0 हाथरस के आरोपियों के परिजन बोले- "अगर दोषी साबित हुए तो बच्चों को सरे आम गोली मार दो, लेकिन सीबीआई की निष्पक्ष जांच के बाद"/पीड़िता निर्भया की मां, भाई ने नार्को टेस्ट- सीबीआई जांच कराने से किया इनकार/ आर एल डी के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी और कार्यकर्ताओं पर हाथरस पुलिस का लाठी चार्ज/ पुलिस कर्मी का प्रियंका गांधी का कुर्ता खींचने पर वरिष्ठ अधिकारियों ने जताया खेद- महिलाओं की सुरक्षा को बताया सर्वोपरि/ बलरामपुर गैंगरेप पीड़िता के परिवार से मिले अपर मुख्य सचिव अवनीष अवस्थी एवम एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार/ - Khabre Mumbai

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हाथरस के आरोपियों के परिजन बोले- "अगर दोषी साबित हुए तो बच्चों को सरे आम गोली मार दो, लेकिन सीबीआई की निष्पक्ष जांच के बाद"/पीड़िता निर्भया की मां, भाई ने नार्को टेस्ट- सीबीआई जांच कराने से किया इनकार/ आर एल डी के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी और कार्यकर्ताओं पर हाथरस पुलिस का लाठी चार्ज/ पुलिस कर्मी का प्रियंका गांधी का कुर्ता खींचने पर वरिष्ठ अधिकारियों ने जताया खेद- महिलाओं की सुरक्षा को बताया सर्वोपरि/ बलरामपुर गैंगरेप पीड़िता के परिवार से मिले अपर मुख्य सचिव अवनीष अवस्थी एवम एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार/

हाथरस  में पीड़िता  दलित युवती के बलात्कार और मौत  के मामले में राजनीति थमने का नाम नही ले रही है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बसपा सभी इस मामले में कूद पड़े हैं। किसी को भी पीड़िता के परिवार से मिलने नही दिया जा रहा था।

पूर्व में राहुल गांधी ,प्रियंका गांधी को भी प्रशाशन ने रोक दिया। कल राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी को हाथरस पुलिस ने रोक दिया और बाद में लाठी चार्ज किया। जयंत को बचाने के लिए कार्यकर्ताओं को घेरा बनाना पड़ा। चौधरी ने बाद में लाठी चार्ज के पिक्चर्स भी शेयर किए।  पुलिस ने सफाई में कहा कि राष्ट्रीय लोक दल के कार्यकर्ताओं ने पुलिस बैरियर को तोड़ दिया और पुलिसकर्मियों के साथ झड़प कर रहे थे, उस स्थिति को काबू में करने के लिए हल्के बल का प्रयोग करना पड़ा।

(आरएलडी उपाध्यक्ष जयंत चौधरी- पुलिस लाठी चार्ज)

उधर मामले में राज नीति बहुत अधिक होने से राज्य की योगी सरकार ने मामले में प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी, डीसीपी , थाना इंचार्ज को निलंबित कर दिया। अब नार्को टेस्ट और सीबीआई जांच के आदेश दिए गए हैं।

पीड़िता के भाई का कहना है कि जब वह सच बोल ही रहे हैं तो नार्को टेस्ट क्यों करवाना है।नार्को टेस्ट पुलिस अधिकारियों का होना चाहिए।
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पीड़िता के परिवार से कल मिलते हुए- परिवार ने बताया हाथरस पुलिस ने उन्हें मारा,धमकाया, वे आजाद के साथ गांव छोड़कर जाना चाहते हैं, पर प्रशाशन जाने नही दे रहा है।  आजाद की मांग है कि मामले की जांच रिटायर्ड जज से कराई जाए। उन्होंने परिजनों के लिए Y सिक्योरिटी की भी मांग की है।


पीड़िता की मां ने कहा कि वह नही जानती नार्को टेस्ट क्या होता है।

खबर भी आई कि दो दिन पहले हाथरस के डीएम ने पीड़िता के ताऊ की छाती पर जूते से मारा और धमकाया की सब चले जायेंगे, मीडिया भी गायब हो जाएगी, लेकिन परिवार के साथ वह हमेशा रहेंगे। आशंका यह है कि पीड़ित परिवार पर चुप रहने का दबाव बनाया जा रहा है।

(हाथरस कांड- पीड़िता के गांव में घर से कुछ दूरी पर पोलिस बैरियर- जिसे पार किया, तो  हुआ लाठी चार्ज )


उधर चारों गिरफ्तार हुए आरोपियों के पिता ने कहा कि  "राज्य सरकार की  सीबीआई जांच के फैसले का वह सम्मान करते हैं। यदि दोषी पाए गए तो सरे आम चौराहे पर बच्चों को गोली मार दी जाए, लेकिन निष्पक्ष सीबीआई जांच के बाद ।"

कल पूर्व भाजपा विधायक राजवीर सिंह पहलवान के निजी आवास जो पीड़िता के गांव से 6 किमी दूर है, वहां पर सवर्ण समाज के सैकड़ो लोगो की सभा हुई, प्रथमतया लगा कि वह पंचायत है।  बाद में साफ हुआ कि सी बी आई जांच के लिए धन्यवाद देने और अपराधीयों की निष्पक्ष जांच हो इसलिए लोग एकत्रित हुए थे।

उधर पीड़िता के परिवार को न्याय दिलाने के लिए स्वयं उनसे मिलने के लिए प्रयासरत अधिवक्ता सीमा कुशवाहा को भी पुलिस ने परिवार से मिलने नही दिया।
उधर विपक्ष में सपा के अखिलेश यादव ने कहा कि नारको टेस्ट अधिकारियों का होना चाहिए, पीड़िता के परिवार का नही।

आप के संजय सिंह का कहना है कि डीएम तो सीएम की पोल खोल देगा इसलिए उन्हें नही हटाया जा रहा है।

योगी सरकार का कहना है कि विपक्ष सिर्फ राजनीति के चलते विरोध कर रहा है।मामले में निष्पक्ष जांच होगी, दोषी नही बचेंगे।

हाथरस कांड अभी जल ही रहा है कि बलरामपुर में भी दलित के साथ गैंगरेप की घटना हुई है ।मामले की गंभीरता देखते हुए अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और लॉ एंड आर्डर के अतिरिक्त महानिदेशक प्रशांत कुमार पीड़ित परिवार से  कल मिलने पहुंचे।

इन्होंने पीड़ित परिवार को भरोसा दिया कि जल्द ही न्याय मिलेगा, मामला फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा।परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाएगी। परिवार को ६.१८ लाख की आर्थिक मदद के साथ ही एक आवासीय पट्टा देने की भी बात हुई है।



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