जा सकती है। टेलीकॉम सचिव अंशु प्रकाश ने कहा है। पिछले हफ्ते वोडाफोन आइडिया के इंडिया एमडी रविन्द्र टक्कर ने उनसे मुलाकात की थी।


 भारती एयरटेल के बारे में यदि बात करें तो वह तुलनात्मक दृष्टि से काफी बेहतर स्थिति में है और उस पर सिर्फ ४३९८० करोड़ के लगभग बकाया है जिसमें से वह १८ हजार करोड़ के लगभग चुका चुकी है। अगले वर्ष यानी मार्च २०२२ में उसे ४५०० करोड़ चुकाने हैं।

किसी भी तरह की अतिरिक्त समय या राहत राशि मिलने की स्थिति में भारती एयरटेल नेटवर्क व ५-जी इन्वेस्टमेंट पर विचार करेगी।

वोडाफोन आईडिया यह यूनाइटेड किंगडम की वोडाफोन और भारत की आदित्य बिड़ला ग्रुप का जॉइंट वेंचर है और भारत मे टेलीकॉम सेवाएं दे रही है। 


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