0 महाराष्ट्र में धार्मिक स्थल खोलने को लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री में मतभेद/ लेटर वॉर के जरिए मुख्यमंत्री का राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को संदेश -कंगना का राज भवन में स्वागत के साथ बुलाया जाना लगा गलत/ हिंदुत्व की कसौटी पर राज्यपाल के प्रमाणिकता की आवश्यकता नहीं- उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री - Khabre Mumbai

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महाराष्ट्र में धार्मिक स्थल खोलने को लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री में मतभेद/ लेटर वॉर के जरिए मुख्यमंत्री का राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को संदेश -कंगना का राज भवन में स्वागत के साथ बुलाया जाना लगा गलत/ हिंदुत्व की कसौटी पर राज्यपाल के प्रमाणिकता की आवश्यकता नहीं- उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री

गत दिनों महाराष्ट्र में धार्मिक स्थल को खोलने की मांग को लेकर विरोधी पक्ष भाजपा समेत कई हिंदू संगठनों ने भी मोर्चा निकाला था इसी क्रम में हिंदू धर्म संगठन के एक शिष्टमंडल ने औपचारिक रूप से राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को मिलकर अपना ज्ञापन भी सौंपा था।

 इसके बाद राज्यपाल ने मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री कार्यालय में धार्मिक संस्थान खोलने की अनुमति पर विचार करने का पत्र लिखा था। हाल ही में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने माननीय राज्यपाल को उनकी विनय पत्र पर जवाब देते हुए लेटर लिखा है ।मुख्यमंत्री ने कहा है कि  राज्यपाल ने उनके हिंदुत्व स्टेटस से हटकर उनकी धर्मनिरपेक्षता पर प्रश्न चिन्ह लगाया जिसकी आवश्यकता नहीं है।


 उनके हिंदुत्व स्टेटस को लेकर राज्यपाल के प्रमाणिकता की आवश्यकता नहीं है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि  मुंबई को ऑक्यूपाइड कश्मीर की तरह कहकर मुंबई की तुलना करने वालों को राजभवन में सम्मान के साथ बुलाना क्या उचित है ।

वह महाराष्ट्र और महाराष्ट्र के लोगों की चिंता करते हैं। कोरोनावायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए उन्होंने हर संभव प्रयास किए हैं ।
इसी के तहत माझी बीएमसी माझा परिवार जैसे प्रकल्प भी चलाएं हैं। जिसकी जानकारी राज्यपाल को भी है ।
मुख्यमंत्री ने कहा की प्रार्थना के साथ साथ वह यह नहीं चाहते कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ लापरवाही हो।

 इसलिए फिलहाल मंदिर को खोलने की अनुमति नहीं दी गई है लेकिन मिशन बिगिन अगेन के तहत जिस तरह धीरे-धीरे कई चीजें खोली गई हैं, उसी तरह उनके इस विनती पत्र को भी ध्यान में रखकर आगे धार्मिक संस्थान खोलने के विषय पर सहमति होते ही निर्णय लिया जाएगा और उन्हें अवगत भी कराया जाएगा ।

पत्र के माध्यम से माननीय ठाकरे ने राज्यपाल भगत सिंह से अपनी शिकायत भी प्रकट कर दी है ।

उन्होंने दो टूक शब्दों में बताने का प्रयास किया है कि उनके चुप रहने का कतई गलत अर्थ ना निकाला जाए और उनके हिंदुत्ववादी होने के लिए राज्यपाल की या किसी भी अन्य व्यक्ति के प्रमाण की कोई आवश्यकता नहीं है।
आपको बता दें कि मंदिर संस्थान को खोलने के लिए महाराष्ट्र के राज्य भर में कई बड़े संस्थानों ने भी भूख हड़ताल किए हैं जिसमें शिर्डी संस्थान के पुजारी ने भी भूख हड़ताल कर सरकार को यह संदेश देना चाहा है कि जल्द से जल्द इस मंदिर खोला जाना चाहिए सिद्धिविनायक मंदिर मुंबा देवी मंदिर भूलेश्वर के मंदिर और मुंबई में प्रसिद्ध कई अन्य राम मंदिर साईं संस्थान मंदिर जैसे कई प्रमुख मंदिरों में लॉकडाउन के समय से लेकर अब तक ताला लगा हुआ है लगभग सभी संस्थान और मंदिर खोलने के पक्ष में है और इसी क्रम में कुछ विशिष्ट धार्मिक संस्थान के मंडलों में राज्यपाल से भी मुलाकात कर अपना ज्ञापन सौंपा था जिस को ध्यान में रखते हुए राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था मुख्यमंत्री ठाकरे का अपने पत्र के माध्यम से राज्यपाल को यह भी बताना पड़ा कि जो भी संस्थान के शिष्टमंडल उनसे मिलकर जाएं हैं और उन्हें अपना ज्ञापन दिए हैं हम सभी में अक्सर भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का ही संबंध दिखाई देता है ।चूंकि उनकी सरकार सत्ता में नहीं है और महा विकास आघाडी सत्ता में है ।और मुख्यमंत्री होने के नाते लापरवाही ना होने पाए इसकी पूरी जिम्मेदारी उन पर ही है।

गौरतलब हो कि राज्य में बार, होटल, व्यावसायिक संस्थान, सभी शुरू किए जा सके हैं।
नवी मुम्बई में बार को रात के 11.30बजे तक क्रियान्वित राखने की अनुमति दी गई है।

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