0 प्रधानमंत्री मोदी जी की मन की बात - कार्यक्रम में किसानों से संबंधित आधुनिकीकरण कृषि पर व्यापक जोर/ शहीद भगत सिंह, महात्मा गांधी ,लाल बहादुर शास्त्री, राजमाता विजयराजे सिंधिया , नानाजी देशमुख जैसी महान विभूतियों का किया स्मरण/ कोरोना पर संदेश- जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नही। - Khabre Mumbai

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प्रधानमंत्री मोदी जी की मन की बात - कार्यक्रम में किसानों से संबंधित आधुनिकीकरण कृषि पर व्यापक जोर/ शहीद भगत सिंह, महात्मा गांधी ,लाल बहादुर शास्त्री, राजमाता विजयराजे सिंधिया , नानाजी देशमुख जैसी महान विभूतियों का किया स्मरण/ कोरोना पर संदेश- जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नही।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से हाल ही में लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों द्वारा पास किए हुए कृषि और कृषक संबंधित बिल पर अपनी बात कही।

 मोदी जी ने बताया  महाराष्ट्र में 4 साल पहले ही एपीएमसी मार्केट के अलावा बाहर भी अपनी उत्पादन को बेचने की आजादी किसानों को मिली ।इसके अंतर्गत महराष्ट्र में श्री स्वामी समर्थ शेतकरी संघटना के द्वारा चलाए जा रहे  साप्ताहिक कृषि बाजार का उदाहरण मोदी जी ने बताया। यही अब अन्य राज्य के किसानों को मिल रहा है। एपीएमसी मार्केट के अलावा निजी कॉरपोरेट कंपनी, किसी भी संस्थान को या अन्य किसी भी बाजार में सुविधाजनक अपनी उपज बेचकर अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

 कई किसानों का नए आधुनिकीकरण यंत्रों और तकनीकों के माध्यम से अपने खेती से लाखों रुपए के फायदे कमाने का भी उदाहरण मोदी जी ने बताया। 

मोदी जी ने मणिपुर की एक कृषक द्वारा कमल की डंठल से कपास निकालने और धागे बनाए जाने को वस्त्र उद्योग क्षेत्र में नई पहचान बताया। इस्माइल भाई द्वारा न केवल अपने लिए बल्कि अन्य कृषकों को भी नए आधुनिक तरीके से शिमला मिर्च, करेला, डाल, चावल , आलू आदि की सफल खेती और उससे आर्थिक लाभ मिलने में पूरे सहयोग करने की भरपूर प्रशंशा मोदी जी ने की।

मोदी जी ने 28 सितंबर को शहीद भगत सिंह को उनकी जयंती के अवसर पर याद किया है उन्होंने बताया कि किस तरह भगत सिंह ने आज से 100 साल पहले 1919 में भयानक नरसंहार हुई जालियांवाला बाग में 12 साल की उम्र में देखकर भारत मां के लिए वीरता का पराक्रम और शौर्य दिखाने के लिए एक भक्त का जन्म लेना, महज 23 वर्ष की उम्र में शहीद भगत सिंह का ब्रिटिश हुकूमत की नींव हिला देना ,टीम वर्क की गहरी समझ रही। चाहे लाला लाजपत राय हों, राजगुरु सुखदेव , चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों के साथ मिलकर ब्रिटिश हुकूमत को डरने पर मजबूर कर दिया।
मोदी जी ने आगामी 2 अक्टूबर के विशेष दिन को भी चर्चा की जब राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी व भूतपूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री जी की जयंती पर उनके सपने को साकार करने की बात कही। मोदी जी ने कहा यदि देश गांधी जी के बताए मार्ग पर चल रहा होता तो शायद आज आत्म निर्भर बनने की जरूरत ही नही पड़ती।
शास्त्री जी की सादगी पर भी बात की।
नानाजी देशमुख और भारतीय जनसंघ के प्रमुख जयप्रकाश नारायण  के 11 अक्टूबर के दिन को भी जिक्र करते हुए मोदी जी ने बिहार की उस घटना का जिक्र किया जब  लोकनायक जयप्रकाश पर आत्मघाती हमले को नानाजी देशमुख ने खुद पर झेल लिया और उन्हें उसमे गंभीर चोटें आई थीं।
12 अक्टूबर को राजमाता विजयाराजे सिंधिया के दिन को भी याद करते हुए मोदी जी ने बताया कि कैसे एक बार वह और 40 से अधिक कार्यकर्ता ग्वालियर ,मध्यप्रदेश में रुके हुए थे, आधी रात में राजमाता सिर्फ उनके ही नही बल्कि सभी के घर स्वयं जाकर गर्म दूध दिया और उसे पीकर  ही सोने की सलाह दी थी। मोदी जी ने  राजमाता के इस वात्सल्य को कभी भी न भूल सकनेवाला वाकया बताया।

कोरोना काल मे इतने लंबे समय से जहां एक ओर लोग परेशान रहे हैं तो दूसरी ओर परिवार में साथ रहने का अवसर भी मिला है। कई परिवारों में बुजुर्गों द्वारा कहानी के माध्यम से परिवार में ऊर्जा और एकता बनाये रखने की कला पर भी मोदी जी ने विशेष बात की और बुजुर्ग या बड़ो का  परिवार को जोड़े रखने में महत्व बताया।

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