0 उत्तर प्रदेश में अपराधियों के हौसले बुलंद /अपराध चरम सीमा पर - सुल्तानपुर में पत्रकार की बेटी को जिंदा जलाकर मारा / पुलिस प्रशासन ने मामले में बरती लापरवाही- पूरे प्रकरण को एस पी ने क्राइम ब्रांच के सुपुर्द किया / - Khabre Mumbai

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उत्तर प्रदेश में अपराधियों के हौसले बुलंद /अपराध चरम सीमा पर - सुल्तानपुर में पत्रकार की बेटी को जिंदा जलाकर मारा / पुलिस प्रशासन ने मामले में बरती लापरवाही- पूरे प्रकरण को एस पी ने क्राइम ब्रांच के सुपुर्द किया /

उत्तर प्रदेश में अपराध प्रशासन और राजनीति तीनों का एक दूसरे से जोड़कर देखा जाना महज एक संयोग नहीं है बल्कि यह एक इतिहास इतिहास रहा है मुन्ना बजरंगी श्री प्रकाश शुक्ला विकास दुबे, धनंजय सिंह, हरिशंकर तिवारी अतीक अहमद कई ऐसे नाम है जो अक्सर चर्चा में छाए रहे हैं।

 कुछ 2 महीने पहले गाजियाबाद में एक पत्रकार की हत्या कर दी गई थी। अब इसी हफ्ते सोमवार को सुल्तानपुर में पत्रकार प्रदीप सिंह की बेटी श्रद्धा सिंह को जिंदा जला दिया गया है ।
प्रश्न यह उठता है प्रशासन क्यों नहीं इन पर अपनी लगाम लगा पाता ।

अपराधी बेखौफ होकर इतनी दर्दनाक हादसों को कैसे अंजाम दे रहे हैं । क्या पत्रकारों की आवाज को भी दबाने की असफल कोशिश की जा रही है। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माने जाने वाले पत्रकार और उनके परिवार भी सुरक्षित नहीं रह गए हैं। आम जनता से लेकर खास लोगों तक सभी के दिलों में अपराध का बढ़ता डर उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनने से कोसों दूर करता जा रहा है।
 ऐसा नहीं है कि योगी सरकार प्रयास नहीं कर रही लेकिन यथार्थ चित्रण अपराधियों के बढ़ते ग्राफ की ओर  ही इशारा कर रही है।

मामला सुल्तानपुर के बल्दीराय स्थित तडरसा मजरे गांव की हैं। पत्रकार प्रदीप सिंह और उनके विरोधी पक्ष से जमीन का विवाद काफी समय से चल रहा है । इसी विवाद में कुछ समय पहले विरोधी पक्ष से लाठियां भी चली प्रदीप सिंह को भी इसका सामना करना पड़ा ।एक बुजुर्ग की इस विवाद में हत्या भी हो गई ।लेकिन उस समय भी स्थानीय पुलिस प्रशासन ने कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई, मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया । मामला तब ज्यादा गंभीर हुआ जब थानाध्यक्ष सिंह ने मृत बुजुर्ग का शव  कब्रिस्तान से सटे प्रदीप की जमीन पर ही  दफन करवा दिया। हालांकि जिस जमीन को पुलिस अगले पक्ष का बता रही थी, उसकी पैमाइश हुई नजर एसडीएम मिल्कीपुर ने यह साफ कह दिया कि जमीन प्रदीप सिंह की ही है। 

प्रदीप सिंह का कहना है कि 2 जून को हुई घटना पर गंभीरता दिखाते हुए यदि पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गिरफ्तारी की होती तो आज उनकी बेटी जिंदा होती। अपराधियों के हौसले इतने बुलंद नही होते। दरअसल 2 जून की हुई घटना पर प्रदीप सिंह की पत्नी अर्चना ने तहरीर दी और बाद में आई जी रेंज फैजाबाद संजीव गुप्ता के निर्देश पर पुलिस ने धारा 307  समेत अन्य 10 धाराएं लगाई थी लेकिन मेडिकल के बाद इस धारा को हटा दिया जो अपराधियों के लिए संजीवनी बन गई। बाद में अन्य धाराओं में पुलिस ने कोरोना का हवाला देते हुए अपराधियों को खुला छोड़ दिया।  प्रदीप की बेटी को जलाकर मारनेवाले परसौली निवासी  सुभाष महंत,  जय करन - अपराधी उस 2 जून वाली घटना में भी शामिल थे। इन्होंने उस बेटी श्रद्धा को तब जिंदा जलाया जब वह अपने घर के बाहर लगे नल से पानी ले रही थी। सोमवार की ही रात  लखनऊ ट्रामा सेंटर अस्पताल में ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।  श्रद्धा को पहले  90 प्रतिशत तक जली स्थिति में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धनपतगंज ले जाया गया था।इसी जली अवस्था मे बेटी का बयान मैजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज हुआ है। पिता पत्रकार प्रदीप सिंह को पुलिस ने जबरन एक मुकदमे में फंसाकर पहले ही जेल भेज रखा है।

आरोप  यह भी लगाया जा रहा है कि स्थानीय थाना अध्यक्ष  अखिलेश सिंह विरोधियों के ही पक्ष में खड़े नजर आते हैं।  इस सोमवार को जमीनी विवाद का खामियाजा पत्रकार प्रदीप सिंह की बेटी श्रद्धा सिंह को अपनी जान देकर जवानी पड़ी, जब अपराधियों ने श्रद्धा को जिंदा जला दिया। मामले की तहरीर थाने पर दफा 302 के तहत हो चुकी है । अब एस पी शिवहरि मीणा ने जांच  एस ओ अखिलेश सिंह से वापस लेकर  पूरे प्रकरण की जांच का जिम्मा पुलिस प्रशासन से हटाकर क्राइम ब्रांच को सौंप दिया है।

सोमवार को श्रद्धा को जिंदा जलाया गया ।मंगलवार को उसका अंतिम संस्कार किया गया। अंत्य क्रिया में शामिल होने के लिए जेल में बंद पिता को पैरोल पर बाहर आना पड़ा और उन्होंने बल्दीराय के थाना प्रभारी एवम देहली बाजार चौकी इंचार्ज पर गंभीर आरोप लगाए। पुलिस ने हत्याकांड में शामिल चार अपराधियों में से तीन  को पकड़ लेने की बात कही है।

पत्रकार पिता प्रदीप सिंह ने पुलिस प्रशाशन पर उठाए सवाल

पूरे प्रकरण में पहली बार बुधवार को एस पी शिवहरि मीणा ने सख्त कदम उठाए।
पहले दिन से शक और लापरवाही के आरोपो से घिरे थानाध्यक्ष अखिलेश सिंह से यह मामला वापस ले लिया गया है।

पुलिस की जानकारी के अनुसार, श्रद्धा हत्याकांड का मामला धारा ३०२ के तहत , और इससे पहले पत्रकार प्रदीप सिंह की पत्नी अर्चना द्वारा दी गई शिकायत दोनों की जांच अब क्राइम ब्रांच ही करेगी।


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