जवारलाल नेहरू की नीतियों ने देश को कमजोर किया।अटल के पहले की सरकारें राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर नही रही सशक्त- भगत सिंह कोश्यारी
मुम्बई- २६ जुलाई
कल कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में मुम्बई के कोलाबा में आयोजित समारोह के अवसर पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू खुद को शांति दूत समझते थे। उन्होंने कबूतरों को आजाद करने की मंशा जताई थी। यही उनकी सबसे बड़ी कमजोरी रही। उनकी शांति के संदेशवाहक वाली सोच ने देश को लंबे समय तक इसी सोच के अधीन रखा।
महामहिम कोश्यारी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के आने से पहले तक कोई भी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर इतनी सशक्त नही रही कि बाह्य शक्तियों के दबाव का सामना कर सके।
पूर्व में भाजपा कोटे से मुख्यमंत्री रहे व वर्तमान में महाराष्ट्र राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि जो न्यूक्लिअर टेस्ट अटल सरकार में हुआ वह २० वर्ष पहले भी हो सकता था क्योंकि हमारे वैज्ञानिक तो तैयार ही थे लेकिन हमारी सरकारें डरी हुईं थीं।
कोलाबा के शहीद स्मारक पर यह कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें कारगिल विजय दिवस की 22 वीं वर्षगांठ पर शहीदों को नमन किया गया।
नोट: इंदिरा गांधी सरकार में पहली बार १९७४ मे न्यूक्लिअर टेस्ट किया गया था। यह टेस्ट पोखरन में किया गया जो कि आंशिक रूप में ही सफल हो सका था।
पंडित जवाहरलाल नेहरू देश को आजादी मिलने के बाद सबसे पहले प्रधानमंत्री बने और लगभग १२ वर्ष तक कार्यकाल रहा।पहली बार भारत मे १९५२ मे आम चुनाव हुए ,हालांकि इसके पहले श्री नेहरू प्रधानमंत्री पद की बागडोर संभाल चुके थे।
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