बिहार विधानसभा चुनाव में शिवसेना को चुनाव चिन्ह -बिस्किट/ पार्टी में नाराजगी- चुनाव आयोग को लिखा पत्र /अपेक्षित चुनाव चिन्ह नहीं मिलने से असंतुष्ट - 50 उम्मीदवार उतारने की तैयारी/
वर्त्तमान में सम्पन्न होने जा रहे विधानसभा चुनाव - बिहार में शिवसेना ने पहले भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं /इस बार भी उन्होंने 50 उम्मीदवार उतारने की तैयारी की है।
गौरतलब हो कि शिवसेना पार्टी का चुनाव चिन्ह धनुष बाण है लेकिन बिहार में नितीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड का चुनाव चिन्ह बाण है ।ऐसे मौके पर जनता दल (यू) ने कहा कि यदि शिवसेना को धनुष बाण चिन्ह दिया गया तो तो हमारे बहुत से मतदाता जो हमारे वोटर हैं वह चुनाव चिन्ह के कन्फ्यूजन के चलते शिवसेना को वोट दे सकते हैं।
सत्तासीन पार्टी की इस शिकायत पर ध्यान देते हुए राज्य चुनाव आयोग ने शिवसेना को धनुष बाण यह चुनाव चिन्ह देने से मना कर दिया है।
हालांकि शिवसेना ने उपलब्ध चुनावों में से 3 चुनाव चिन्ह चुनाव आयोग को सुझाएं जिनमें ट्रैक्टर चलाता हुआ किसान, गैस सिलेंडर और बल्ला सुझाया था। पर चुनाव आयोग ने इन तीनों में से कोई चिन्ह शिवसेना को नहीं दिया है बल्कि बिस्किटाची न दिया गया है जिससे पार्टी में भारी असंतोष है और उन्होंने चुनाव आयोग को इस पर पत्र भी लिखा है ।
आपको बता दें कि शिवसेना ने 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा लिया था ,जिसमें 243 में से तिहत्तर सीटों पर उन्होंने अपने उम्मीदवार उतारे थे। 35 से ज्यादा सीटों पर शिवसेना को भाजपा से भी ज्यादा वोट मिले थे। कुल 211000 से ज्यादा मत शिवसेना को 2015 में प्राप्त हुए थे।
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी पत्र में उल्लेख है कि शिवसेना को इलेक्शन सिंबल आर्डर,1968 के पैरा 13 के तहत बिहार के 50 सीटों के लिए फ्री सिंबल की सूची से बिस्किट चुनाव चिन्ह आबंटित किया जाता है।
बता दें कि बीते दिनों शिवसेना कोटे से सांसद अनिल देसाई ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर बिहार चुनाव के लिए नए चुनाव चिन्ह देने की मांग की थी जिसके लिए तीन चिन्ह भी सुझाये थे।
2019 में सत्ताधारी जदयू ने चुनाव आयोग को शिकायत देकर शिवसेना और जे एम एम के चुनाव चिन्ह राज्य चुनाव के लिए निरस्त करा दिए थे।जे एम एम और शिवसेना का पार्टी चिन्ह धनुष बाण और जदयू के चिन्ह बाण (तीर)है।
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